
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने हाल ही में घोषणा की है कि वह महत्मा गांधी सीरीज वाले 20 रुपये के नए नोट जल्द ही जारी करेगा। इन नोटों की खास बात यह होगी कि इनमें नए RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा के हस्ताक्षर होंगे, जो 11 दिसंबर 2024 को इस पद पर नियुक्त हुए थे। RBI ने यह भी स्पष्ट किया है कि पुराने नोटों का चलन जारी रहेगा और वे वैध मुद्रा के रूप में मान्य रहेंगे।
नए नोट का डिजाइन मौजूदा 20 रुपये के नोट जैसा ही रहेगा। इससे संकेत मिलता है कि आम जनता को नोट की पहचान में कोई कठिनाई नहीं होगी और नोट की विशेषताएं पहले जैसी ही होंगी। केवल एक बड़ा बदलाव यह होगा कि इन पर वर्तमान गवर्नर संजय मल्होत्रा के हस्ताक्षर दिखाई देंगे।
नोट के डिजाइन में नहीं होगा कोई बदलाव, केवल हस्ताक्षर होंगे नए
RBI के मुताबिक, नए 20 रुपये के नोटों में डिजाइन, रंग, आकार और फीचर्स पूरी तरह पहले जैसे ही रहेंगे। इसमें महात्मा गांधी की तस्वीर, स्वच्छ भारत का लोगो, देवनागरी में मूल्य अंकन और अन्य सुरक्षा फीचर्स यथावत बने रहेंगे। इसका मतलब यह है कि उपभोक्ताओं को न तो इन नोटों की पहचान में कोई समस्या आएगी और न ही बाजार में इनके प्रचलन को लेकर कोई भ्रम रहेगा।
RBI के इस फैसले का उद्देश्य मौद्रिक प्रणाली में निरंतरता बनाए रखना है, साथ ही गवर्नर परिवर्तन के बाद की प्रक्रियात्मक आवश्यकता को पूरा करना है। यह एक नियमित प्रक्रिया है, जिसमें प्रत्येक नए गवर्नर के कार्यभार ग्रहण करने के बाद उनके हस्ताक्षर वाले नोट जारी किए जाते हैं।
पुराने नोट भी रहेंगे पूरी तरह वैध, भ्रम से बचें
केंद्रीय बैंक ने स्पष्ट किया है कि पहले जारी किए गए सभी 20 रुपये के नोट भी पूरी तरह वैध रहेंगे और उनके प्रचलन पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं होगा। इसलिए आम लोगों को पुराने नोटों को बदलवाने या बैंक में जमा करने की आवश्यकता नहीं है।
यह घोषणा विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो अक्सर पुराने नोटों को लेकर असमंजस में रहते हैं। RBI ने समय रहते स्पष्ट कर दिया है कि पुराने और नए दोनों ही नोट साथ-साथ चलेंगे।
संजय मल्होत्रा के हस्ताक्षर होंगे नई पहचान
संजय मल्होत्रा ने 11 दिसंबर 2024 को RBI के गवर्नर के रूप में कार्यभार संभाला था। उनके हस्ताक्षर वाले यह पहले नोटों में से एक होंगे। इससे पहले जारी किए गए नोटों पर पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास के हस्ताक्षर थे।
नए गवर्नर के हस्ताक्षर वाले नोट अक्सर संग्रहकर्ताओं और वित्तीय विश्लेषकों की नजर में होते हैं क्योंकि ये नोट एक संक्रमण काल का प्रतीक होते हैं। साथ ही, यह RBI की प्रणाली में पारदर्शिता और नियमित प्रक्रिया को दर्शाता है।
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सेबी स्कोर्स ने अप्रैल में 4,239 मामलों का किया निपटान
इसी बीच, कैपिटल मार्केट रेग्युलेटर सेबी (SEBI) ने अपने विवाद निवारण प्लेटफॉर्म SCORES के माध्यम से अप्रैल 2025 में कुल 4,239 मामलों का निपटान किया है। यह ऑनलाइन प्लेटफॉर्म निवेशकों की शिकायतों को हल करने के लिए बनाया गया है।
सेबी के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में SCORES पर कुल 4,341 नए मामले पंजीकृत हुए। महीने के अंत तक 4,263 मामले लंबित थे, जबकि 31 मार्च तक लंबित मामलों की संख्या 4,161 थी। यह दर्शाता है कि शिकायतों के निपटान की दर में लगातार सुधार हो रहा है, लेकिन नए मामलों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय है।
SEBI की इस पहल का उद्देश्य बाजार में निवेशकों का भरोसा बढ़ाना और Capital Market को अधिक पारदर्शी बनाना है। इससे छोटे और मध्यम निवेशकों को अपने मुद्दे सुलझाने का एक डिजिटल और सुलभ माध्यम मिल रहा है।
निवेशकों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए राहत भरी खबर
RBI की नई नोटों की घोषणा और SEBI की शिकायत निपटान की रिपोर्ट, दोनों ही खबरें आम जनता और निवेशकों के लिए राहत लेकर आई हैं। एक तरफ जहां RBI का फैसला यह सुनिश्चित करता है कि नकदी लेनदेन में कोई अवरोध न आए, वहीं SEBI की रिपोर्ट यह दर्शाती है कि भारतीय पूंजी बाजार निवेशकों की समस्याओं को गंभीरता से ले रहा है।
यह दोनों संस्थाएं, भारतीय वित्तीय प्रणाली की रीढ़ हैं और इनके ऐसे कदम भारत की आर्थिक स्थिरता और पारदर्शिता को और अधिक मजबूत बनाते हैं। साथ ही, यह दिखाता है कि भारत की वित्तीय एजेंसियां न केवल राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि वैश्विक मानकों के अनुरूप काम कर रही हैं।