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सावधान! बिना इंश्योरेंस टोल पार किया तो चालान कटेगा ऑटोमैटिक, फिर सीधे 3 महीने की जेल

1 फरवरी 2025 से ओडिशा में 22 टोल गेट्स पर हाई-टेक ई-डिटेक्शन सिस्टम हुआ लागू! बिना इंश्योरेंस पकड़े जाने पर लगेगा भारी जुर्माना और हो सकती है जेल। जानिए कैसे यह सिस्टम करेगा आपकी गाड़ी की तुरंत पहचान और भेजेगा ऑटोमैटिक ई-चालान।

By Saloni uniyal
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सावधान! बिना इंश्योरेंस टोल पार किया तो चालान कटेगा ऑटोमैटिक, फिर सीधे 3 महीने की जेल

सड़कों पर बिना इंश्योरेंस वाले वाहनों की बढ़ती संख्या को नियंत्रित करने के लिए ओडिशा सरकार ने एक नया कदम उठाया है। इस समस्या से न केवल वाहन मालिकों को नुकसान होता है, बल्कि सड़क दुर्घटना के शिकार लोगों को भी मुआवजा नहीं मिल पाता। इसी को ध्यान में रखते हुए ओडिशा राज्य परिवहन प्राधिकरण (STA) ने 1 फरवरी 2025 से एक अत्याधुनिक ई-डिटेक्शन प्रणाली लागू करने का निर्णय लिया है। इस नई प्रणाली के तहत राज्य के 22 टोल गेट्स पर हाई-टेक ई-डिटेक्शन सिस्टम लगाया जाएगा, जो बिना इंश्योरेंस वाले वाहनों की तुरंत पहचान कर उन्हें ऑटोमैटिक ई-चालान भेजेगा।

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कैसे काम करेगा ई-डिटेक्शन सिस्टम?

यह नया ई-डिटेक्शन सिस्टम अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित होगा। टोल गेट्स पर लगे कैमरे और स्कैनिंग डिवाइसेस वाहन नंबर प्लेट को स्कैन करेंगे और उसकी इंश्योरेंस वैधता की तुरंत जांच करेंगे। यदि कोई वाहन बिना वैध इंश्योरेंस के पाया जाता है, तो पहली बार पकड़े जाने पर वाहन मालिक को 2,000 रुपये का चालान भेजा जाएगा।

अगर वही वाहन दोबारा बिना इंश्योरेंस के पकड़ा जाता है, तो चालान की राशि बढ़कर 4,000 रुपये हो जाएगी। इसके अलावा, बार-बार नियम तोड़ने पर वाहन मालिक को तीन महीने तक की जेल की सजा भी हो सकती है। कुछ मामलों में दोषी को जेल और जुर्माने दोनों की सजा भुगतनी पड़ सकती है।

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नई प्रणाली क्यों है जरूरी?

कई वाहन चालक अपने वाहनों का इंश्योरेंस समय पर नवीनीकरण नहीं करवाते, जिससे दुर्घटना की स्थिति में पीड़ितों को उचित मुआवजा नहीं मिल पाता। ओडिशा सरकार इस नई प्रणाली के जरिए यह सुनिश्चित करना चाहती है कि सड़क पर चलने वाले सभी वाहन वैध इंश्योरेंस के साथ हों। इससे न केवल दुर्घटना पीड़ितों को समय पर मुआवजा मिल सकेगा, बल्कि सड़क सुरक्षा भी बढ़ेगी।

पहले भी सफल रही है यह तकनीक

यह पहली बार नहीं है जब किसी राज्य सरकार ने ई-डिटेक्शन प्रणाली लागू की है। इससे पहले बिहार सरकार ने भी अपने 32 टोल प्लाजाओं पर ऐसी ही एक प्रणाली लागू की थी। बिहार में इस प्रणाली के तहत वाहनों के इंश्योरेंस के साथ-साथ PUC (पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल) सर्टिफिकेट की भी जांच की जाती थी। यदि कोई वाहन बिना PUC प्रमाणपत्र के पकड़ा जाता, तो उसे 10,000 रुपये का चालान भरना पड़ता था।

बिहार में लागू इस प्रणाली ने केवल दो दिनों के भीतर 5,000 से अधिक ई-चालान जारी किए थे। इस प्रणाली की सफलता को देखते हुए सरकार ने इसे पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर और अन्य स्मार्ट शहरों में भी लागू करने की योजना बनाई थी। अब ओडिशा सरकार ने भी इस तकनीक को अपनाकर वाहन चालकों को सतर्क रहने की चेतावनी दी है।

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देशभर में लागू हो सकता है यह नियम

अगर आप भी बिना इंश्योरेंस के वाहन चला रहे हैं, तो सतर्क हो जाएं। ओडिशा और बिहार जैसे राज्यों में लागू की गई यह ई-डिटेक्शन प्रणाली जल्द ही अन्य राज्यों में भी लागू हो सकती है। सरकार का उद्देश्य न केवल सड़क दुर्घटनाओं को कम करना है, बल्कि दुर्घटनाओं के मामलों में पीड़ितों को जल्द से जल्द न्याय दिलाना भी है।

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