बदलते समय के साथ बैंकिंग क्षेत्र में धोखाधड़ी और डकैती की घटनाएं बढ़ रही हैं। हाल ही में देश के विभिन्न हिस्सों में बैंक डकैती के मामले सामने आए हैं, जिससे ग्राहकों में यह सवाल उठने लगा है कि ऐसी स्थिति में उनके जमा धन की सुरक्षा कितनी सुनिश्चित है? क्या बैंक में डकैती हो जाने पर ग्राहकों को उनका पैसा वापस मिलेगा? इस लेख में हम भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नियमों की विस्तृत जानकारी देंगे, जो ग्राहकों को उनके धन की सुरक्षा का आश्वासन देते हैं।
बैंक ग्राहकों को घबराने की जरूरत नहीं
वित्तीय विशेषज्ञों के अनुसार, बैंकिंग प्रणाली में ग्राहकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती है। आरबीआई ने बैंक में जमा पैसों की सुरक्षा के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश बनाए हैं। ऐसे में ग्राहकों को डकैती जैसी अप्रत्याशित परिस्थितियों में धैर्य बनाए रखना चाहिए और बैंकिंग संस्थानों पर भरोसा करना चाहिए।
यह भी पढ़ें- Bank Holiday: कल बंद रहेंगे सभी बैंक, जानें RBI ने क्यों दी है 3 फरवरी की छुट्टी
डिपॉजिट पर इंश्योरेंस कवर की सुविधा
भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों के अनुसार, सभी बैंकों को अपने ग्राहकों की जमा राशि के लिए बीमा कवरेज प्राप्त करना अनिवार्य है। डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) नामक एक संस्था इस बीमा को संचालित करती है। देश के सभी वाणिज्यिक (कमर्शियल), सहकारी (को-ऑपरेटिव) और विदेशी बैंकों को DICGC के तहत अपने ग्राहकों की जमा पूंजी को सुरक्षित करना होता है। यह बीमा बैंक के दिवालिया होने या डकैती जैसी घटनाओं में ग्राहकों को उनके जमा पैसे की सुरक्षा प्रदान करता है।
कितना बीमा कवर मिलता है?
DICGC बैंक के ग्राहकों को उनकी पूरी जमा राशि पर नहीं, बल्कि एक निश्चित सीमा तक बीमा प्रदान करता है। वर्तमान में, बैंक ग्राहकों को 5 लाख रुपए तक की बीमा सुरक्षा मिलती है। यह सीमा पहले 1.50 लाख रुपए थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दिया गया। इस बीमा कवर में ब्याज और मूलधन दोनों शामिल होते हैं।
DICGC बीमा कवर किन मामलों में लागू होता है?
आरबीआई की ओर से स्पष्ट किया गया है कि बैंक में जमा किए गए पैसे में से कौन-सी राशि बीमा सुरक्षा के दायरे में आती है। DICGC निम्नलिखित खातों और जमाओं पर बीमा कवर प्रदान करता है:
- बचत खाता (Savings Account)
- चालू खाता (Current Account)
- फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit)
- रिकरिंग डिपॉजिट (Recurring Deposit)
- राज्य सरकारों और विदेशी सरकारों द्वारा जमा धन
- राज्य स्तरीय सहकारी बैंकों में राज्य भूमि विकास बैंकों के जमा धन
लॉकर में रखे सामान पर बीमा कवर नहीं
हालांकि, DICGC का बीमा कवर बैंक लॉकर में रखे सामान, ज्वेलरी या अन्य महंगे सामान पर लागू नहीं होता है। यदि किसी बैंक में डकैती के दौरान लॉकर तोड़ दिए जाते हैं और उनमें रखी संपत्ति चोरी हो जाती है, तो ग्राहक को बीमा कवर नहीं मिलेगा।
यह भी पढ़ें- ₹500 के नोट पर RBI का बड़ा बयान! आपके लिए जानना बेहद जरूरी, जानिए पूरी सच्चाई
बैंकिंग ग्राहकों के लिए क्या करें?
बैंकिंग ग्राहकों को अपनी जमा राशि की सुरक्षा के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने चाहिए:
- बड़े अमाउंट को कई बैंकों में बांटे – यदि आपकी जमा राशि 5 लाख रुपए से अधिक है, तो इसे अलग-अलग बैंकों में रखने से सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
- बीमाकृत बैंक चुनें – खाताधारकों को ऐसे बैंक में खाता खोलना चाहिए जो DICGC बीमा सुरक्षा के अंतर्गत आते हों।
- इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग का अधिक उपयोग करें – कैश रखने के बजाय डिजिटल ट्रांजेक्शन का अधिक उपयोग करना सुरक्षित हो सकता है।
- बैंकिंग अपडेट्स पर नजर रखें – आरबीआई और बैंकिंग संस्थानों के नियमों और अपडेट्स की जानकारी लेते रहें।