
भारत में गर्मी ने एक बार फिर से अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है। जैसे ही तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंचता है, वैसे ही लोग ठंडक पाने के लिए कूलर और एसी की ओर दौड़ते हैं। हालांकि, हर कोई AC खरीदने की स्थिति में नहीं होता, इसलिए ज़्यादातर लोग कूलर को ही किफायती और असरदार विकल्प के रूप में चुनते हैं। लेकिन कूलर खरीदते समय सबसे आम सवाल सामने आता है — प्लास्टिक कूलर बेहतर है या लोहे का? अगर आप भी इस गर्मी में एक बेहतरीन कूलर खरीदने की सोच रहे हैं, तो इस रिपोर्ट में हम आपको बताएंगे कि दोनों विकल्पों में से कौनसा आपके लिए ज़्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है।
प्लास्टिक कूलर क्यों बन रहे हैं शहरी भारत की पहली पसंद?
प्लास्टिक बॉडी से बने कूलर इन दिनों शहरों में खासा पसंद किए जा रहे हैं। इसके पीछे कई कारण हैं। सबसे पहले तो इनका मॉडर्न डिजाइन और आकर्षक लुक है, जो आज के उपभोक्ताओं को खूब भाता है। इसके अलावा, इनका वजन बहुत कम होता है, जिससे इन्हें एक कमरे से दूसरे कमरे में आसानी से शिफ्ट किया जा सकता है। यह सुविधा खासकर अपार्टमेंट और फ्लैट्स में रहने वालों के लिए बेहद उपयोगी होती है।
एक और बड़ी बात यह है कि प्लास्टिक कूलर में जंग नहीं लगता, जिससे इनका रखरखाव भी काफी आसान होता है। इसके अलावा, ये कूलर अपेक्षाकृत कम आवाज़ करते हैं और इन्हें साफ करना भी बेहद आसान होता है। ऐसे में अगर आप एक कॉम्पैक्ट, लो-मेंटेनेंस और पोर्टेबल कूलिंग सॉल्यूशन तलाश रहे हैं, तो प्लास्टिक कूलर आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
लोहे के कूलर: ग्रामीण इलाकों की पहली पसंद और क्यों?
दूसरी ओर, लोहे यानी मेटल बॉडी वाले कूलर की बात करें तो ये भारत के ग्रामीण और कस्बाई इलाकों में ज़्यादा पसंद किए जाते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है इनकी मजबूती और कूलिंग कैपेसिटी। मेटल बॉडी वाले कूलर की फैन स्पीड अधिक होती है और यह तेज़ हवा देता है, जिससे कमरे में ठंडक जल्दी महसूस होती है।
इसके अलावा, ये कूलर लंबा चलते हैं क्योंकि इनकी बॉडी मजबूत होती है। जिन इलाकों में बारिश, धूल और गर्म हवाओं का सामना ज़्यादा होता है, वहां मेटल बॉडी कूलर ज़्यादा टिकाऊ साबित होते हैं। हालांकि, इसके कुछ नुकसान भी हैं—जंग लगना, वजन ज़्यादा होना, और ज़्यादा बिजली की खपत। इससे इनका मेंटेनेंस खर्च भी बढ़ जाता है और इन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना भी मुश्किल होता है।
कूलर खरीदते समय कौनसे फैक्टर ध्यान में रखें?
जब आप यह सोच रहे होते हैं कि आपको प्लास्टिक बॉडी वाला कूलर खरीदना चाहिए या मेटल बॉडी वाला, तो यह पूरी तरह से आपकी भौगोलिक स्थिति, उपयोग का तरीका, और बजट पर निर्भर करता है। शहरी क्षेत्रों में जहां लोग जगह की कमी और सजावट की चिंता करते हैं, वहां प्लास्टिक कूलर एक स्मार्ट चॉइस है। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में जहां हवा की गुणवत्ता और कूलिंग की आवश्यकता ज़्यादा होती है, वहां मेटल कूलर कारगर होते हैं।
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इसके अलावा, लोहे वाले कूलर में पानी भरने की क्षमता अधिक होती है, जिससे ये लंबे समय तक चलते हैं। वहीं प्लास्टिक कूलर में अक्सर छोटे टैंक होते हैं लेकिन यह आसानी से भरे जा सकते हैं और रोजाना उपयोग में अधिक सुविधाजनक होते हैं।
आपके बजट और ज़रूरत के हिसाब से क्या है बेस्ट ऑप्शन?
अगर आप एक कॉम्पैक्ट और पोर्टेबल कूलर चाहते हैं जो देखने में भी अच्छा लगे और ज़्यादा मेंटेनेंस की ज़रूरत न हो, तो प्लास्टिक बॉडी वाला कूलर आपके लिए सही रहेगा। यह शहरी युवाओं और छोटे परिवारों के लिए आदर्श है। वहीं अगर आप एक ऐसा कूलर चाहते हैं जो तेज हवा दे और बड़ी जगह को जल्दी ठंडा कर सके, तो मेटल कूलर आपके लिए बेस्ट रहेगा।