
होम लोन लेने की सोच रहे लोगों के लिए अच्छी खबर है। देश के प्रमुख बैंकों ने होम लोन की ब्याज दरों में कमी की घोषणा की है, जिससे होम लोन की ईएमआई कम हो सकती है। इस फैसले से लाखों लोगों को राहत मिलेगी, खासकर वे जो नए घर खरीदने की योजना बना रहे हैं। इस कटौती से न केवल लोन सस्ता होगा, बल्कि मौजूदा ग्राहकों के लिए भी फायदेमंद रहेगा।
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ब्याज दरों में कमी का कारण
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने 7 फरवरी 2025 को मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक में रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती कर इसे 6.25% कर दिया। इस फैसले के बाद कई प्रमुख बैंकों ने अपनी रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) को कम करने का निर्णय लिया, जिससे होम लोन की ब्याज दरें घट गई हैं।
कौन-कौन से बैंक हुए शामिल?
इस बार ब्याज दरों में कटौती करने वाले बैंकों में केनरा बैंक (Canara Bank), बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda), बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India), यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank of India), पंजाब नेशनल बैंक (PNB) और इंडियन ओवरसीज बैंक (Indian Overseas Bank) प्रमुख हैं। इन बैंकों ने अपनी RLLR दरों को घटा दिया है, जिससे होम लोन लेने वालों को राहत मिलेगी।
ब्याज दरों में हुई यह कटौती इस प्रकार है:
- केनरा बैंक: 9.25% से घटकर 9.00% (12 फरवरी 2025 से लागू)
- बैंक ऑफ बड़ौदा: 9.10% से घटकर 8.90% (10 फरवरी 2025 से लागू)
- बैंक ऑफ इंडिया: 9.35% से घटकर 9.10% (7 फरवरी 2025 से लागू)
- यूनियन बैंक ऑफ इंडिया: 9.25% से घटकर 9.00% (11 फरवरी 2025 से लागू)
- पंजाब नेशनल बैंक: 9.25% से घटकर 9.00% (10 फरवरी 2025 से लागू)
- इंडियन ओवरसीज बैंक: 9.35% से घटकर 9.10% (11 फरवरी 2025 से लागू)
रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) का क्या है मतलब?
रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) वह ब्याज दर होती है, जिस पर बैंक अपने ग्राहकों को लोन देते हैं। यह दर रिजर्व बैंक द्वारा तय किए गए रेपो रेट से जुड़ी होती है। अक्टूबर 2019 में आरबीआई ने एक सर्कुलर जारी किया था, जिसमें सभी बैंकों को अपने रिटेल लोन को किसी बाहरी बेंचमार्क दर से जोड़ने के लिए कहा गया था। इसके बाद से ज्यादातर बैंकों के लिए रेपो रेट ही बेंचमार्क बन गया है।
यदि किसी ग्राहक ने RLLR आधारित होम लोन लिया है, तो उसकी ब्याज दर रेपो रेट के बदलाव के साथ घटती या बढ़ती रहती है। ज्यादातर होम लोन फ्लोटिंग रेट पर होते हैं, इसलिए उनके लोन की ब्याज दरें RLLR से जुड़ी होती हैं।
नए और पुराने ग्राहकों पर असर
RLLR में कटौती का प्रभाव नए और पुराने ग्राहकों पर अलग-अलग होगा।
- नए ग्राहक: जो लोग नया होम लोन लेने की योजना बना रहे हैं, उन्हें तुरंत ब्याज दरों में कटौती का लाभ मिलेगा। इससे उनकी ईएमआई कम हो जाएगी और उन्हें सस्ता लोन मिलेगा।
- पुराने ग्राहक: जो पहले से होम लोन लिए हुए हैं, उन्हें इसका लाभ तभी मिलेगा जब उनकी ब्याज दरें रिवाइज होंगी। आम तौर पर बैंक हर तीन से छह महीने में ब्याज दरों की समीक्षा करते हैं। इसलिए पुराने ग्राहकों को इसका फायदा थोड़ी देरी से मिलेगा।
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क्या अभी होम लोन लेना सही रहेगा?
अगर आप होम लोन लेने की योजना बना रहे हैं, तो यह आपके लिए सही समय हो सकता है। ब्याज दरों में कटौती के बाद आपको कम ईएमआई देनी पड़ेगी, जिससे आपकी मासिक वित्तीय बोझ कम होगा। साथ ही, बैंकों द्वारा नए ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए और भी बेहतर शर्तों पर लोन ऑफर किया जा सकता है।
इसके अलावा, यदि आप पहले से ही होम लोन लिए हुए हैं और आपकी ब्याज दर ज्यादा है, तो आप अपने मौजूदा लोन को ट्रांसफर करने या रीफाइनेंस कराने पर भी विचार कर सकते हैं। इससे आपको कम ब्याज दरों का फायदा मिल सकता है।