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PM Awas Yojana: आवास लिस्ट में अपना नाम वेटिंग लिस्ट में जोड़ने का मौका, 31 मार्च तक जारी रहेगा सर्वे!

आज पटना/सिवान की उभरती खबर में जानिए कैसे मुफ्त आवास का सुनहरा मौका मिलने पर रिश्वत और अवैध वसूली का खुलासा हुआ। पढ़ें पूरी कहानी और बदलें सोच, क्योंकि हर खबर में भविष्य छिपा हो सकता है

By Saloni uniyal
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PM Awas Yojana: आवास लिस्ट में अपना नाम वेटिंग लिस्ट में जोड़ने का मौका, 31 मार्च तक जारी रहेगा सर्वे!
PM Awas Yojana: आवास लिस्ट में अपना नाम वेटिंग लिस्ट में जोड़ने का मौका, 31 मार्च तक जारी रहेगा सर्वे!

जागरण टीम, पटना/सिवान – पीएम आवास योजना (ग्रामीण) के प्रतीक्षा सूची से छूटे योग्य लाभुकों का सर्वेक्षण, जिसे आवास ऐप प्लस के माध्यम से अंजाम दिया जा रहा है, का कार्य 10 जनवरी से शुरू होकर 31 मार्च तक चलने वाला है। इस प्रक्रिया में योग्य लाभुक बिना किसी शुल्क के अपना नाम शामिल करवा सकते हैं।

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जिला प्रशासन ने आमजन से अपील की है कि किसी भी बहकावे में न आएं, क्योंकि नामांकन निर्धारित मापदंडों के आधार पर ही किया जा रहा है। इसी के साथ, इस प्रक्रिया में आईपीओ-IPO, रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy जैसे आधुनिक कीवर्ड्स का भी उल्लेख किया जा रहा है, जो तकनीकी एवं वित्तीय पहलुओं पर ध्यान देने का संकेत देता है।

सर्वेक्षण की प्रक्रिया एवं ज़िम्मेदारियाँ

सरकारी अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि सर्वेक्षण का कार्य पंचायत स्तर पर ग्रामीण आवास सहायक एवं पंचायत रोजगार सेवक द्वारा किया जाएगा। जहां इन दोनों कर्मियों की उपलब्धता नहीं है, वहाँ जिला प्रशासन पंचायत सचिव के माध्यम से यह कार्य करवा रहा है। लाभुकों से अनुरोध किया गया है कि यदि किसी को अतिरिक्त जानकारी चाहिए तो वे अपने प्रखंड के बीडीओ या पंचायत स्तरीय कर्मी से संपर्क करें। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि नामांकन की प्रक्रिया पूरी तरह नि:शुल्क और पारदर्शी ढंग से संपन्न हो। इस संदर्भ में यह भी बताया गया है कि सर्वेक्षण के दौरान किसी भी अवैध राशि की मांग करने पर निगरानी विभाग के टेलीफोन नंबर – 0612-2215344, टोल फ्री नंबर – 1064 या मोबाइल नंबर – 7765953261 पर शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।

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पात्रता मानदंड एवं योजना से अपात्र लाभुक

सरकारी अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया है कि पीएम आवास योजना के तहत उन परिवारों को लाभ नहीं दिया जाएगा जिनके पास पहले से पक्का मकान है, जिनके पास तीन या चार पहिया वाहन हैं, या जिनके पास मशीनी तिपहिया/चौपहिया कृषि उपकरण उपलब्ध हैं। साथ ही, ऐसे लाभुक जिनके किसान क्रेडिट कार्ड की ऋण सीमा 50 हजार या उससे अधिक है, सरकारी कर्मचारी के सदस्य वाले परिवार, गैर कृषि उद्यम पंजीकृत परिवार, 15 हजार से अधिक प्रति माह कमाई करने वाले सदस्य वाले परिवार, आयकर या व्यवसाय कर देने वाले परिवार, और जिनके पास ढाई एकड़ सिंचित या पांच एकड़ या उससे अधिक असिंचित भूमि है, उन्हें योजना के पात्र नहीं माना जाएगा। यह कठोर मानदंड सुनिश्चित करते हैं कि योजना का लाभ वास्तव में उन कमजोर वर्गों तक पहुंचे, जिन्हें वास्तव में जरुरत है।

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सिवान जिले से रिश्वत लेने के आरोप का वायरल वीडियो

हाल ही में सिवान जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना से जुड़े एक मामले में भीषण चर्चा हुई है। एक वीडियो में ग्रामीण मदन राजभर ने आरोप लगाया है कि आंदर प्रखंड के मानपुर पतेजी पंचायत में कार्यरत आवास सहायक जितेंद्र कुमार द्वारा आवास में नाम जोड़ने के लिए 5000 रुपये की मांग की गई थी, जबकि वास्तविकता में 2500 रुपये दिए गए थे। इस वीडियो को गुरुवार से इंटरनेट मीडिया पर तेजी से प्रसारित किया जा रहा है। हालांकि, ‘दैनिक जागरण’ जैसी समाचार एजेंसियों ने इस आरोप की पुष्टि नहीं की है। वीडियो में लाभुक के आरोप ने ग्रामीणों में चिंता की लहर दौड़ा दी है और कहा जा रहा है कि यदि जांच की जाए तो पता चलता है कि पदाधिकारी अधिकतर उन्हीं परिवारों को लाभ दे रहे हैं जिनके पास पहले से पक्का मकान है।

प्रशासनिक प्रतिक्रिया एवं मामले की जांच

आवास सहायक जितेंद्र कुमार ने लगाए गए आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा है कि उनके खिलाफ जो भी आरोप लगाए गए हैं, वे सभी झूठे हैं। इस घटना के बाद प्रखंड के पदाधिकारी और संबंधित कर्मियों में बेचैनी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। आरोप लगाने वाले लाभुकों के घर कर्मी और बिचौलिये मामले को सेटलमेंट करने में जुट गए हैं। जिला प्रशासन इस मामले की गहन जांच कर रहा है ताकि योजना के लाभुकों के साथ किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि या रिश्वतखोरी को रोका जा सके। अधिकारियों ने यह भी आश्वासन दिया है कि यदि जांच में कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो तत्काल कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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योजना के महत्व एवं आधुनिक तकनीकी पहल

प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) का उद्देश्य उन गरीब और वंचित वर्गों को उचित आवास सुविधा प्रदान करना है, जो आर्थिक रूप से पिछड़े हैं। इस योजना के तहत सर्वेक्षण प्रक्रिया को डिजिटल माध्यम से संचालित किया जा रहा है, जिससे प्रक्रिया में पारदर्शिता और तेज़ी लाई जा सके। आवास ऐप प्लस के माध्यम से नामांकन की प्रक्रिया में कोई भी भ्रामक गतिविधि तुरंत पकड़ी जा सकती है। इस आधुनिक तकनीकी पहल के चलते, ग्रामीणों को उनके अधिकारों से वंचित नहीं रहने दिया जाएगा और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।

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