
आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Yojana) के तहत सरकार ने एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है, जो लाखों लाभार्थियों को प्रभावित कर सकता है। अब इस योजना के अंतर्गत माता-पिता के हेल्थ कार्ड पर केवल 5 वर्ष तक के बच्चों को ही मुफ्त इलाज (Free Treatment) की सुविधा दी जाएगी। इससे पहले इस सीमा को लेकर कोई स्पष्ट निर्देश नहीं था, जिसके कारण बड़ी संख्या में बच्चे माता-पिता के कार्ड पर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ ले रहे थे।
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क्या है आयुष्मान भारत योजना?
आयुष्मान भारत योजना, जिसे प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) के नाम से भी जाना जाता है, भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी स्वास्थ्य योजना है। इसका उद्देश्य गरीब और कमजोर वर्ग के परिवारों को प्रतिवर्ष ₹5 लाख तक का मुफ्त इलाज उपलब्ध कराना है। देशभर में लाखों परिवार इस योजना के तहत पंजीकृत हैं और सरकारी एवं सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में इलाज की सुविधा पा रहे हैं।
बच्चों की आयु सीमा में हुआ परिवर्तन
हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार, अब केवल 0 से 5 वर्ष की आयु के बच्चों को ही माता-पिता के आयुष्मान कार्ड से इलाज की सुविधा दी जाएगी। इसका मतलब यह है कि 5 साल से ऊपर के बच्चों को अलग से आयुष्मान कार्ड बनवाना होगा, तभी वे स्वास्थ्य लाभ का लाभ उठा सकेंगे।
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इस बदलाव के पीछे सरकार का तर्क है कि कार्ड धारकों की संख्या और लाभार्थियों की पहचान को स्पष्ट करना आवश्यक हो गया था। कई बार एक ही कार्ड पर 6-7 लोग इलाज करवा रहे थे, जिससे योजना के दुरुपयोग की आशंका बढ़ गई थी।
नया कार्ड बनवाने की प्रक्रिया
अब जिन बच्चों की उम्र 5 वर्ष से अधिक है, उनके लिए अलग आयुष्मान कार्ड (Ayushman Card) बनवाना अनिवार्य होगा। इसके लिए अभिभावकों को उनके आधार कार्ड और अन्य जरूरी दस्तावेजों के साथ नजदीकी CSC सेंटर या स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर आवेदन करना होगा। यह प्रक्रिया सरल है और सरकारी पोर्टल पर भी इसे ऑनलाइन पूरा किया जा सकता है।
योजना पर पड़ेगा कैसा असर?
सरकार के इस निर्णय से योजना की पारदर्शिता और प्रबंधन में सुधार की उम्मीद की जा रही है। हालांकि इससे उन परिवारों को थोड़ी असुविधा हो सकती है, जिनके बच्चे अब तक एक ही कार्ड पर लाभ ले रहे थे। लेकिन दीर्घकालिक दृष्टि से देखा जाए तो इससे फर्जीवाड़ा और ओवरक्लेमिंग जैसी समस्याओं पर नियंत्रण पाया जा सकेगा।
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इसके साथ ही, सरकार यह भी सुनिश्चित कर रही है कि नए कार्ड बनवाने की प्रक्रिया सुगम हो और इसके लिए राज्य सरकारों को विशेष निर्देश दिए गए हैं।
राज्यों की भूमिका और प्रतिक्रिया
कई राज्यों ने इस बदलाव का समर्थन किया है और नए दिशा-निर्देशों को लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कुछ राज्यों में बच्चों के स्कूल रिकॉर्ड के आधार पर उनके आयुष्मान कार्ड बनाने की प्रक्रिया तेज़ की जा रही है। सरकार का उद्देश्य है कि कोई भी पात्र बच्चा इस सुविधा से वंचित न रहे।
डिजिटल हेल्थ आईडी की दिशा में कदम
इस बदलाव को डिजिटल हेल्थ मिशन से भी जोड़ा जा रहा है, जिसके तहत प्रत्येक नागरिक की एक डिजिटल हेल्थ आईडी (Digital Health ID) बनाई जा रही है। इससे न केवल मरीज की चिकित्सा जानकारी सुरक्षित रहेगी, बल्कि आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत आने वाले लाभ भी सही व्यक्ति तक पहुंच सकेंगे।
आने वाले समय में और क्या बदलाव संभव?
सरकार ने संकेत दिया है कि योजना की पारदर्शिता और कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए आगे और भी तकनीकी सुधार किए जाएंगे। आयुष्मान कार्ड को अब आधार नंबर, मोबाइल नंबर और अन्य पहचान पत्रों से जोड़ने की प्रक्रिया तेज की जा रही है।
इसके अलावा, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि बच्चों की आयु सीमा में बदलाव के बाद अब वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों के लिए भी कुछ विशेष प्रावधान लाए जा सकते हैं।