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RBI Repo Rate: घर खरीदने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी, 5 साल बाद घटेगी होम लोन की EMI! RBI से उम्मीद

जानें कि वित्त मंत्री की ऐलान के बाद RBI किस तरह से मिडिल क्लास को और राहत दे सकता है और रेपो रेट में कटौती से आपकी EMI पर क्या असर पड़ेगा!

By Saloni uniyal
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2025-26 के आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मिडिल क्लास को बड़ी राहत देते हुए इनकम टैक्स में कटौती की घोषणा की। अब 12 लाख रुपये तक की आय को टैक्स मुक्त कर दिया गया है, जिससे लाखों लोग इस दायरे से बाहर हो गए हैं और टैक्स का बोझ कम हुआ है। इस महत्वपूर्ण घोषणा के बाद, अब देश की अर्थव्यवस्था के अगले कदम की ओर सबकी नजरें रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की ओर हैं। 5 से 7 फरवरी तक आयोजित होने वाली RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) बैठक में यह देखा जाएगा कि क्या आरबीआई इस वित्तीय वर्ष में मिडिल क्लास को और अधिक राहत देने के लिए रेपो रेट में बदलाव करता है।

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RBI पर टिकी निगाहें

इस महीने की शुरुआत में वित्त मंत्री ने टैक्स में छूट की घोषणा की थी, और अब सभी की उम्मीदें रिजर्व बैंक पर टिकी हैं। देश के केंद्रीय बैंक, RBI, द्वारा की जाने वाली पॉलिसी मीटिंग का महत्व बढ़ चुका है। खासकर, संजय मल्होत्रा के नए गवर्नर बनने के बाद उनकी पहली बैठक में कई बदलावों का ऐलान हो सकता है। यदि उम्मीद के अनुसार इस बार रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती होती है, तो यह काफी महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि पांच साल बाद ऐसा होने जा रहा है।

क्या हैं उम्मीदें?

आरबीआई के विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती हो सकती है। अगर ऐसा होता है, तो यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक कदम साबित हो सकता है। पिछले कुछ वर्षों में लगातार बढ़ती दरों के बावजूद, RBI का यह कदम आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहित कर सकता है। आखिरी बार मई 2020 में रेपो रेट में कटौती हुई थी, और उसके बाद मई 2022 से फरवरी 2023 तक इसे 2.50 फीसदी बढ़ाया गया था। अब इस कटौती से आम आदमी को राहत मिल सकती है, खासकर उन लोगों को जो लोन की EMI भर रहे हैं।

रेपो रेट में कटौती का असर

यदि आरबीआई रेपो रेट में कटौती करता है, तो इसका सीधा असर लोन की ब्याज दरों पर पड़ेगा। होम लोन, कार लोन जैसी कर्जों की EMI में कमी आएगी, जिससे लोगों की खपत क्षमता बढ़ेगी। यह इस अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा संकेत हो सकता है, क्योंकि लोग अधिक खर्च करने की स्थिति में होंगे। खासकर उस समय में जब सरकार द्वारा बजट के माध्यम से खपत को बढ़ावा देने के कदम उठाए गए हैं, ऐसे में अगर रेपो रेट में कमी आती है, तो यह कदम इसे और अधिक समर्थन देगा।

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क्यों घट सकती है ब्याज दरें?

रेपो रेट में कमी की संभावना को इस तथ्य से भी बल मिलता है कि आरबीआई ने पहले ही नकदी बढ़ाने के उपायों की घोषणा की है, जिससे बाजार की स्थिति में सुधार हो रहा है। इसके साथ ही, वित्त मंत्री ने बजट में खपत को प्रोत्साहित करने के लिए कदम उठाए हैं। अगर आरबीआई इस समय रेपो रेट में कटौती करता है, तो वह भी इस प्रोत्साहन का हिस्सा बन सकता है। इससे बाजार में मुद्रा की स्थिति बेहतर हो सकती है और अधिक आर्थिक गतिविधियां उत्पन्न हो सकती हैं।

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