देश की प्रमुख फिनटेक कंपनियों में से एक, फोनपे (Phone Pe) ने हाल ही में घोषणा की है कि वह अपने ‘खाता एग्रीगेशन’ (AA) व्यवसाय से बाहर निकल रही है। कंपनी ने इस निर्णय का कारण पर्याप्त साझेदार न जोड़ पाना बताया है, जिसके चलते यह उम्मीद के अनुसार सेवाएं नहीं दे पा रही थी। आइए इस जानकारी को इस लेख में विस्तार से जानते हैं।
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क्यों लिया गया यह बड़ा फैसला?
फोनपे ने आधिकारिक रूप से कहा है कि वह भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) को अपना एनबीएफसी-एए लाइसेंस लौटाने का निर्णय ले चुकी है और जल्द ही इस व्यवसाय से पूरी तरह बाहर निकल जाएगी। यह लाइसेंस कंपनियों को उपभोक्ताओं की सहमति से उनकी वित्तीय जानकारी तक पहुंच प्रदान करता है और उन्हें बैंकिंग व अन्य वित्तीय संस्थानों के साथ डेटा साझा करने की अनुमति देता है।
कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, “हमने अपने प्लेटफॉर्म पर लाखों उपयोगकर्ताओं को जोड़ने में सफलता पाई, लेकिन बाजार की प्रतिस्पर्धी प्राथमिकताओं के चलते उतने वित्तीय सूचना प्रदाताओं (FIP) को शामिल नहीं कर सके, जितने हम चाहते थे। इसलिए हमने अपने AA व्यवसाय को बंद करने का निर्णय लिया है और अब हम अन्य एग्रीगेटर्स के साथ साझेदारी करेंगे।”
जून 2023 में मिला था लाइसेंस
गौरतलब है कि फोनपे को जून 2023 में यह लाइसेंस प्राप्त हुआ था और कंपनी ने कम समय में ही बड़ी संख्या में उपयोगकर्ताओं को अपने प्लेटफॉर्म पर पंजीकृत कर लिया था। हालांकि, फिनटेक उद्योग में तेजी से बदलते माहौल और प्रतिस्पर्धा के कारण फोनपे ने अब इस व्यवसाय से हटने का फैसला किया है।
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उपयोगकर्ताओं को मिलेगी पूरी जानकारी
कंपनी ने स्पष्ट किया है कि वह जल्द ही अपने मौजूदा उपयोगकर्ताओं से संपर्क करेगी और उन्हें इस फैसले के प्रभावों के बारे में पूरी जानकारी देगी। इसके अलावा, वह नियामकीय दिशानिर्देशों के अनुसार ग्राहकों की सहायता भी करेगी ताकि उनके वित्तीय डेटा को सुचारू रूप से अन्य सेवाओं में स्थानांतरित किया जा सके।
फिनटेक इंडस्ट्री पर क्या होगा असर?
विशेषज्ञों का मानना है कि फोनपे का इस व्यवसाय से हटना फिनटेक सेक्टर के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है। इससे स्पष्ट होता है कि भारतीय बाजार में खाता एग्रीगेशन सेवाओं को लेकर अभी भी कई चुनौतियां हैं। कई कंपनियां इस क्षेत्र में संभावनाएं तलाश रही हैं, लेकिन उन्हें अपने बिजनेस मॉडल को टिकाऊ बनाने के लिए सही साझेदारों और मजबूत नेटवर्क की जरूरत है।