![अब मजदूरों को भी मिलेगी पेंशन! जानें कैसे मिलेगा इस योजना का लाभ PM Shram Yogi Mandhan Yojana](https://newzoto.com/wp-content/uploads/2025/02/PM-Shram-Yogi-Mandhan-Yojana-1024x576.jpg)
भारत सरकार समय-समय पर समाज के विभिन्न वर्गों के लिए योजनाएं लेकर आती है, जिनका उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को सहायता प्रदान करना होता है। खासतौर पर देश के असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों के लिए सरकार की योजनाएं बेहद महत्वपूर्ण होती हैं। इन्हीं योजनाओं में से एक है प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना, जो असंगठित मजदूरों के लिए एक पेंशन योजना है। यह योजना उन मजदूरों को उनके भविष्य के लिए आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है जो अपनी दैनिक कमाई पर निर्भर होते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं इस योजना के बारे में और किस तरह यह मजदूरों के जीवन में बदलाव ला रही है।
असंगठित मजदूरों के लिए पेंशन योजना
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना को साल 2019 में केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों को एक सुनिश्चित पेंशन प्रदान करना है, जिससे उनकी वृद्धावस्था में आर्थिक तंगी न हो। इस योजना के तहत पंजीकृत मजदूरों को 60 वर्ष की आयु के बाद हर महीने 3000 रुपये की पेंशन दी जाती है।
योजना में भाग लेने के लिए मजदूरों को एक निश्चित राशि का मासिक अंशदान करना होता है। खास बात यह है कि जितनी राशि मजदूर अपने खाते में जमा करता है, उतनी ही राशि सरकार भी इसमें योगदान करती है। यानी, यह एक सहयोगी पेंशन योजना है, जिसमें सरकार भी बराबर की भागीदार होती है।
किन मजदूरों को मिलता है लाभ?
इस योजना का लाभ असंगठित क्षेत्र में कार्यरत कई तरह के मजदूरों को मिलता है, जिनमें शामिल हैं:
- सड़क किनारे छोटे दुकानदार
- ऑटो-रिक्शा और टैक्सी चालक
- प्लंबर, मोची, दर्जी, नाई
- धोबी, घरेलू कामगार
- ईंट-भट्ठों में काम करने वाले मजदूर
- रिक्शा चालक और अन्य असंगठित श्रमिक
इस योजना का लाभ लेने के लिए श्रमिक की उम्र 18 से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए और उसे कम से कम 20 वर्षों तक नियमित अंशदान करना होगा। 60 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद मजदूर को हर महीने पेंशन दी जाती है।
ऐसे करें आवेदन
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना में आवेदन करने की प्रक्रिया बेहद सरल और सुगम है। श्रमिकों को केवल अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) में जाकर आवेदन करना होता है। आवेदन के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होती है:
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड (यदि उपलब्ध हो)
- बचत खाता पासबुक या चेक बुक
कॉमन सर्विस सेंटर पर रजिस्ट्रेशन करने के बाद श्रमिक को श्रम योगी कार्ड नंबर जारी किया जाता है। इसके बाद योजना के तहत हर महीने तयशुदा अंशदान की राशि ऑनलाइन खाते से स्वतः कटती रहती है। 60 वर्ष की उम्र पूरी होने पर मजदूरों को पेंशन मिलनी शुरू हो जाती है।
योजना के फायदे
- वृद्धावस्था में मजदूरों को नियमित आय प्राप्त होगी, जिससे वे आत्मनिर्भर बने रहेंगे।
- मजदूर जितना अंशदान करता है, उतना ही सरकार भी जमा करती है, जिससे योजना का लाभ बढ़ जाता है।
- कॉमन सर्विस सेंटर से आसानी से पंजीकरण किया जा सकता है।
- 60 वर्ष के बाद हर महीने 3000 रुपये की पेंशन का लाभ।