
पपीता (Papaya) को अक्सर बाजार में अखबार में लपेटकर बेचा जाता है। कई बार लोग सोचते हैं कि यह केवल उसकी साफ-सफाई या स्टाइल का हिस्सा है, लेकिन इसके पीछे वैज्ञानिक कारण छिपे हैं। दरअसल, पपीते को अखबार में लपेटने से उसकी पकने की प्रक्रिया तेज होती है और यह बाजार में जल्दी बिकने लायक बनता है। साथ ही, अखबार पपीते की सतह पर प्राकृतिक गैसों को सहेजकर उसकी गुणवत्ता को बनाए रखने में मदद करता है।
यह भी देखें: Vat Savitri Vrat 2025: व्रत के दिन करें ये खास उपाय, दांपत्य जीवन होगा और भी मजबूत
एथिलीन गैस का कमाल
पपीता और अन्य फलों जैसे केले, आम आदि प्राकृतिक रूप से एथिलीन गैस (Ethylene Gas) छोड़ते हैं। यह गैस फलों के पकने की प्रक्रिया को तेज करती है। जब पपीते को अखबार में लपेटा जाता है, तो एथिलीन गैस चारों ओर सिमट जाती है और फल को तेजी से पकाने में मदद करती है। अखबार इस गैस को चारों तरफ बनाए रखने में मदद करता है, जिससे फल जल्दी पकता है और खाने योग्य बनता है।
नमी और तापमान का संतुलन
पपीते को अखबार में लपेटना उसकी नमी को बनाए रखने में भी सहायक होता है। अखबार न केवल एथिलीन गैस को रोकता है, बल्कि फल की सतह पर मौजूद नमी को भी बरकरार रखता है। इससे पपीता सूखने से बचता है और उसका स्वाद और ताजगी बनी रहती है। इसके अलावा, अखबार तापमान के उतार-चढ़ाव को भी संतुलित करता है, जिससे फल जल्दी खराब नहीं होता।
यह भी देखें: EV खरीदने पर ₹2 लाख की छूट और टैक्स माफ! जानिए सरकार की नई स्कीम का पूरा फायदा
सतह की रक्षा और संक्रमण से सुरक्षा
अखबार पपीते को बाहरी धूल-मिट्टी और संक्रमण से भी बचाता है। बाजार या ट्रांसपोर्ट के दौरान पपीते की सतह पर गंदगी और बैक्टीरिया जमा हो सकते हैं, जिससे उसकी गुणवत्ता और स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। अखबार उसे ढक कर इन खतरों से सुरक्षा प्रदान करता है और फल को साफ-सुथरा बनाए रखता है।
वजन और कीमत पर असर
पपीते को अखबार में लपेटने से उसका वजन भी थोड़ा बढ़ता है और देखने में भी अच्छा लगता है। इससे उपभोक्ता को फल अधिक आकर्षक लगता है और विक्रेताओं को इसे अधिक कीमत पर बेचने का मौका मिलता है। यही कारण है कि बाजार में पपीते को आमतौर पर अखबार में लपेटकर बेचा जाता है।
यह भी देखें: फ्रिज में रखा कटा तरबूज बन सकता है ज़हर! डॉक्टरों ने दी चेतावनी, ये गलती कर सकती है बीमार
वैज्ञानिक पहलू और उपभोक्ता का फायदा
वैज्ञानिक नजरिए से देखा जाए तो अखबार में लपेटकर पपीते को बेचना एक स्मार्ट ट्रिक है। इससे न केवल फल जल्दी पकता है, बल्कि उसकी ताजगी और गुणवत्ता भी बनी रहती है। उपभोक्ता को साफ और ताजा फल मिलता है जो जल्दी खराब नहीं होता और खाने में स्वादिष्ट होता है।
पपीते के साथ अन्य फलों पर भी असर
पपीते की तरह केले, आम और टमाटर जैसे फल भी एथिलीन गैस छोड़ते हैं। इन्हें भी अक्सर अखबार में लपेटकर बेचा जाता है ताकि ये जल्दी पक सकें और आकर्षक दिखें।
पर्यावरण पर प्रभाव
अखबार का उपयोग प्लास्टिक की तुलना में अधिक सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल होता है। यह न केवल फलों को सुरक्षित बनाता है बल्कि प्लास्टिक के उपयोग को कम कर पर्यावरण संरक्षण में भी मदद करता है।
यह भी देखें: Head Constable की बंपर भर्ती शुरू! 6 जून तक का है मौका – जानें कितने पद, योग्यता और फॉर्म भरने का तरीका
उपभोक्ताओं के लिए सलाह
अगर आप बाजार से पपीता खरीदकर घर लाते हैं और उसे जल्दी पकाना चाहते हैं, तो उसे अखबार में लपेटकर रख सकते हैं। इससे फल जल्दी पक जाएगा और खाने में स्वादिष्ट लगेगा।