लखनऊ में सड़क सुरक्षा को लेकर आयोजित बैठक में सड़क हादसों को रोकने और यातायात नियमों को सख्ती से लागू करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में यह जानकारी पता लगी है कि बीते एक वर्ष में सड़क दुर्घटनाओं में हुई मौतों का 31 प्रतिशत हिस्सा दोपहिया वाहनों से संबंधित था। इसके मद्देनजर अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि दोपहिया वाहनों पर पीछे बैठने वाले यात्रियों को भी हेलमेट पहनने के लिए जागरूक किया जाए। साथ ही, यह नियम चार साल से अधिक उम्र के बच्चों पर भी लागू होगा, ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। यदि वाहन चालक इस नियम का पालन नहीं करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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यातायात नियमों के उल्लंघन पर होगी कड़ी कार्रवाई
बैठक में निर्णय लिया गया कि सड़क पर मोबाइल फोन का उपयोग, ईयरफोन लगाकर वाहन चलाना, गलत दिशा में वाहन चलाना और शराब पीकर गाड़ी चलाने जैसी लापरवाहियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए यह आवश्यक है कि यातायात नियमों का पूरी सख्ती से पालन किया जाए।
यमुना एक्सप्रेस-वे पर सुरक्षा प्रयासों से घटी मौतों की संख्या
यमुना एक्सप्रेस-वे पर दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा की गई। अधिकारियों ने जानकारी दी कि इन प्रयासों की वजह से सड़क हादसों में मौतों की संख्या में 40 प्रतिशत तक की कमी दर्ज की गई है। यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है, जिससे अन्य सड़कों पर भी इसी तरह के उपाय लागू करने की दिशा में प्रेरणा मिली है।
पुलिस अधिकारियों को जोड़ा जाएगा विश्वकर्मा ऐप से
सड़क दुर्घटनाओं को कम करने और यातायात प्रबंधन को अधिक प्रभावी बनाने के लिए पुलिस मुख्यालय और जिला स्तर पर तैनात पुलिस अधिकारियों को विश्वकर्मा ऐप से जोड़ने का सुझाव दिया गया। इस ऐप की मदद से ब्लैक स्पॉट चिन्हित करने की प्रक्रिया को तेज किया जा सकेगा और दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए जरूरी कदम जल्द उठाए जा सकेंगे।
स्कूल पाठ्यक्रम में सड़क सुरक्षा विषय को अनिवार्य बनाने का सुझाव
परिवहन आयुक्त बीएन सिंह ने बैठक में सुझाव दिया कि सड़क हादसों में सबसे अधिक प्रभावित 18 से 25 वर्ष की आयु के युवा हैं। इसे ध्यान में रखते हुए कक्षा छह से 12 तक के पाठ्यक्रम में सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों को अनिवार्य रूप से शामिल किया जाना चाहिए। इसके साथ ही, परीक्षा में सड़क सुरक्षा से जुड़े प्रश्नों को शामिल किया जाए, ताकि बचपन से ही सुरक्षित यातायात व्यवहार की आदतें विकसित की जा सकें।
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ड्राइविंग लाइसेंस आवेदन प्रक्रिया में होगा सुधार
बैठक में यह भी प्रस्ताव रखा गया कि ड्राइविंग लाइसेंस आवेदन प्रक्रिया में सुधार किया जाए। सभी आवेदन पत्रों को हिंदी में भरने का विकल्प दिया जाए, जिससे आम जनता को किसी भी तरह की भाषा संबंधी समस्या का सामना न करना पड़े।
जन सुविधा केंद्रों पर उपलब्ध होंगी परिवहन सेवाएं
अपर मुख्य सचिव परिवहन वेंकेटेश्वर लू ने यह सुझाव दिया कि परिवहन विभाग की ऑनलाइन सेवाओं को जन सुविधा केंद्रों के माध्यम से भी सुलभ कराया जाए। इससे आम लोगों को अपने वाहनों से संबंधित दस्तावेज़ प्राप्त करने और अन्य सेवाओं का लाभ उठाने में आसानी होगी।