उत्तर प्रदेश में ग्रेटर नोएडा स्थित जेवर एयरपोर्ट राज्य सरकार की सबसे महत्त्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है। यह एयरपोर्ट सिर्फ नोएडा ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश, हरियाणा और आसपास के अन्य राज्यों के लिए भी एक प्रमुख आर्थिक और व्यापारिक केंद्र बनने जा रहा है। सरकार की योजना इस हवाई अड्डे को प्रदेश के प्रमुख शहरों से जोड़ने की है ताकि इसकी उपयोगिता और प्रभाव क्षेत्र को और अधिक विस्तारित किया जा सके।
गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा जेवर एयरपोर्ट
यूपी सरकार ने गंगा एक्सप्रेसवे के माध्यम से जेवर एयरपोर्ट को प्रदेश के अन्य हिस्सों से जोड़ने का निर्णय लिया है। इसके लिए 76 किलोमीटर लंबा एक नया लिंक एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा, जो यमुना एक्सप्रेसवे से लगभग 24 किलोमीटर पहले जुड़ेगा। इस परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 4500 करोड़ रुपये होगी। यह एक्सप्रेसवे पश्चिमी यूपी को पूर्वी यूपी से जोड़ने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जिससे दिल्ली-एनसीआर से लेकर प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों तक यात्रा को सुगम बनाया जा सकेगा।
यूपीडा को सौंपी गई जिम्मेदारी
इस प्रोजेक्ट की नोडल एजेंसी के रूप में उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) को नियुक्त किया गया है। यह एजेंसी इस परियोजना के सभी प्रशासनिक और तकनीकी पहलुओं की निगरानी करेगी। इस एक्सप्रेसवे के गंगा एक्सप्रेसवे से जुड़ने के कारण यह आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे जैसे अन्य महत्वपूर्ण एक्सप्रेसवे नेटवर्क से भी जुड़ेगा, जिससे पूरे प्रदेश में एक नया यातायात ग्रिड तैयार होगा।
2026 से शुरू होगा निर्माण कार्य
इस योजना के तहत एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य की शुरुआत 2026 में होगी। विस्तृत परियोजना रिपोर्ट फरवरी 2025 तक नियोजन विभाग को सौंप दी जाएगी, जिसके बाद मार्च 2025 में इसे एम्पावर्ड फाइनेंस कमेटी से मंजूरी मिलने की संभावना है। मई से जुलाई 2025 के बीच भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी, जिससे निर्माण कार्य फरवरी 2026 से शुरू हो सके। इस परियोजना की कुल लागत में से लगभग 4100 करोड़ रुपये भूमि अधिग्रहण पर खर्च किए जाएंगे।
नए एक्सप्रेसवे से आसान होगी यात्रा
इस नए लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण के बाद उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों के बीच यात्रा और सुगम हो जाएगी। विशेष रूप से, दिल्ली-एनसीआर, लखनऊ, वाराणसी, कानपुर, मेरठ और गोरखपुर जैसे बड़े शहरों को इससे सीधा लाभ मिलेगा। वर्तमान में, प्रदेश में गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे और फर्रुखाबाद लिंक एक्सप्रेसवे जैसी अन्य परियोजनाएं भी चल रही हैं, जिनका उद्देश्य राज्य के विभिन्न हिस्सों को बेहतर सड़क संपर्क प्रदान करना है। इस एक्सप्रेसवे नेटवर्क के कारण यातायात जाम की समस्या भी कम होगी, जिससे यात्रियों को समय और धन की बचत होगी।
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निर्यात हब बनने जा रहा है जेवर एयरपोर्ट
जेवर एयरपोर्ट को सिर्फ हवाई यात्रा के लिए ही नहीं, बल्कि एक महत्त्वपूर्ण निर्यात केंद्र के रूप में भी विकसित किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) के अंतर्गत एक नया एक्सपोर्ट हब स्थापित करने की योजना बना रही है। इसका उद्देश्य किसानों, खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों और छोटे व्यापारियों को वैश्विक बाजार से जोड़ना है। इस केंद्र से मूंगफली, सब्जियां, काला नमक चावल और तिल जैसे कृषि उत्पादों का निर्यात किया जाएगा। इससे न केवल किसानों की आय बढ़ेगी, बल्कि यूपी के स्थानीय उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय पहचान भी मिलेगी।
यूपी के विकास को मिलेगा नया आयाम
इस परियोजना के पूरा होने से उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा मिलेगी। राज्य सरकार का लक्ष्य इस क्षेत्र को एक बड़े व्यापार और औद्योगिक केंद्र के रूप में विकसित करना है, जहां निवेशकों को बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाएं मिलें। यह परियोजना न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि पूरे भारत के लॉजिस्टिक्स और परिवहन क्षेत्र के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी। इससे प्रदेश में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे और स्थानीय युवाओं को बेहतर करियर विकल्प मिलेंगे।