यूटिलिटी न्यूज़

New Income Tax Bill 2025: 1 अप्रैल से लागू होगा नया टैक्स नियम, अब आपके सोशल मीडिया अकाउंट पर भी रखी जाएगी नजर!

💰 क्रिप्टो होल्डिंग छिपाई तो खतरा तय! सोशल मीडिया, बैंक अकाउंट और ऑनलाइन इनवेस्टमेंट्स पर सरकार की पैनी नजर! नए इनकम टैक्स नियमों से बचने का तरीका जानने के लिए पढ़ें पूरी रिपोर्ट🔍🔥

By Saloni uniyal
Published on
New Income Tax Bill 2025: 1 अप्रैल से लागू होगा नया टैक्स नियम, अब आपके सोशल मीडिया अकाउंट पर भी रखी जाएगी नजर!
New Income Tax Bill 2025: 1 अप्रैल से लागू होगा नया टैक्स नियम, अब आपके सोशल मीडिया अकाउंट पर भी रखी जाएगी नजर!

भारत सरकार ने नए इनकम टैक्स बिल (Income Tax Bill) के तहत टैक्स अधिकारियों के अधिकारों को बढ़ा दिया है। अब टैक्स चोरी (Tax Evasion) और क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) होल्डिंग छिपाने के मामलों में इनकम टैक्स अधिकारी टैक्सपेयर्स (Taxpayers) के डिजिटल अकाउंट्स की जांच कर सकेंगे। इस नए बिल को वित्त पर संसद की स्थायी समिति को भेजा गया है, जिसकी सिफारिशों के बाद इसे लागू किया जाएगा।

यह भी देखें: IIT vs IIIT: देश के इन दो बड़े संस्थानों में क्या फर्क है? एडमिशन प्रोसेस और करियर स्कोप जानें!

टैक्स चोरी के मामलों में डिजिटल जांच के अधिकार

अभी तक इनकम टैक्स अधिकारियों को केवल फिजिकल एसेट्स की जांच करने का अधिकार था, लेकिन अब नए नियमों के तहत वे डिजिटल एसेट्स की भी जांच कर सकेंगे। इसमें शामिल हैं:

  • ईमेल (E-mail) अकाउंट
  • सोशल मीडिया (Social Media) प्लेटफॉर्म (Facebook, WhatsApp, Instagram)
  • बैंक अकाउंट (Bank Account)
  • ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (Trading Platform)
  • क्लाउड स्टोरेज (Cloud Storage)
  • ऑनलाइन इनवेस्टमेंट (Online Investment)

अगर किसी टैक्सपेयर पर टैक्स चोरी या अघोषित डिजिटल संपत्ति रखने का संदेह होता है, तो अधिकारी उनके डिजिटल अकाउंट्स की जांच कर सकते हैं।

यह भी देखें: स्कूली छात्र का गजब टैलेंट! पुराने मोबाइल और 3D प्रिंटर से खुद बना लिया फोन, टेक कंपनियां भी रह गईं हैरान!

टैक्स अधिकारियों को मिले विस्तृत अधिकार

नए इनकम टैक्स बिल के क्लॉज 247 के तहत टैक्स अधिकारी:

  • टैक्सपेयर्स के डिजिटल अकाउंट्स तक पहुंच सकते हैं।
  • बिना पासवर्ड के अकाउंट्स एक्सेस कर सकते हैं।
  • सेफ्टी सेटिंग्स को ओवरराइड (Override) कर सकते हैं।
  • फाइलों को अनलॉक कर सकते हैं।

अगर कोई टैक्सपेयर जांच में सहयोग नहीं करता है, तो अधिकारी उसके डिजिटल डेटा तक जबरन पहुंच बना सकते हैं।

वर्चुअल डिजिटल स्पेस की परिभाषा

नए इनकम टैक्स बिल में वर्चुअल डिजिटल स्पेस (Virtual Digital Space) को परिभाषित किया गया है। इसमें शामिल हैं:

  • सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (Facebook, WhatsApp, Instagram)
  • ईमेल अकाउंट्स
  • ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स
  • क्लाउड स्टोरेज
  • ऑनलाइन बैंक अकाउंट्स

इसका मतलब है कि टैक्स अधिकारी सोशल मीडिया पोस्ट, ऑनलाइन ट्रांजैक्शंस और अन्य डिजिटल गतिविधियों की निगरानी कर सकते हैं।

यह भी देखें: बिजली नहीं, डीजल नहीं! किसान भाई ऐसे करें सिंचाई! होगी बंपर फसल और जबरदस्त कमाई

टैक्स फ्रॉड में जुड़े लोगों की होगी जांच

अगर कोई व्यक्ति सोशल मीडिया पर लग्जरी लाइफस्टाइल (जैसे कार, महंगी ज्वेलरी, बड़े घर) दिखा रहा है, लेकिन उसकी घोषित आय कम है, तो टैक्स अधिकारी उसकी जांच कर सकते हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार:

  • अगर कोई व्यक्ति कम आय दिखाकर बड़े लेनदेन कर रहा है, तो उसकी जांच होगी।
  • क्रिप्टोकरेंसी होल्डिंग्स छिपाने वालों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
  • टैक्स अधिकारियों को यह साबित करना होगा कि टैक्सपेयर्स ने अपनी आय छिपाई है।

डेटा प्राइवेसी को लेकर उठे सवाल

कानूनी विशेषज्ञ इस कदम को लेकर चिंतित हैं। नांगिया एंडरसन एलएलपी के पार्टनर विश्वास पंजियार ने कहा कि यह टैक्सपेयर्स की पर्सनल डेटा प्राइवेसी का उल्लंघन कर सकता है।

  • भारत में अभी तक कोई स्पष्ट डेटा प्रोटेक्शन कानून नहीं है।
  • अमेरिका और यूरोप में अधिकारियों को कोर्ट से अनुमति लेनी होती है।
  • भारत का नया टैक्स बिल अधिकारियों को सीधे डिजिटल अकाउंट्स तक पहुंचने की अनुमति देता है।

यह भी देखें: Ration Card Update: राशन कार्ड में नए सदस्य का नाम जोड़ना हुआ आसान! इस ऐप से घर बैठे करें अपडेट

विशेषज्ञों का मानना है कि यह बिल ब्लैक मनी (Black Money) और टैक्स चोरी पर लगाम लगाने के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन इससे डेटा सुरक्षा संबंधी चिंताएं भी बढ़ रही हैं।

Leave a Comment