
भारत में मोटर वाहन अधिनियम (Motor Vehicle Act) के तहत सड़कों पर चलने वाले सभी वाहनों के लिए कड़े नियम बनाए गए हैं। इन नियमों का पालन करना सभी वाहन चालकों के लिए अनिवार्य है, और इनके उल्लंघन पर भारी जुर्माना लगाया जाता है। इन नियमों में से एक सख्त प्रावधान नाबालिगों के गाड़ी चलाने को लेकर है, जिसमें उल्लंघन करने पर 25 हजार रुपये तक का चालान लगाया जा सकता है।
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मोटर वाहन अधिनियम के तहत नाबालिगों के गाड़ी चलाने पर 25 हजार रुपये का चालान और अभिभावकों पर सख्त जुर्माना लगाने का प्रावधान सड़क सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। यह कानून इसलिए लागू किया गया है ताकि अभिभावक और बच्चे दोनों ही ट्रैफिक नियमों के महत्व को समझें और उनका पालन करें। नाबालिगों के गाड़ी चलाने पर सख्त कार्रवाई करके सरकार सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने का प्रयास कर रही है।
मोटर वाहन अधिनियम के तहत नाबालिगों के लिए कड़े नियम
मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार, भारत में ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License) प्राप्त करने के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष है। 18 वर्ष से कम उम्र के किसी भी व्यक्ति को गाड़ी चलाने की अनुमति नहीं है। यदि कोई नाबालिग स्कूटी या बाइक चलाते हुए पकड़ा जाता है, तो मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 199A के तहत उसके अभिभावक पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके साथ ही वाहन को भी जब्त किया जा सकता है।
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अभिभावकों पर क्यों लगाया जाता है जुर्माना?
नाबालिगों के गाड़ी चलाने के मामले में जुर्माना सीधे उनके अभिभावकों पर लगाया जाता है। इसका मुख्य कारण यह है कि नाबालिग कानूनन ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने के योग्य नहीं होते हैं, इसलिए उनके अभिभावक ही उनकी जिम्मेदारी माने जाते हैं। यह नियम इसलिए भी लागू किया गया है ताकि अभिभावक अपने बच्चों को नियमों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करें और सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता दें।
ड्राइविंग लाइसेंस के बिना गाड़ी चलाने पर क्या है सजा?
मोटर वाहन अधिनियम के तहत बिना ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License) के गाड़ी चलाने पर भी सख्त कार्रवाई की जाती है। इस स्थिति में चालान काटा जा सकता है और वाहन जब्त किया जा सकता है। 18 वर्ष से ऊपर के सभी भारतीय नागरिक ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें निर्धारित परीक्षणों को पास करना आवश्यक होता है।
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नाबालिगों के लिए अन्य महत्वपूर्ण प्रावधान
मोटर वाहन अधिनियम के तहत नाबालिगों के गाड़ी चलाने पर निम्नलिखित प्रावधान लागू होते हैं:
- वाहन का पंजीकरण रद्द किया जा सकता है।
- वाहन मालिक को न्यायालय में पेश होना पड़ सकता है।
- इंश्योरेंस (Insurance) दावा खारिज किया जा सकता है, यदि दुर्घटना में नाबालिग शामिल हो।
- जुर्माने के साथ-साथ 3 साल तक की सजा भी हो सकती है, यदि दुर्घटना में गंभीर चोट या मृत्यु होती है।
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अभिभावकों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
अभिभावकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके नाबालिग बच्चे किसी भी परिस्थिति में वाहन न चलाएं। इसके लिए:
- घर में वाहन की चाबी सुरक्षित जगह पर रखें।
- बच्चों को यातायात नियमों के बारे में शिक्षित करें।
- सड़क सुरक्षा (Road Safety) के महत्व को समझाएं।
- बच्चों को वैध उम्र होने पर ही ड्राइविंग लाइसेंस दिलवाएं और उचित प्रशिक्षण दिलाएं।
नाबालिगों के वाहन चलाने के बढ़ते मामले
देशभर में नाबालिगों के वाहन चलाने के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इस समस्या को रोकने के लिए सरकार ने मोटर वाहन अधिनियम में बदलाव किए हैं और जुर्माने की राशि को बढ़ाया है। इसके बावजूद, कई अभिभावक अपने बच्चों को गाड़ी चलाने की अनुमति दे देते हैं, जिससे सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि हो रही है।
सड़क सुरक्षा और कानून का पालन
सड़क सुरक्षा और कानून का पालन सभी नागरिकों की जिम्मेदारी है। मोटर वाहन अधिनियम (Motor Vehicle Act) के तहत बनाए गए नियमों का पालन करके न केवल अपनी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है, बल्कि दूसरों की सुरक्षा भी सुनिश्चित होती है। नाबालिगों के गाड़ी चलाने पर रोक लगाकर सरकार सड़क दुर्घटनाओं को कम करने का प्रयास कर रही है।