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31 मार्च से पहले निपटा लें ये काम, वरना हाथ से निकल जाएगी सारी प्रॉपर्टी

बिहार सरकार ने जमीन मालिकों के लिए जारी किया अलर्ट! Self-Declaration Certificate जमा न करने पर आपकी प्रॉपर्टी पर खतरा मंडरा सकता है। जानिए क्या है पूरी प्रक्रिया, कहाँ और कैसे जमा करें फॉर्म, और क्यों है ये डेडलाइन आपके लिए बेहद अहम।

By Saloni uniyal
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31 मार्च से पहले निपटा लें ये काम, वरना हाथ से निकल जाएगी सारी प्रॉपर्टी
31 मार्च से पहले निपटा लें ये काम, वरना हाथ से निकल जाएगी सारी प्रॉपर्टी

बिहार में Bihar Land Survey एक बार फिर शुरू हो चुका है और इसके साथ ही राज्य सरकार ने जमीन मालिकों के लिए एक महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने सभी रैयतों (जमीन मालिकों) को सूचित किया है कि वे अपनी जमीन से संबंधित स्व-घोषणा प्रमाण पत्र (Self Declaration Certificate) 31 मार्च 2025 से पहले जमा कर दें। यह दस्तावेज जमीन के पुनः सर्वेक्षण में अनिवार्य है और इसके बिना भविष्य में आपको जमीन संबंधी अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

सर्वे से जुड़े दस्तावेज जमा करने की अंतिम तिथि 31 मार्च

राज्य में चल रहे भूमि सर्वेक्षण कार्यक्रम के तहत यह स्पष्ट किया गया है कि सभी जमीन मालिकों को 31 मार्च 2025 तक अपने स्व-घोषणा प्रमाण पत्र जमा करने होंगे। इस तारीख के बाद प्रमाण पत्र न देने वालों की जमीन को लेकर सरकारी रिकॉर्ड अधूरे रह जाएंगे, जिससे जमीन का अधिकार सिद्ध करना मुश्किल हो सकता है।

ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में दस्तावेज जमा करने की सुविधा

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने जमीन मालिकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए दस्तावेज जमा करने की प्रक्रिया को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में रखा है। अगर आप डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग करना चाहते हैं, तो विभाग की अधिकृत वेबसाइट पर जाकर आवश्यक प्रमाण पत्र अपलोड कर सकते हैं। वहीं, जिन लोगों को ऑनलाइन प्रक्रिया में कठिनाई हो रही है, वे अपने गांव में स्थित सर्वे कार्यालय में जाकर ऑफलाइन मोड में भी दस्तावेज जमा कर सकते हैं।

Self-Declaration Certificate में क्या जानकारी देनी होगी

स्व-घोषणा प्रमाण पत्र एक ऐसा फॉर्म है जिसमें आपको अपनी जमीन से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी देनी होती है। जैसे कि –

  • जमीन का मालिक कौन है,
  • जमीन का क्षेत्रफल कितना है,
  • जमीन की स्थिति और उसका स्थान क्या है।

यह दस्तावेज विभाग को आपकी जमीन का सटीक रिकॉर्ड बनाने में मदद करता है, जिससे भविष्य में जमीन ट्रांसफर, विक्रय या बैंक लोन लेने जैसी प्रक्रियाएं आसान हो जाती हैं।

सर्वे शुरू, विभाग की ओर से फिर से की जा रही निगरानी

बिहार में लंबे समय के बाद जमीन का सर्वे एक बार फिर तेज़ी से शुरू किया गया है। यह सर्वेक्षण कार्य पहले कोरोना काल और प्रशासनिक अड़चनों के चलते बाधित हो गया था, लेकिन अब इसे दोबारा पूरे राज्य में एक्टिव किया गया है। विभाग के अनुसार सर्वे का कार्य अमीन, कानूनगो और अन्य क्षेत्रीय राजस्व कर्मियों की निगरानी में किया जा रहा है। उनके पास आपके द्वारा जमा किया गया Self Declaration Certificate रहेगा, जिसके आधार पर वे जमीन की माप और सत्यापन का कार्य करेंगे।

अंतिम तारीख बढ़ने की कोई संभावना नहीं

कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह चर्चा थी कि 31 मार्च की समय सीमा को आगे बढ़ाया जा सकता है, लेकिन विभाग ने इस संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक निर्णय नहीं लिया है। इसलिए जमीन मालिकों को यह सलाह दी गई है कि वे समय रहते अपने दस्तावेज जमा कर दें, ताकि बाद में उन्हें किसी कानूनी या प्रशासनिक अड़चन का सामना न करना पड़े।

Self-Declaration Certificate नहीं जमा करने पर क्या होंगे नुकसान

अगर आप निर्धारित समयसीमा में यह प्रमाण पत्र नहीं भरते हैं, तो सरकार के पास आपकी जमीन का रिकॉर्ड अधूरा रह जाएगा। इसके कारण आप भविष्य में निम्नलिखित समस्याओं का सामना कर सकते हैं:

  • जमीन बेचने में दिक्कत
  • किसी भी प्रकार का लीगल ट्रांसफर नहीं हो पाएगा
  • बैंक से जमीन पर लोन लेना मुश्किल होगा
  • किसी सरकारी योजना या मुआवज़ा पाने में रुकावट

इसलिए यह जरूरी है कि आप या आपके परिवार के सदस्य यदि बिहार में रैयत हैं, तो यह प्रक्रिया अनिवार्य रूप से पूरी करें।

सहायता के लिए सर्वे ऑफिस में कर्मचारी मौजूद

अगर किसी व्यक्ति को यह प्रक्रिया समझने में परेशानी हो रही है, तो वे अपने संबंधित सर्वे कार्यालय में जाकर सहायता प्राप्त कर सकते हैं। वहां पर नियुक्त कर्मचारी आपको फॉर्म भरने से लेकर दस्तावेज जमा करने तक की पूरी प्रक्रिया में मार्गदर्शन करेंगे। इससे उन लोगों को भी लाभ मिलेगा जो तकनीकी जानकारी न होने के कारण ऑनलाइन प्रक्रिया में भाग नहीं ले पा रहे हैं।

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