महाराष्ट्र सरकार ने बच्चों को निजी स्कूलों में RTE के तहत मुफ्त शिक्षा प्राप्त करने का एक और अवसर दिया है। पहले 27 जनवरी तक निर्धारित अंतिम तिथि को बढ़ाकर अब 2 फरवरी 2025 कर दिया गया है, ताकि वे अभिभावक जिनके पास आवेदन करने का समय नहीं था, अब आवेदन कर सकें। यह निर्णय उन परिवारों के लिए राहत देने वाला है जो अपने बच्चों के लिए आरटीई के तहत 25% आरक्षित सीटों पर प्रवेश प्राप्त करने में विफल रहे थे।
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RTE योजना और आवेदन की प्रक्रिया
RTE अधिनियम के तहत, महाराष्ट्र सरकार ने निजी स्कूलों, गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों और नगरपालिका स्कूलों में 25% सीटों पर मुफ्त शिक्षा प्रदान करने का एक अवसर दिया है। आवेदन की प्रक्रिया 14 जनवरी 2025 से शुरू हो गई थी, और सरकार ने अभिभावकों को एक और मौका देने के लिए तारीख बढ़ाने का निर्णय लिया। इस योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है, ताकि वे कक्षा 1 से कक्षा 8 तक बिना किसी फीस के पढ़ाई कर सकें।
आवेदन करने के लिए अभिभावकों को महाराष्ट्र के आधिकारिक पोर्टल student.maharashtra.gov.in पर जाना होगा। यहां, उन्हें ऑनलाइन आवेदन पर क्लिक करना होगा और ‘नई पंजीकरण’ विकल्प से अपना आवेदन ID बनाना होगा। इसके बाद, अभिभावकों को आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन पत्र भरकर सबमिट करना होगा। आवेदन प्रक्रिया को पूरा करने के बाद, उन्हें एक PDF का प्रिंटआउट लेना होगा, जिसे भविष्य में संदर्भ के लिए इस्तेमाल किया जा सके।
आवश्यक दस्तावेज़ और सीटों की जानकारी
आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेजों में बच्चे का जन्म प्रमाणपत्र, माता-पिता का आय प्रमाणपत्र, पता प्रमाण और माता-पिता का आधार कार्ड शामिल हैं।
महाराष्ट्र सरकार द्वारा जारी की गई जानकारी के अनुसार, 2025 में राज्यभर में कुल 1,08,961 RTE सीटें उपलब्ध हैं, जो 8,849 स्कूलों में वितरित की गई हैं। पुणे जिले में सबसे ज्यादा सीटें हैं, जहां 18,451 सीटें RTE के तहत आवंटित की गई हैं।
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लॉटरी प्रक्रिया और चयन
आवेदन प्रक्रिया पूरी होने के बाद, सभी फार्मों की गहन जांच की जाएगी और इसके बाद लॉटरी का आयोजन किया जाएगा। लॉटरी में जिन बच्चों का नाम चुना जाएगा, उन्हें उनके चयनित स्कूलों में प्रवेश मिलेगा। इसके बाद, माता-पिता को आवश्यक दस्तावेज़ जमा करने होंगे और बच्चों का प्रवेश सुनिश्चित होगा।
मुफ्त शिक्षा का लाभ
आरटीई अधिनियम के तहत, बच्चों को कक्षा 1 से कक्षा 8 तक मुफ्त शिक्षा मिलती है। इस योजना के तहत, बच्चों को स्कूल में प्रवेश मिलने के बाद, उन्हें कोई भी शुल्क नहीं देना पड़ता। स्कूल द्वारा कोई भी फीस नहीं ली जाएगी, क्योंकि इसे राज्य सरकार द्वारा वित्तपोषित किया जाता है। यह एक बहुत बड़ा अवसर है, जिससे बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने का रास्ता खुलता है।