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दुनिया का अनोखा एयरपोर्ट! लैंड करते ही 3 देशों में एंट्री, अंदर लागू हैं अलग-अलग कानून

यह एयरपोर्ट न केवल तीन देशों के कस्टम और सुरक्षा नियमों का संगम है, बल्कि यहां के यात्रियों के लिए एक ऐसी यात्रा का अनुभव मिलता है, जिसे आप कभी नहीं भूलेंगे!

By Saloni uniyal
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दुनिया का अनोखा एयरपोर्ट! लैंड करते ही 3 देशों में एंट्री, अंदर लागू हैं अलग-अलग कानून
दुनिया का अनोखा एयरपोर्ट! लैंड करते ही 3 देशों में एंट्री, अंदर लागू हैं अलग-अलग कानून

दुनिया में कई तरह के एयरपोर्ट हैं, लेकिन कुछ एयरपोर्ट अपनी अनोखी विशेषताओं के लिए प्रसिद्ध होते हैं। एक ऐसा एयरपोर्ट है, जो अपनी अद्वितीयता के कारण खास है। यहां उतरते ही आप तीन देशों की सीमा पार कर सकते हैं! जी हां, यह एयरपोर्ट स्विट्जरलैंड, फ्रांस और जर्मनी की सीमाओं पर स्थित है और यहां पर यात्री बिना किसी रोक-टोक के तीन देशों के बीच आ-जा सकते हैं। इसे “यूरो एयरपोर्ट बेसल-मलहाउस-फ्रीबर्ग” (EuroAirport Basel-Mulhouse-Freiburg) कहा जाता है। इस एयरपोर्ट की खास बात यह है कि यह एक ही स्थान पर तीन देशों के कस्टम और सुरक्षा के नियमों का पालन करता है, जिससे यात्रियों के लिए यह एक अजीब लेकिन रोचक अनुभव बन जाता है।

तीन देशों का एयरपोर्ट – एक जगह, तीन अलग-अलग देशों का प्रवेश

EuroAirport Basel-Mulhouse-Freiburg की लोकेशन इसे एक अद्वितीय एयरपोर्ट बनाती है, क्योंकि यह स्विट्जरलैंड, फ्रांस और जर्मनी की सीमाओं से सटा हुआ है। हालांकि यह एयरपोर्ट फ्रांस में स्थित है, लेकिन इस एयरपोर्ट से यात्री न केवल फ्रांस बल्कि स्विट्जरलैंड और जर्मनी की सीमाओं में भी प्रवेश कर सकते हैं। यदि आप एक एग्जिट गेट से बाहर निकलते हैं, तो आप स्विट्जरलैंड में होंगे, वहीं दूसरे गेट से बाहर निकलने पर आप फ्रांस में होंगे। इसके अलावा, इस एयरपोर्ट का एक और अनोखा पहलू यह है कि जर्मनी की सीमा भी यहां से नजदीक है, जिससे तीनों देशों के लोग इस एयरपोर्ट से बहुत सहूलियत से यात्रा कर सकते हैं।

दो देशों के कानून लागू, एक छत के नीचे

इस एयरपोर्ट की सबसे खास बात यह है कि यहां अलग-अलग देशों के कानून लागू होते हैं। जैसा कि पहले कहा गया कि यह एयरपोर्ट फ्रांस में है, लेकिन इसकी संरचना को इस तरह से बनाया गया है कि यह स्विस और फ्रेंच कस्टम ज़ोन में बंटा हुआ है। यहां, स्विट्जरलैंड और फ्रांस के कस्टम नियम एक ही छत के नीचे लागू होते हैं। इसका मतलब है कि एयरपोर्ट पर यात्री बिना किसी बाधा के दोनों देशों में यात्रा कर सकते हैं। एयरपोर्ट की सुरक्षा के जिम्मे भी फ्रांसीसी सुरक्षा एजेंसियों का नियंत्रण होता है, जबकि स्विट्जरलैंड की ओर से कस्टम और सुरक्षा की जिम्मेदारी स्विस सुरक्षा एजेंसियों के पास होती है।

यूरो एयरपोर्ट का इतिहास – देशों के बीच सहयोग का प्रतीक

EuroAirport Basel-Mulhouse-Freiburg का इतिहास भी बहुत दिलचस्प है। 1930 में यह विचार सामने आया था कि फ्रांस और स्विट्जरलैंड के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए ऐसा एयरपोर्ट बनाना चाहिए, जो दोनों देशों की सीमा के करीब हो। हालांकि, द्वितीय विश्व युद्ध के कारण इस प्रोजेक्ट में देरी हुई। 1946 के बाद इस प्रोजेक्ट को फिर से शुरू किया गया और यह एयरपोर्ट देशों के बीच सहयोग का प्रतीक बन गया। इस एयरपोर्ट का निर्माण स्विट्जरलैंड की ओर से अधिक फंडिंग के साथ हुआ, जबकि फ्रांस ने अपनी ज़मीन दी थी।

तीन देशों का रास्ता – जर्मनी, फ्रांस और स्विट्जरलैंड

EuroAirport Basel-Mulhouse-Freiburg एयरपोर्ट से तीन देशों के शहरों में आसानी से पहुंचा जा सकता है। ये शहर हैं- फ्रेबर्ग एम ब्रेस्गो (Freiburg im Breisgau), जर्मनी; मलहाउस (Mulhouse), फ्रांस; और बेसल (Basel), स्विट्जरलैंड। इन तीनों शहरों तक इस एयरपोर्ट से सीधा रास्ता है, जिससे यात्रियों को इन देशों में आने-जाने में कोई परेशानी नहीं होती। इस एयरपोर्ट के बोर्ड में तीनों देशों के एडवाइजर शामिल होते हैं, जो इस एयरपोर्ट के संचालन और विकास में सहयोग करते हैं।

क्या है इसका मतलब यात्री के लिए?

इस एयरपोर्ट का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यात्री किसी भी गेट से बाहर निकलकर तीन देशों में से किसी भी देश में प्रवेश कर सकते हैं। इसका मतलब यह है कि यात्री को कस्टम चेक-इन के लिए अलग से लाइन में लगने की जरूरत नहीं होती, और यह यात्रा को और भी आसान और तेज बनाता है। इसके अलावा, यात्री अपनी सुविधा के अनुसार यूरो या स्विस फ्रैंक का इस्तेमाल कर सकते हैं।

यह एयरपोर्ट उन लोगों के लिए बहुत सहायक है, जो इन तीन देशों के बीच यात्रा करते हैं। इससे यात्री अपने समय का बेहतरीन उपयोग कर सकते हैं और यात्रा की पूरी प्रक्रिया को सहज बना सकते हैं।

एयरपोर्ट का भविष्य

EuroAirport Basel-Mulhouse-Freiburg एयरपोर्ट आने वाले वर्षों में और भी ज्यादा विकसित हो सकता है, क्योंकि यह एयरपोर्ट न केवल तीन देशों के बीच एक महत्वपूर्ण कनेक्शन का काम करता है, बल्कि यह देशों के बीच सहयोग और मित्रता का प्रतीक भी है। इसके निर्माण और संचालन में तीनों देशों की साझेदारी इसकी सफलता को दर्शाती है।

यदि आप यात्रा करने के लिए इस एयरपोर्ट का इस्तेमाल करते हैं, तो आपको अनुभव होगा कि यह एयरपोर्ट न केवल एक सामान्य एयरपोर्ट से अलग है, बल्कि यह दुनिया के एकमात्र एयरपोर्ट में से एक है जहां आप उतरते ही तीन देशों में जा सकते हैं। यह अनोखा अनुभव यात्रियों के लिए अविस्मरणीय साबित हो सकता है।

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