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क्या ट्रेन में गाय और भैंस ट्रांसपोर्ट की जा सकती हैं? यहां जानें पूरा जवाब

भारतीय रेलवे में कार और बाइक की तरह क्या मवेशी भी सफर कर सकते हैं? जानिए रेलवे के अनदेखे नियम, जरूरी दस्तावेज और बुकिंग प्रक्रिया, जिससे आप बिना किसी परेशानी के अपने पशुओं को एक जगह से दूसरी जगह भेज सकें!

By Saloni uniyal
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भारत में रेलवे देश की लाइफलाइन मानी जाती है, जिससे हर दिन करोड़ों यात्री सफर करते हैं। न केवल लोग बल्कि उनके वाहन भी ट्रेन के माध्यम से एक जगह से दूसरी जगह भेजे जा सकते हैं। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या गाड़ियों की तरह ही गाय और भैंस जैसे मवेशियों को भी ट्रेन के जरिए ट्रांसपोर्ट किया जा सकता है? अगर हां, तो इसके लिए क्या नियम हैं, बुकिंग की प्रक्रिया क्या होती है, और कितना किराया देना पड़ता है? आइए विस्तार से जानते हैं।

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क्या ट्रेन में मवेशी ले जा सकते हैं?

अगर आप अपने मवेशियों को ट्रेन के माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेजना चाहते हैं, तो भारतीय रेलवे इसके लिए विशेष व्यवस्था प्रदान करता है। इसके लिए कैटल वैन (Cattle Van) या स्पेशल पार्सल वैन की सुविधा उपलब्ध होती है। लेकिन इस प्रक्रिया के तहत कुछ नियमों और शर्तों का पालन करना अनिवार्य होता है।

कैसे होती है मवेशियों की बुकिंग?

गाय और भैंस को ट्रेन में ले जाने के लिए आपको रेलवे के पार्सल ऑफिस में जाकर विशेष बुकिंग करानी होगी। यह बुकिंग केवल अधिकृत रेलवे स्टेशन के पार्सल विभाग में ही की जा सकती है। कैटल वैन या पार्सल वैन की उपलब्धता और ट्रांसपोर्टेशन के लिए एडवांस बुकिंग जरूरी होती है।

मवेशी ट्रांसपोर्ट के लिए आवश्यक दस्तावेज

गाय और भैंस को ट्रेन में भेजने के लिए आपको कुछ जरूरी दस्तावेज प्रस्तुत करने होते हैं:

  1. वेटरनरी सर्टिफिकेट – किसी अधिकृत पशु चिकित्सक से प्रमाणित दस्तावेज होना जरूरी है, जिसमें यह सुनिश्चित किया जाए कि मवेशी स्वस्थ हैं और यात्रा के लिए उपयुक्त हैं।
  2. परिवहन अनुमति – कई राज्यों में मवेशियों को एक स्थान से दूसरे स्थान भेजने के लिए सरकारी अनुमति की आवश्यकता होती है।
  3. मालवाहक रसीद (Consignment Note) – रेलवे पार्सल विभाग से प्राप्त एक जरूरी दस्तावेज जो यह दर्शाता है कि मवेशी रेलवे द्वारा आधिकारिक रूप से ले जाए जा रहे हैं।

यात्रा के दौरान देखभाल की व्यवस्था

गाय और भैंस को ट्रेन में ले जाने के दौरान उनकी देखभाल बेहद जरूरी होती है। इसके लिए निम्नलिखित नियमों का पालन करना आवश्यक होता है:

  • यात्रा के दौरान मवेशियों के लिए पर्याप्त भोजन और पानी की व्यवस्था करनी होगी।
  • प्रत्येक कैटल वैन के साथ एक अटेंडेंट या मालिक को साथ भेजना अनिवार्य है, जो यात्रा के दौरान मवेशियों की देखभाल करेगा।
  • ट्रांसपोर्ट के दौरान पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 के सभी नियमों का पालन करना जरूरी है।

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किराया और शुल्क की गणना कैसे होती है?

गाय और भैंस को ट्रेन में भेजने के लिए किराए की गणना उनके वजन और दूरी के आधार पर की जाती है। भारतीय रेलवे के पार्सल विभाग द्वारा हर वर्ष इसकी दरें निर्धारित की जाती हैं। किराए की सही जानकारी के लिए आपको नजदीकी रेलवे पार्सल कार्यालय से संपर्क करना चाहिए।

नियमों का उल्लंघन करने पर क्या होता है?

अगर कोई व्यक्ति ट्रेन में मवेशी भेजने के नियमों का पालन नहीं करता या आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करता, तो उसे भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है। रेलवे के नियमों की अनदेखी करने पर मवेशियों को जब्त भी किया जा सकता है और संबंधित व्यक्ति पर कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है। इसलिए यह जरूरी है कि सभी आवश्यक शर्तों का पालन किया जाए।

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