
पाकिस्तान में धीमी इंटरनेट स्पीड की समस्या कोई नई नहीं है। यह समस्या वर्षों से बनी हुई है और इसका असर न केवल आम उपभोक्ताओं पर बल्कि व्यापारिक गतिविधियों और डिजिटल क्षेत्र पर भी पड़ रहा है। इंटरनेट स्पीड को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इंटरनेट स्पीड में कमी सेंसरशिप और सरकारी हस्तक्षेप के कारण हो रही है, जबकि सरकार इस समस्या के पीछे सबमरीन केबल्स के क्षतिग्रस्त होने को जिम्मेदार ठहरा रही है। हालांकि, इसका कोई स्थायी समाधान अब तक नहीं निकल पाया है।
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सैटेलाइट इंटरनेट से मिलेगी राहत?
इंटरनेट स्पीड की इस समस्या को दूर करने के लिए पाकिस्तान सरकार अब सैटेलाइट इंटरनेट सेवा लॉन्च करने की योजना बना रही है। ऐसा अनुमान है कि जल्द ही इस सेवा को आधिकारिक मंजूरी मिल सकती है। अगर ऐसा होता है तो यह पाकिस्तान के इंटरनेट यूजर्स के लिए एक क्रांतिकारी बदलाव हो सकता है। सैटेलाइट इंटरनेट का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि देश के दूर-दराज़ के क्षेत्रों में भी हाई-स्पीड इंटरनेट उपलब्ध हो सकेगा, जहां अब तक ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी बेहद सीमित थी। हालांकि, यह सेवा आम लोगों के लिए कितनी सुलभ होगी, इस पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
सैटेलाइट इंटरनेट के ऊंचे दाम, क्या आम लोग कर पाएंगे इस्तेमाल?
अगर सैटेलाइट इंटरनेट को सरकार से मंजूरी मिल भी जाती है, तो इसका इस्तेमाल आम जनता कर पाएगी या नहीं, यह बड़ा सवाल है। इसकी वजह यह है कि पाकिस्तान में सैटेलाइट इंटरनेट की कीमतें बेहद ज्यादा हैं। एलन मस्क की कंपनी Starlink ने पाकिस्तान में अपनी सेवाएं शुरू करने की तैयारी कर ली है, लेकिन इसके लिए भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सैटेलाइट इंटरनेट पैकेज की शुरुआती कीमत 50,000 पाकिस्तानी रुपये प्रति माह रखी गई है। इस पैकेज में यूजर्स को 50-250 Mbps तक की इंटरनेट स्पीड मिलेगी, जबकि हार्डवेयर के लिए अलग से 120,000 रुपये देने होंगे। यह कीमत इतनी अधिक है कि इस राशि में एक हाई-एंड स्मार्टफोन खरीदा जा सकता है।
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बिजनेस पैकेज की कीमत और भी ज्यादा
जो लोग घर के लिए इंटरनेट लेना चाहते हैं, उनके लिए एक ‘रेसिडेंशियल पैकेज’ भी उपलब्ध होगा, जिसकी कीमत 35,000 रुपये प्रति माह होगी। इसके लिए वन-टाइम हार्डवेयर शुल्क के रूप में लगभग 110,000 रुपये का निवेश करना होगा। वहीं, बिजनेस क्लास पैकेज की बात करें, तो इसकी मंथली कीमत 95,000 रुपये होगी। इस पैकेज के साथ 100-500 Mbps की स्पीड दी जाएगी, लेकिन हार्डवेयर के लिए 220,000 रुपये अलग से खर्च करने होंगे।
सैटेलाइट इंटरनेट कैसे करता है काम?
सैटेलाइट इंटरनेट एक नई और आधुनिक तकनीक है, जिसमें लो-अर्थ ऑर्बिट (LEO) में मौजूद हजारों सैटेलाइट्स के जरिए इंटरनेट सिग्नल ट्रांसमिट किए जाते हैं। इस तकनीक की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे काम करने के लिए किसी ब्रॉडबैंड लाइन, केबल या मोबाइल टावर की जरूरत नहीं होती। बस एक रिसीवर डिश और हार्डवेयर की आवश्यकता होती है, जो सीधे सैटेलाइट से कनेक्ट हो सके।
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क्या यह पाकिस्तान में इंटरनेट समस्या का स्थायी समाधान हो सकता है?
सैटेलाइट इंटरनेट एक उन्नत तकनीक है और यह पाकिस्तान जैसे देशों के लिए बेहद उपयोगी साबित हो सकती है, जहां पारंपरिक ब्रॉडबैंड और मोबाइल नेटवर्क पूरी तरह से विकसित नहीं हैं। लेकिन इसकी उच्च कीमतें इसे आम लोगों की पहुंच से बाहर कर सकती हैं। सरकार को इस दिशा में कदम उठाते हुए सैटेलाइट इंटरनेट सेवाओं को सस्ता और सुलभ बनाने के लिए सब्सिडी या अन्य राहत योजनाओं पर विचार करना होगा।