
मध्यप्रदेश सरकार किसानों के हित में लगातार नई योजनाएं और घोषणाएं कर रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए कई अहम फैसले लिए हैं। इनमें लाखों किसानों को सोलर पंप (Solar Pump) देने से लेकर बिजली कनेक्शन के खर्च को बेहद कम करने तक की घोषणाएं शामिल हैं। सरकार का मानना है कि इससे किसानों की आत्मनिर्भरता बढ़ेगी और वे कर्जमुक्त हो सकेंगे। इसके अलावा, गेहूं और धान की खरीद पर बोनस देने की भी घोषणा की गई है, जिससे प्रदेश के किसानों को बड़ी राहत मिलेगी।
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गेहूं और धान पर किसानों को मिलेगा बोनस
राज्य सरकार ने साल 2025-26 की समर्थन मूल्य (MSP) पर गेहूं खरीदी में किसानों को 175 रुपए प्रति क्विंटल बोनस देने का फैसला किया है। यह प्रस्ताव कैबिनेट बैठक में मंजूर किया गया, जिसकी अध्यक्षता स्वयं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने की। केंद्र सरकार ने गेहूं की एमएसपी 2425 रुपए तय की है, लेकिन मध्यप्रदेश सरकार के बोनस के बाद किसानों से गेहूं 2600 रुपए प्रति क्विंटल के भाव पर खरीदा जाएगा।
इसके अलावा, धान किसानों को भी 480 करोड़ रुपए का बोनस दिया जाएगा। 2024 में धान की खेती करने वाले किसानों को 4,000 रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से बोनस मिलेगा। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 12.20 लाख हेक्टेयर में धान की खेती हुई थी और 6.70 लाख किसानों ने इसका उत्पादन किया था। इन योजनाओं के तहत 1880 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि किसानों को दी जाएगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
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सोलर पंप योजना से किसानों को बड़ी राहत
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने लाखों किसानों को सोलर पंप देने की घोषणा की है। यह कदम रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) को बढ़ावा देने के साथ-साथ किसानों के बिजली खर्च को कम करने के लिए उठाया गया है। इसके अलावा, बिजली कनेक्शन लेने का खर्च भी सरकार ने बेहद कम कर दिया है, जिससे छोटे और सीमांत किसान भी आसानी से लाभ उठा सकेंगे।
गेहूं खरीदी के लिए पंजीयन जारी
राज्य सरकार ने गेहूं खरीदी के लिए पंजीयन प्रक्रिया शुरू कर दी है। अब तक 5,17,632 किसानों ने पंजीयन करा लिया है, और यह प्रक्रिया 31 मार्च तक जारी रहेगी। गेहूं की खरीदी 15 मार्च से 5 मई 2025 तक उपार्जन केंद्रों में की जाएगी।
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किसानों की भूमि दस्तावेज होंगे डिजिटल
कैबिनेट बैठक में एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया जिसके तहत राज्य सरकार 138.41 करोड़ रुपए खर्च कर किसानों के दस्तावेज डिजिटल रूप से सुरक्षित करेगी। यह फैसला किसानों के भूमि रिकॉर्ड को संरक्षित करने और पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से लिया गया है। इससे किसानों को भूमि विवाद और धोखाधड़ी से बचने में मदद मिलेगी।
केंद्र सरकार ने एमपी के लिए 80 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद का कोटा तय किया
केंद्र सरकार ने मध्यप्रदेश के लिए 80 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का कोटा निर्धारित किया है। इससे प्रदेश के किसानों को 1400 करोड़ रुपए बोनस के रूप में मिलेगा। यह राशि किसानों के बैंक खातों में सीधे ट्रांसफर की जाएगी ताकि वे इसका उपयोग अपनी कृषि आवश्यकताओं के लिए कर सकें।
किसानों के लिए डिजिटल सीमांकन और बटांकन प्रक्रिया
राज्य सरकार ने सीमांकन और बटांकन प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन करने का फैसला किया है। इससे किसानों को भूमि विभाजन से संबंधित कार्यों के लिए अधिकारियों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
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किसानों के लिए यह घोषणाएं क्यों हैं महत्वपूर्ण?
राज्य सरकार के ये फैसले प्रदेश के लाखों किसानों को सीधे तौर पर लाभ पहुंचाएंगे। बोनस की राशि और अन्य योजनाओं के जरिए सरकार किसानों को कर्जमुक्त करने और उनकी आय बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। साथ ही, डिजिटल दस्तावेजीकरण और ऑनलाइन प्रक्रियाएं पारदर्शिता लाने में मदद करेंगी।