
आजकल कई लोग अपने घर से दूर नौकरी या पढ़ाई के कारण किराए के मकान में रहते हैं। ऐसे में मकान मालिक की मनमानी कई बार किरायेदारों के लिए परेशानी का सबब बन जाती है। कई लोग कानूनी अधिकारों की जानकारी के अभाव में मकान मालिक की शर्तों को मजबूरी में मानने पर विवश हो जाते हैं। इसलिए हर किरायेदार को अपने अधिकारों की पूरी जानकारी होनी चाहिए ताकि वह किसी भी प्रकार के शोषण से बच सके।
मकान मालिक किरायेदार को बार-बार परेशान नहीं कर सकता
कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, मकान मालिक को यह अधिकार है कि वह किराए पर देने से पहले किरायेदार की पूरी जांच-पड़ताल करे, लेकिन एक बार किराए पर देने के बाद बार-बार जांच करने या किरायेदार को बेवजह परेशान करने का हक उसे नहीं है। अगर मकान मालिक इस तरह की हरकत करता है तो किरायेदार उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही कर सकता है।
मकान मालिक बिना उचित नोटिस के घर खाली नहीं करा सकता
कई बार मकान मालिक अचानक किरायेदार से घर खाली करने को कह देते हैं, जो कि पूरी तरह से गैरकानूनी है। किरायेदार और मकान मालिक के बीच हुए रेंट एग्रीमेंट में नोटिस पीरियड का स्पष्ट रूप से उल्लेख होना चाहिए। मकान मालिक किरायेदार को कम से कम 30 दिन का लिखित नोटिस दिए बिना घर खाली करने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। यदि एग्रीमेंट में अधिक समयावधि का उल्लेख है तो उसी के अनुसार नोटिस दिया जाना चाहिए।
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सिक्योरिटी मनी के नियम
किराए के मकान में रहने से पहले मकान मालिक किरायेदार से सिक्योरिटी मनी लेता है, लेकिन इसकी भी एक सीमा होती है। कोई भी मकान मालिक दो महीने से अधिक की सिक्योरिटी मनी नहीं मांग सकता है। अगर किसी कारणवश ज्यादा सिक्योरिटी मनी ली जा रही है तो इसका उल्लेख रेंट एग्रीमेंट में किया जाना अनिवार्य है। मकान खाली करते समय मकान मालिक को यह पूरी रकम किरायेदार को वापस लौटानी होती है। यदि किसी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ हो तो मकान मालिक सिक्योरिटी मनी काट नहीं सकता।
किराएदार की सहमति के बिना मकान में निर्माण नहीं कराया जा सकता
कई बार मकान मालिक अपने किराए के मकान में कोई निर्माण कार्य शुरू कर देते हैं जिससे किरायेदार को असुविधा होती है। यह पूरी तरह से गैरकानूनी है। किराए पर दिए गए मकान में किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य के लिए पहले किरायेदार की सहमति लेना जरूरी है। यदि मकान मालिक किरायेदार को निर्माण कार्य के कारण कुछ समय के लिए शिफ्ट करने को कहता है, तो उसे पहले यह स्पष्ट करना होगा कि वह इसके लिए क्या व्यवस्था करेगा और यह अवधि कितनी होगी।
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मकान मालिक किराया मनमाने तरीके से नहीं बढ़ा सकता
अक्सर देखा जाता है कि मकान मालिक साल-दो साल में किराया बढ़ा देते हैं। कई बार वे बिना किसी सूचना के किराया बढ़ाने की मांग करते हैं, जिससे किरायेदार को परेशानी होती है। किराए के समझौते (रेंट एग्रीमेंट) में इस बात का उल्लेख होना चाहिए कि किराया कितनी अवधि में और कितनी प्रतिशत वृद्धि के साथ बढ़ेगा। बिना किराएदार की सहमति के मकान मालिक अचानक किराया नहीं बढ़ा सकता।