
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार 8 साल पूरे होने का जश्न बड़े पैमाने पर मना रही है। इस अवसर पर राज्य सरकार 25 से 27 मार्च तक एक तीन दिवसीय कार्यक्रम आयोजित कर रही है, जिसका केंद्रीय विषय होगा ‘यूपी भारत का ग्रोथ इंजन’। इस कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य के सभी जिलों में सरकार की उपलब्धियों को दर्शाया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सरकार की योजनाओं, विकास कार्यों और भविष्य की रणनीति पर प्रकाश डालेंगे। वहीं, राज्य के मंत्री अलग-अलग जिलों में मेले और प्रदर्शनियों का उद्घाटन करेंगे।
प्रदेशभर में मनेगा जश्न, हर जिले में होंगे आयोजन
सरकार की योजना है कि इन तीन दिनों के भीतर उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में सरकार द्वारा किए गए कार्यों का प्रदर्शन किया जाए। इसके तहत मिनी एक्जीबिशन, जन संवाद कार्यक्रम, डॉक्यूमेंट्री फिल्में, और सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों के अनुभव साझा किए जाएंगे। इन आयोजनों का उद्देश्य है कि जनता को यह बताया जा सके कि बीते 8 वर्षों में उत्तर प्रदेश किस प्रकार से सुरक्षा, निवेश, शिक्षा, स्वास्थ्य और इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में आगे बढ़ा है।
मुख्यमंत्री देंगे आंकड़ों के साथ रिपोर्ट कार्ड
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस अवसर पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे जिसमें वे 2017 से 2025 के बीच सरकार द्वारा उठाए गए कदमों, लागू की गई योजनाओं और उनके परिणामों पर बात करेंगे। अनुमान है कि मुख्यमंत्री अपने संबोधन में रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy), बिजली आपूर्ति, बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स, आईपीओ (IPO) की ओर बढ़ती कंपनियां, इंटरनेशनल एयरपोर्ट्स और एक्सप्रेसवे नेटवर्क जैसे मुद्दों को विशेष रूप से रेखांकित करेंगे।
निवेश, रोजगार और इनोवेशन को बताया जाएगा मुख्य उपलब्धि
राज्य सरकार का दावा है कि उत्तर प्रदेश अब निवेशकों की पहली पसंद बन चुका है। हाल ही में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में भी हजारों करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। इसके अलावा स्टार्टअप इकोसिस्टम, एमएसएमई सेक्टर, और टेक्नोलॉजी हब के विकास को भी कार्यक्रमों में प्रमुखता से दर्शाया जाएगा। सरकार के मुताबिक इन पहलों से न केवल रोजगार के अवसर बढ़े हैं, बल्कि उत्तर प्रदेश डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की ओर भी मजबूती से अग्रसर है।
विपक्ष ने साधा निशाना, बेरोजगारी और कानून-व्यवस्था पर उठाए सवाल
जहां एक ओर योगी सरकार अपनी उपलब्धियों को लेकर उत्सव मना रही है, वहीं विपक्ष ने इसे लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला है। सपा, कांग्रेस और बसपा जैसे दलों ने बेरोजगारी, महंगाई, कानून-व्यवस्था, महिलाओं की सुरक्षा और शिक्षा की गिरती गुणवत्ता जैसे मुद्दों को उठाते हुए सरकार की आलोचना की है। विपक्ष का कहना है कि “जमीनी हकीकत और सरकारी दावों में जमीन-आसमान का अंतर है।”
‘यूपी भारत का ग्रोथ इंजन’ – केवल नारा या सच्चाई?
सरकार द्वारा चुनी गई थीम ‘यूपी भारत का ग्रोथ इंजन’ को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हैं। कुछ का मानना है कि यह थीम उत्तर प्रदेश की आर्थिक और सामाजिक प्रगति को दर्शाती है, वहीं विपक्ष का कहना है कि यह सिर्फ एक राजनीतिक स्टंट है। हालांकि आंकड़ों की बात करें तो पिछले 8 सालों में राज्य का बजट दोगुना हुआ है, औद्योगिक निवेश में तेज़ी आई है और ट्रांसपोर्ट और कनेक्टिविटी के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य हुए हैं।
8 सालों में सुरक्षा से लेकर संरचना तक बदलते उत्तर प्रदेश की तस्वीर
योगी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि के तौर पर कानून-व्यवस्था में सुधार को गिना जा रहा है। सरकार का दावा है कि गैंगस्टर एक्ट, एनकाउंटर पॉलिसी, और महिला सुरक्षा हेल्पलाइन जैसी पहलों ने उत्तर प्रदेश को अपराध मुक्त बनाने की दिशा में कारगर भूमिका निभाई है। इसके साथ ही राज्य में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, और निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेसवे जैसे मेगा प्रोजेक्ट्स ने इंफ्रास्ट्रक्चर को नई ऊंचाई दी है।
सामाजिक योजनाएं और जन कल्याण की नीति
सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वनिधि योजना, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, फ्री राशन स्कीम, और आयुष्मान भारत योजना को राज्य में प्रभावी रूप से लागू किया है। इन योजनाओं का उद्देश्य समाज के गरीब और वंचित तबकों को मुख्यधारा में लाना है। सरकार का दावा है कि लाखों परिवारों को इन योजनाओं का सीधा लाभ मिला है और इससे उनका जीवन स्तर सुधरा है।
निष्कर्ष: जनता तय करेगी कितना सच्चा है विकास का दावा
तीन दिवसीय यह आयोजन न केवल सरकार के लिए अपनी उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाने का मंच है, बल्कि यह आगामी 2027 विधानसभा चुनाव की तैयारियों की एक कड़ी भी माना जा रहा है। विपक्ष के तीखे सवाल और जनता की प्रतिक्रिया ही यह तय करेगी कि ‘यूपी भारत का ग्रोथ इंजन’ एक सफल ब्रांडिंग है या फिर सिर्फ एक चुनावी नारा।