बिहार

Public Holiday: शिवरात्रि पर स्कूलों की छुट्टी घोषित! सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूल रहेंगे बंद

26 फरवरी को बंद रहेंगे सभी स्कूल! महाशिवरात्रि पर होगा खास आयोजन, शिवालयों में उमड़ेगी भक्तों की भीड़। जानिए पूजा के शुभ मुहूर्त, व्रत विधि और वैज्ञानिक महत्व – पूरी जानकारी के लिए पढ़ें!

By Saloni uniyal
Published on
Public Holiday: शिवरात्रि पर स्कूलों की छुट्टी घोषित! सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूल रहेंगे बंद
Public Holiday: शिवरात्रि पर स्कूलों की छुट्टी घोषित! सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूल रहेंगे बंद

महाशिवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे पूरे देश में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। इस वर्ष, महाशिवरात्रि 26 फरवरी 2025 को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान शिव की आराधना करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। भक्तगण मंदिरों में जाकर शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र और अन्य पूजन सामग्री अर्पित करते हैं। ऐसा माना जाता है कि विधि-विधान से पूजन करने पर भगवान भोलेनाथ शीघ्र प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। महाशिवरात्रि आध्यात्मिकता और भक्ति का पर्व है, जो हमें संयम, ध्यान और आत्मचिंतन का संदेश देता है। भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए इस दिन व्रत, पूजा और ध्यान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। बिहार सहित पूरे देश में यह पर्व श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाएगा, जिसमें भक्तगण भगवान भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए व्रत और रात्रि जागरण करेंगे।

महाशिवरात्रि का पौराणिक महत्व

पौराणिक कथाओं के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव का विवाह माता पार्वती से संपन्न हुआ था। इसी दिन महादेव ने अपने विराट स्वरूप में अग्निलिंग के रूप में प्रकट होकर सृष्टि की रचना की थी। इसलिए यह पर्व शिव और शक्ति के मिलन का प्रतीक माना जाता है। सालभर में 12 शिवरात्रियां आती हैं, लेकिन फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष चतुर्दशी को मनाई जाने वाली महाशिवरात्रि को सर्वोच्च स्थान प्राप्त है।

यहाँ भी देखें: RBI Guidelines: बैंक लूट या फ्रॉड होने पर ग्राहकों को कितना मिलेगा पैसा वापस? जानिए नए नियम

महाशिवरात्रि 2025: तिथि और शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, महाशिवरात्रि की चतुर्दशी तिथि 26 फरवरी 2025 को प्रातः 11:08 बजे से प्रारंभ होकर 27 फरवरी को प्रातः 08:54 बजे तक रहेगी। शिव पूजन के लिए रात्रि के चार प्रहर विशेष महत्वपूर्ण माने जाते हैं। अतः इस दिन शिव भक्त उपवास रखकर रातभर भगवान शिव की आराधना करते हैं और अगले दिन प्रातः व्रत का पारण करते हैं।

चार प्रहर की पूजा के शुभ मुहूर्त:

महाशिवरात्रि के चार प्रहर की पूजा के शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं: प्रथम प्रहर 26 फरवरी को शाम 6:19 बजे से रात 9:26 बजे तक, द्वितीय प्रहर रात 9:26 बजे से 27 फरवरी, 12:34 बजे तक, तृतीय प्रहर 27 फरवरी, 12:34 बजे से 3:41 बजे तक, और चतुर्थ प्रहर 27 फरवरी, 3:41 बजे से सुबह 6:48 बजे तक रहेगा।

यहाँ भी देखें: खुशखबरी! इन राशन कार्ड धारकों को मिलेगा 2 महीने का फ्री राशन, जानिए कारण

पूजा विधि एवं व्रत का महत्व

महाशिवरात्रि पर व्रत रखने और शिव पूजन करने से सभी प्रकार के दोषों का निवारण होता है। इस दिन शिवलिंग पर जल, दूध, गन्ने का रस, शहद, दही और घी अर्पित किया जाता है। साथ ही, भगवान शिव को बेलपत्र, धतूरा और भांग चढ़ाने से विशेष आशीर्वाद की प्राप्ति होती है। रातभर जागरण और भजन-कीर्तन करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है। दांपत्य जीवन को सुखमय बनाने के लिए पति-पत्नी को साथ में जलाभिषेक करना अत्यंत शुभ माना जाता है।

बिहार में महाशिवरात्रि का विशेष महत्व

बिहार में महाशिवरात्रि के अवसर पर शिव बारात निकालने की विशेष परंपरा है। इस बारात में विभिन्न स्वरूपों में सजे शिव भक्त शामिल होते हैं। बेगूसराय, सीतामढ़ी और औरंगाबाद जैसे जिलों में भव्य झांकियां निकाली जाती हैं, जिनमें भगवान शिव और देवी पार्वती के विवाह प्रसंग को दर्शाया जाता है। इस दौरान प्रशासन द्वारा सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी की जाती है ताकि भक्तों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

यहाँ भी देखें: जल्द निपटा लें बैंकिंग काम! दो दिन की हड़ताल पर रहेंगे बैंक कर्मचारी, जानिए क्या हैं उनकी मांगें

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महाशिवरात्रि का महत्व

वैज्ञानिक दृष्टि से भी महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है। इस दिन पृथ्वी की स्थिति ऐसी होती है कि व्यक्ति की ऊर्जा स्वाभाविक रूप से ऊपर की ओर प्रवाहित होती है। इस कारण ध्यान, साधना और पूजा करने से मानसिक एवं शारीरिक लाभ प्राप्त होते हैं। यही कारण है कि इस दिन उपवास और रात्रि जागरण की परंपरा को अत्यंत लाभकारी माना गया है।

स्कूलों की छुट्टी घोषित

महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर बिहार सरकार ने सभी सरकारी और निजी स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया है। इस दिन मंदिरों में भारी भीड़ उमड़ती है और विभिन्न धार्मिक आयोजन होते हैं, जिससे यातायात और सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए छुट्टी आवश्यक मानी गई है।

Leave a Comment