
घर खरीदना हर व्यक्ति का सपना होता है। इसके लिए लोग वर्षों तक अपनी मेहनत की कमाई को संजोते हैं ताकि अपने सपनों का आशियाना बना सकें। यदि आप भी अपने लिए घर खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद फायदेमंद हो सकती है। केंद्र सरकार महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने और उनकी भागीदारी बढ़ाने के लिए कई विशेष योजनाएं चला रही है। इनमें से एक प्रमुख लाभ यह है कि महिलाओं के नाम पर प्रॉपर्टी खरीदने पर कई तरह की छूट और रियायतें मिलती हैं। आइए जानते हैं कि कैसे आप अपनी पत्नी के नाम पर घर खरीदकर अधिक से अधिक लाभ उठा सकते हैं।
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सरकार महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए कई लाभ दे रही है, जिनका उपयोग करके आप अपने लिए एक बेहतर सौदा कर सकते हैं। घर खरीदते समय इन लाभों को ध्यान में रखते हुए यदि आप अपनी पत्नी के नाम पर प्रॉपर्टी खरीदते हैं, तो यह एक समझदारी भरा निर्णय होगा। इससे न केवल आपको वित्तीय बचत होगी, बल्कि आपकी पत्नी की आर्थिक सुरक्षा भी मजबूत होगी।
लोन पर कम ब्याज दर
यदि आप घर खरीदने के लिए लोन लेने की योजना बना रहे हैं, तो इसे पत्नी के नाम पर लेना अधिक फायदेमंद हो सकता है। भारत में कई बैंक और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां महिलाओं को पुरुषों की तुलना में कम ब्याज दर पर होम लोन प्रदान करती हैं। इससे आपकी ईएमआई-EMI कम होगी और कुल मिलाकर लोन की लागत भी घट जाएगी।
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स्टांप ड्यूटी में विशेष छूट
प्रॉपर्टी खरीदते समय स्टांप ड्यूटी एक अहम खर्च होता है, जो राज्य सरकारों द्वारा लिया जाता है। लेकिन भारत के कई राज्यों में महिलाओं को स्टांप ड्यूटी में विशेष छूट दी जाती है। उदाहरण के लिए, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में महिलाओं को स्टांप ड्यूटी में 1% से 2% तक की छूट मिलती है।
प्रॉपर्टी टैक्स में छूट का लाभ
कई नगर निगम महिलाओं को प्रॉपर्टी टैक्स में भी छूट प्रदान करते हैं। यह छूट केवल उन्हीं संपत्तियों पर लागू होती है, जो महिलाओं के नाम पर दर्ज होती हैं। इस पहल का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और उन्हें अधिक से अधिक संपत्ति के स्वामित्व की ओर प्रोत्साहित करना है।
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पत्नी की आर्थिक सुरक्षा और आत्मनिर्भरता
अगर घर पत्नी के नाम पर खरीदा जाता है, तो इससे उसकी आर्थिक सुरक्षा बढ़ जाती है। यह उसे स्वतंत्र रूप से वित्तीय निर्णय लेने का अधिकार देता है। यदि भविष्य में किसी तरह की अनहोनी होती है, तो महिला को संपत्ति पर पूर्ण अधिकार रहेगा, जिससे उसे किसी भी प्रकार की वित्तीय समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।
संयुक्त स्वामित्व का भी लाभ
यदि आप चाहते हैं कि प्रॉपर्टी आपके और आपकी पत्नी दोनों के नाम पर हो, तो संयुक्त स्वामित्व (Joint Ownership) का विकल्प भी चुन सकते हैं। इससे भी आपको कई तरह के कर लाभ मिल सकते हैं, जैसे इनकम टैक्स में कटौती और प्रॉपर्टी टैक्स में छूट। इसके अलावा, अगर लोन पति और पत्नी दोनों के नाम पर लिया जाता है, तो दोनों को अलग-अलग कर लाभ मिल सकते हैं।
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इनकम टैक्स में भी मिलती है छूट
यदि पति और पत्नी दोनों ही होम लोन चुकाते हैं, तो दोनों अलग-अलग 1.5 लाख रुपये तक की कर छूट का दावा कर सकते हैं। साथ ही, यदि प्रॉपर्टी किराए पर दी गई है, तो उससे प्राप्त आय पर भी कर छूट मिल सकती है।
महिला के नाम पर खरीदी गई प्रॉपर्टी पर विवाद कम
कई विशेषज्ञों का मानना है कि यदि संपत्ति महिला के नाम पर खरीदी जाती है, तो उस पर कानूनी विवाद होने की संभावना कम होती है। कई मामलों में परिवारिक विवादों से बचने के लिए लोग प्रॉपर्टी महिला के नाम पर खरीदते हैं, जिससे भविष्य में किसी भी प्रकार की कानूनी उलझन से बचा जा सकता है।