आजकल जीवन में कई आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए लोग बैंकों से लोन लेते हैं। घर, गाड़ी, बिजनेस, शिक्षा आदि के लिए लोन लेना आम हो गया है। लोन लेते समय व्यक्ति यह सोचता है कि वह इसे अपनी आय के माध्यम से समय पर चुका देगा। लेकिन अगर लोन लेने वाले व्यक्ति की अचानक मृत्यु हो जाए, तो सवाल उठता है कि बैंक अपना बकाया कैसे वसूल करता है? आइए इस विषय पर विस्तार से चर्चा करें।
यह भी पढ़ें- सरकार का बड़ा फैसला! सरकारी कर्मचारी और अधिकारी नहीं जा सकेंगे महाकुंभ, लागू किया गया एस्मा
मृतक की संपत्ति को बैंक कर सकता है सीज
अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है और उसका लोन बाकी है, तो बैंक सबसे पहले उसके को-ऐप्लिकैंट या गारंटर से संपर्क करता है। अगर कोई को-ऐप्लिकैंट नहीं है या वह भी भुगतान करने में असमर्थ है, तो बैंक कानूनी उत्तराधिकारी या मृतक के परिजनों से संपर्क करता है। यदि परिवार भुगतान नहीं कर पाता है, तो बैंक मृतक की संपत्ति को सीज कर सकता है और उसे बेचकर लोन की भरपाई कर सकता है।
होम लोन और कार लोन के मामले में क्या होता है?
अगर किसी व्यक्ति ने होम लोन या कार लोन लिया है और उसकी मृत्यु हो जाती है, तो बैंक उस संपत्ति को जब्त कर सकता है। बैंक कानूनी प्रक्रिया के तहत उस घर या गाड़ी को नीलाम कर देता है और उस नीलामी से प्राप्त राशि को बकाया लोन चुकाने में उपयोग करता है। यदि नीलामी से मिलने वाली राशि लोन राशि से कम होती है, तो बैंक बाकी रकम की भरपाई अन्य संपत्तियों से करने की कोशिश करता है।
यह भी पढ़ें- इनकम टैक्स में बड़ी राहत! TDS के नए नियम, टैक्स छूट समेत 10 बड़े बदलाव, देखें जरूरी जानकारी
गारंटर और उत्तराधिकारियों की भूमिका
बैंक लोन देने से पहले एक गारंटर की आवश्यकता पड़ सकती है, जो यह गारंटी देता है कि यदि लोन लेने वाला व्यक्ति भुगतान करने में असमर्थ हो जाता है, तो वह रकम चुकाने के लिए उत्तरदायी होगा। अगर लोन लेने वाले की मृत्यु हो जाती है, तो बैंक गारंटर से राशि की मांग करता है।
उत्तराधिकारी या परिजनों के लिए स्थिति तब कठिन हो जाती है, जब मृतक ने लोन लिया हो और उसके पास कोई बीमा न हो। हालांकि, उत्तराधिकारी के पास यह विकल्प होता है कि वे संपत्ति छोड़ सकते हैं, जिससे वे उस लोन से मुक्त हो सकते हैं। लेकिन यदि वे संपत्ति को अपनाते हैं, तो लोन भी उन्हें ही चुकाना पड़ता है।
टर्म इंश्योरेंस से हो सकता है समाधान
अगर कोई व्यक्ति लोन लेता है, तो उसे टर्म इंश्योरेंस भी लेना चाहिए। टर्म इंश्योरेंस से मिलने वाली राशि का उपयोग मृतक के परिवार वाले उसके लोन को चुकाने के लिए कर सकते हैं। इससे उनके ऊपर अतिरिक्त वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा और वे बैंक की वसूली प्रक्रिया से बच सकते हैं।