
भारत सरकार ने हाल ही में कच्चे तेल, विमानन ईंधन (ATF) और पेट्रोल-डीजल के निर्यात पर लगाए गए विंडफॉल टैक्स (अप्रत्याशित लाभ कर) को हटाने का ऐलान किया है। इस फैसले से न केवल तेल कंपनियों को राहत मिलेगी, बल्कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में संभावित कमी भी देखने को मिल सकती है।
यह भी देखें- पेट्रोल भरवाने से पहले पंप की मशीन पर चेक करें डेंसिटी, कारण जानकर तो लगेगा जोरदार झटका
वित्त राज्य मंत्री का संसद में बड़ा ऐलान
सोमवार को संसद में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने इस अहम फैसले की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में स्थिरता आने के बाद सरकार ने यह कदम उठाने का निर्णय लिया है। उनका कहना था कि इस नीति बदलाव से देश की प्रमुख तेल कंपनियों, जैसे कि रिलायंस इंडस्ट्रीज और ओएनजीसी (ONGC), को सीधा लाभ होगा।
तेल कंपनियों को कैसे मिलेगा फायदा?
विंडफॉल टैक्स हटने से तेल कंपनियों पर कच्चे तेल के निर्यात पर लगने वाले अतिरिक्त कर का बोझ कम हो जाएगा। इससे वे अंतरराष्ट्रीय बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धी कीमतों पर कच्चा तेल बेच सकेंगी। साथ ही, जब कंपनियों को कम लागत पर तेल मिलेगा, तो उन पर पेट्रोल और डीजल की कीमतों को कम करने का दबाव भी बनेगा। यह उपभोक्ताओं के लिए राहत भरा कदम साबित हो सकता है।
विंडफॉल टैक्स: क्यों लगाया गया था?
वर्ष 2022 में जब रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें अप्रत्याशित रूप से बढ़ गई थीं, तब सरकार ने विंडफॉल टैक्स लागू किया था। इसका उद्देश्य यह था कि तेल कंपनियों को अत्यधिक लाभ कमाने से रोका जाए और सरकार को अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हो सके।
यह भी देखें- New Income Tax Bill 2025: क्रिप्टो और टैक्स पेमेंट्स पर सरकार का बड़ा फैसला
इस टैक्स के अंतर्गत:
- कच्चे तेल पर ₹23,250 प्रति टन की दर से टैक्स लगाया गया था।
- पेट्रोल, डीजल और एटीएफ के निर्यात पर भी अतिरिक्त शुल्क वसूला जाता था।
सरकार को कितना मिला राजस्व?
पिछले तीन वर्षों में इस टैक्स से सरकार को अच्छा-खासा राजस्व प्राप्त हुआ:
- 2022: ₹25,000 करोड़
- 2023: ₹13,000 करोड़
- 2024: ₹6,000 करोड़
आम जनता पर असर
सरकार के इस फैसले से आम जनता को भी राहत मिलने की उम्मीद है। जब तेल कंपनियों को कम लागत पर कच्चा तेल उपलब्ध होगा, तो पेट्रोल और डीजल की कीमतों में गिरावट की संभावना बढ़ जाएगी। इससे महंगाई पर भी कुछ हद तक नियंत्रण पाने में मदद मिल सकती है।
यह भी देखें- सावधान सरकारी कर्मचारी! DOPT ने जारी किया नया आदेश, अब इन नियमों का करना होगा पालन
सरकार की नई नीति का असर
यह फैसला स्पष्ट रूप से दिखाता है कि केंद्र सरकार बाजार की स्थिति को देखते हुए नीतियों में बदलाव कर रही है। विंडफॉल टैक्स हटाने से तेल कंपनियों को न केवल राहत मिलेगी, बल्कि विदेशी निवेशकों का भी विश्वास बढ़ेगा। यह कदम भारत की ऊर्जा अर्थव्यवस्था को स्थिर करने और तेल क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाया गया है।