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Insurance में डेथ के बाद सिर्फ नॉमिनी को मिलेगा पैसा? HC के फैसले ने बदल दिया पूरा खेल, जानें डिटेल्स

अब बीमा पॉलिसी में नामित व्यक्ति को नहीं मिलेगा पूरा फायदा! अगर कानूनी उत्तराधिकारी दावा करेंगे, तो बीमा राशि उत्तराधिकार कानूनों के हिसाब से बंटेगी। जानिए कैसे यह फैसला आपकी बीमा पॉलिसी और भविष्य की प्लानिंग को प्रभावित कर सकता है 🔥📜

By Saloni uniyal
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Insurance में डेथ के बाद सिर्फ नॉमिनी को मिलेगा पैसा? HC के फैसले ने बदल दिया पूरा खेल, जानें डिटेल्स
Insurance में डेथ के बाद सिर्फ नॉमिनी को मिलेगा पैसा? HC के फैसले ने बदल दिया पूरा खेल, जानें डिटेल्स

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बीमा नॉमिनी (Insurance Nominee) को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि बीमा पॉलिसी (Insurance Policy) में नामित व्यक्ति को केवल तभी लाभ मिलेगा जब कानूनी उत्तराधिकारी (Legal Heirs) इस पर दावा न करें। अगर कानूनी उत्तराधिकारी दावा करते हैं तो बीमा लाभों का वितरण हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 (Hindu Succession Act, 1956) जैसे व्यक्तिगत उत्तराधिकार कानूनों के तहत होगा।

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न्यायालय ने किस मामले में दिया फैसला?

न्यायमूर्ति अनंत रामनाथ हेगड़े ने नीलव्वा उर्फ नीलम्मा बनाम चंद्रव्वा उर्फ चंद्रकला उर्फ हेमा एवं अन्य (Neelavva vs Chandravva) मामले में यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया। यह विवाद एक मृतक व्यक्ति की बीमा राशि (Insurance Claim) के सही हकदारों को लेकर था। कोर्ट ने कहा कि बीमा कंपनी का नॉमिनी प्रावधान बीमा अधिनियम, 1938 (Insurance Act, 1938) की धारा 39 (Section 39) के तहत आता है, लेकिन यह उत्तराधिकार कानूनों को निष्प्रभावी नहीं करता।

बीमा राशि के लिए मां और पत्नी में हुआ था विवाद

इस केस में मृतक ने अपनी शादी से पहले अपनी मां को बीमा पॉलिसी में नामांकित किया था। लेकिन शादी और बच्चे के जन्म के बाद भी उसने अपनी नॉमिनी में बदलाव नहीं किया। 2019 में उसकी मृत्यु के बाद उसकी मां और पत्नी के बीच बीमा राशि को लेकर कानूनी लड़ाई शुरू हो गई। हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए आदेश दिया कि मृतक की मां, पत्नी और बच्चे को बीमा राशि का एक-तिहाई हिस्सा मिलेगा।

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बीमा पॉलिसी में नामांकित व्यक्ति को नहीं मिलेगा पूर्ण अधिकार

न्यायालय ने साफ किया कि बीमा पॉलिसी में नामांकित व्यक्ति को केवल ट्रस्टी (Trustee) माना जाएगा, न कि वास्तविक लाभार्थी। यदि मृतक के कानूनी उत्तराधिकारी इस पर दावा करते हैं, तो बीमा राशि उत्तराधिकार कानूनों के अनुसार वितरित होगी। यह फैसला बीमा पॉलिसी से जुड़े अन्य कानूनी विवादों में भी मार्गदर्शक साबित होगा।

इस फैसले का भविष्य में क्या असर होगा?

  • उत्तराधिकार कानून होगा प्रभावी: अब बीमा नॉमिनी को संपूर्ण लाभ देने के बजाय उत्तराधिकार कानून के अनुसार वितरण किया जाएगा।
  • बीमा कंपनियों पर असर: बीमा कंपनियां अब नॉमिनी को ही फाइनल लाभार्थी मानकर भुगतान नहीं कर पाएंगी।
  • कानूनी विवाद कम होंगे: यह फैसला उन मामलों में मदद करेगा, जहां बीमा राशि के लिए परिवार में विवाद होते हैं।

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बीमा धारकों के लिए महत्वपूर्ण सीख

  • बीमा पॉलिसी लेते समय यह सुनिश्चित करें कि नॉमिनी वही व्यक्ति हो जिसे आप वास्तविक लाभार्थी बनाना चाहते हैं।
  • यदि पारिवारिक स्थिति (शादी, बच्चे का जन्म) में बदलाव होता है, तो बीमा नॉमिनी में आवश्यक बदलाव करें।
  • अपने कानूनी उत्तराधिकारियों को अपने बीमा और संपत्ति योजनाओं के बारे में सूचित करें।

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