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इनकम टैक्स छूट के बाद अब सरकार का एक और तोहफा? ब्याज दरों में हो सकती है कटौती

जीएसटी दरों में संभावित बदलाव और ब्याज दरों में कटौती से अर्थव्यवस्था को मिलेगी नई दिशा, जानिए सरकार की अगली रणनीति।

By info@newzoto.com
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इनकम टैक्स छूट के बाद अब सरकार का एक और तोहफा? ब्याज दरों में हो सकती है कटौती

आम बजट 2025-26 में व्यक्तिगत आयकर में दी गई बड़ी राहत के बाद अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए सरकार कई और बड़े कदम उठा सकती है। सरकार की मंशा सिर्फ करदाताओं को राहत देने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके जरिए घरेलू बाजार में मांग को बढ़ावा देना और आर्थिक वृद्धि को नई दिशा देना भी मुख्य उद्देश्य है। यह राहत आगे भी जारी रह सकती है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलने की संभावना बनी हुई है।

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जीएसटी की दरों में संभावित समायोजन

कर छूट के बाद सरकार के अगले कदम के रूप में जीएसटी दरों में संभावित बदलाव पर विचार किया जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि आगामी हफ्तों में जीएसटी की दरों के समायोजन पर महत्वपूर्ण निर्णय लिया जा सकता है। वित्त मंत्रालय इस पर गंभीरता से विचार कर रहा है और इसके लिए पहले से ही एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया जा चुका है। इस समिति की सिफारिशों के आधार पर मौजूदा चार टैक्स स्लैब में कटौती करने का निर्णय लिया जा सकता है, जिससे व्यापार और उद्योग जगत को और अधिक सहूलियत मिलेगी।

ब्याज दरों में कटौती की संभावना

इसके अलावा, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद जताई जा रही है। बैंक ऑफ अमेरिका और अन्य आर्थिक विश्लेषण करने वाली एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार, आरबीआई इस समीक्षा में 0.25 प्रतिशत की दर कटौती कर सकता है। यह निर्णय ऑटोमोबाइल और रियल एस्टेट सेक्टर के लिए फायदेमंद साबित होगा, जिससे इन क्षेत्रों में मांग को बढ़ावा मिलेगा। हाल ही में आरबीआई ने बैंकों को एक लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि उपलब्ध कराई है, ताकि बैंक कर्ज बांटने को लेकर अधिक सक्रिय हो सकें। इससे ब्याज दरों में कटौती की संभावनाएं और प्रबल हो गई हैं।

घरेलू मांग में इजाफे की उम्मीद

आर्थिक सर्वेक्षण 2025-26 में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि वैश्विक अस्थिरता के बावजूद घरेलू मांग में तेजी लाकर भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान की जा सकती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में भी इस बात पर जोर दिया कि वैश्विक चुनौतियों के बावजूद सरकार ने ऐसे कदम उठाए हैं, जो देश की अर्थव्यवस्था को स्थिरता प्रदान करेंगे और उपभोक्ता खर्च में वृद्धि करेंगे।

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आर्थिक विशेषज्ञों की राय

पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार के वी सुब्रमणियन के अनुसार, आयकर में दी गई राहत से करदाताओं के पास एक लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि बचेगी, जिससे घरेलू मांग में 10 प्रतिशत तक की वृद्धि हो सकती है। इसका सीधा प्रभाव देश की आर्थिक विकास दर पर पड़ेगा, जिससे इसमें लगभग दो प्रतिशत की वृद्धि संभव है।

सरकार के कदम और भविष्य की दिशा

सरकार द्वारा कर में दी गई छूट केवल पहला कदम है, आने वाले महीनों में और भी कई सुधारों की घोषणा हो सकती है। जीएसटी दरों में संशोधन और ब्याज दरों में कटौती से देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलने की संभावना है। इसके अलावा, सरकार विभिन्न उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए अतिरिक्त उपायों पर भी विचार कर रही है। यदि इन सुधारों को समय पर लागू किया जाता है, तो भारतीय अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक पहुंचने में मदद मिलेगी।

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