![लाखों राशनकार्ड धारकों को राहत, राशन के साथ एक साथ मिलेगा तीन महीने का सरसों तेल कोटा](https://newzoto.com/wp-content/uploads/2025/02/Relief-to-lakhs-of-ration-card-holders-1024x576.jpg)
हिमाचल प्रदेश सरकार ने राशनकार्ड धारकों को फरवरी महीने से एक महत्वपूर्ण राहत प्रदान की है। राज्य सरकार ने तय किया है कि अब प्रदेश के उपभोक्ताओं को तीन महीने का सरसों तेल एक साथ मिलेगा। खाद्य आपूर्ति निगम ने इस संदर्भ में टेंडर प्रक्रिया को पूरा कर लिया है और अब तेल की आपूर्ति को लेकर कंपनियों को सप्लाई ऑर्डर भी जारी कर दिया गया है। इससे पहले, पिछले तीन महीनों से राशन डिपो में तेल की आपूर्ति में समस्या बनी हुई थी, जिससे उपभोक्ताओं को काफी असुविधा का सामना करना पड़ रहा था। अब, इस नए फैसले से स्थिति में सुधार आने की उम्मीद है, और उपभोक्ता इस राहत का स्वागत कर रहे हैं।
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तेल की कीमतें और उपभोक्ताओं के लिए आर्थिक राहत
सरकार ने राशनकार्ड धारकों के लिए तेल की कीमतों को भी तय कर दिया है। अब, एपीएल (आधारित परिवारों) और गरीब परिवारों के लिए सरसों तेल 146 रुपये प्रति लीटर की दर पर मिलेगा, जबकि आयकरदाता उपभोक्ताओं के लिए यह 153 रुपये प्रति लीटर की दर पर उपलब्ध होगा। यह कीमतें बाजार मूल्य से लगभग 30-35 रुपये सस्ती होंगी, जिससे उपभोक्ताओं को आर्थिक राहत मिलेगी और तेल के बढ़ते दामों से निजात मिलेगी। यह पहल मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू द्वारा बजट सत्र के दौरान की गई घोषणा के अनुसार है, जिसमें उन्होंने उपभोक्ताओं को उनकी आवश्यकता के अनुसार तेल उपलब्ध कराने का वादा किया था।
उपभोक्ताओं को अतिरिक्त तेल की आपूर्ति
मुख्यमंत्री के वादे के अनुरूप, सरकार ने अब राशनकार्ड धारकों को उनके जरूरत के अनुसार तेल उपलब्ध कराने का फैसला लिया है। यदि किसी उपभोक्ता को शादी या अन्य परिवारिक समारोहों के लिए अतिरिक्त तेल की आवश्यकता होती है, तो उन्हें अपने राशन कार्ड को दिखाना होगा। इसके अलावा, डिपो होल्डर पहले से ही उपभोक्ताओं से उनकी तेल की आवश्यकता के बारे में जानकारी लेगा, ताकि वे उनकी मांग के आधार पर तेल की आपूर्ति कर सकें। इससे उन उपभोक्ताओं को विशेष लाभ होगा, जिन्हें पारिवारिक कार्यक्रमों के लिए अधिक तेल की आवश्यकता होती है।
तीन महीने से तेल की आपूर्ति नहीं हुई थी
हिमाचल प्रदेश में पिछले तीन महीनों से राशनकार्ड धारकों को तेल नहीं मिल रहा था, क्योंकि टेंडर प्रक्रिया चार बार रद्द हो चुकी थी। अब, पांचवीं बार यह टेंडर प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी की गई है और फरवरी के पहले सप्ताह से सरसों तेल की आपूर्ति शुरू कर दी गई है। इससे पहले, डिपो में तेल की आपूर्ति नहीं हो पा रही थी, जिससे राज्य के राशनकार्ड धारकों को परेशानी हो रही थी। अब, यह निर्णय उनकी परेशानियों का समाधान करेगा और उन्हें समय पर तेल मिलेगा।
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19.5 लाख परिवारों को मिलेगा लाभ
हिमाचल प्रदेश में कुल 19.5 लाख राशनकार्ड धारक परिवार हैं, जिन्हें राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी पर आवश्यक राशन जैसे गेहूं, चावल, दालें, नमक, चीनी और तेल जैसी चीजें सस्ती दरों पर प्रदान की जाती हैं। इन उपभोक्ताओं को इस योजना से बहुत लाभ होगा, खासकर जब तेल की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। रिफाइंड तेल के लिए भी जल्द ही टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी, ताकि भविष्य में तेल की कोई कमी न हो और उपभोक्ताओं को राहत मिल सके।
सब्सिडी पर अन्य जरूरी वस्तुएं
सरकार की ओर से राशनकार्ड धारकों को अन्य आवश्यक वस्तुएं भी सस्ती दरों पर प्रदान की जाती हैं, जिनमें तीन प्रकार की दालें (मलका, माश और चना दाल), रिफाइंड और सरसों तेल, चीनी, नमक आदि शामिल हैं। यह योजना गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को राहत देने के उद्देश्य से चलाई जा रही है। इससे उन्हें बाजार की बढ़ती कीमतों से राहत मिलती है और उनकी दैनिक जरूरतें पूरी होती हैं।
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खाद्य आपूर्ति निगम का बयान
खाद्य आपूर्ति निगम के निदेशक, राजेश्वर गोयल ने बताया कि फरवरी महीने से उपभोक्ताओं को तीन महीने का सरसों तेल एक साथ मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है कि राशनकार्ड धारकों को समय पर सभी आवश्यक वस्तुएं मिलें और किसी भी प्रकार की कोई समस्या न हो। यह निर्णय उपभोक्ताओं के लिए बहुत बड़ी राहत लेकर आएगा और तेल की आपूर्ति में आ रही समस्याओं का समाधान करेगा।
समग्र लाभ
सरकार के इस कदम से हिमाचल प्रदेश के लाखों राशनकार्ड धारकों को राहत मिलेगी। लंबे समय से तेल की कमी के कारण उपभोक्ताओं को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था। अब, तीन महीने का तेल एक साथ मिलने से उन्हें राहत मिलेगी। इसके साथ ही, रिफाइंड तेल के लिए टेंडर प्रक्रिया का प्रारंभ होने से भविष्य में तेल की कोई कमी नहीं होगी और उपभोक्ताओं को मार्केट की बढ़ती कीमतों से राहत मिलेगी।