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किराए से कमाई करने वालों के लिए खुशखबरी! बजट 2024 में वित्त मंत्री ने दिया बड़ा तोहफाब्याज दरों में कटौती संभव

अब मकान मालिकों को मिलेगी बड़ी राहत, किराये से अर्जित आय पर टीडीएस की सीमा बढ़ाकर छह लाख रुपये हुई – जानें इसका असर!

By info@newzoto.com
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किराए से कमाई करने वालों के लिए खुशखबरी! बजट 2024 में वित्त मंत्री ने दिया बड़ा तोहफाब्याज दरों में कटौती संभव

सरकार ने मकान मालिकों को एक बड़ी राहत दी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2025-26 के केंद्रीय बजट में किराये से अर्जित आय पर टैक्स कटौती की सीमा को मौजूदा 2.4 लाख रुपये से बढ़ाकर छह लाख रुपये करने की घोषणा की है। इस बदलाव से किराये पर आय अर्जित करने वाले मकान मालिकों को बड़ा फायदा मिलेगा।

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क्या कहा वित्त मंत्री ने?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, “मैं कटौती की दरों और सीमाओं को घटाकर टीडीएस को तर्कसंगत बनाने का प्रस्ताव करती हूं। इसके साथ ही, स्पष्टता और एकरूपता बनाए रखने के लिए कर कटौती की सीमा भी बढ़ाई जाएगी।” उन्होंने आगे बताया कि वर्तमान में 2.40 लाख रुपये की वार्षिक सीमा थी, जिसे अब बढ़ाकर छह लाख रुपये किया जा रहा है। इससे छोटे मकान मालिकों और करदाताओं को राहत मिलेगी और अनुपालन बोझ भी कम होगा।

क्या कहता है नया नियम?

आयकर अधिनियम की धारा 194-आई के तहत, किराये की आय यदि 2.4 लाख रुपये से अधिक होती थी, तो स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) लागू होती थी। लेकिन अब इस सीमा को बढ़ाकर 50,000 रुपये प्रति माह कर दिया गया है। इसका मतलब यह है कि यदि किसी मकान मालिक की मासिक किराया आय 50,000 रुपये से अधिक नहीं है, तो उस पर टीडीएस नहीं कटेगा। यह प्रावधान व्यक्तिगत करदाता और अविभाजित हिंदू परिवार (एचयूएफ) के अलावा अन्य इकाइयों पर लागू होगा।

एक्सपर्ट्स की राय

डेलॉयट इंडिया में साझेदार आरती रावते ने इस संशोधन को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा, “इस बदलाव से मकान मालिकों को बड़ी राहत मिलेगी, खासकर उन लोगों को, जिनकी किराये की आय सीमित है। अब केवल वही मकान मालिक टीडीएस के दायरे में आएंगे, जिनका किराया 50,000 रुपये से अधिक होगा।”

वहीं, क्रेडाई-एमसीएचआई के अध्यक्ष डॉमनिक रोमेल ने इस फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा, “किराये पर वार्षिक टीडीएस सीमा को छह लाख रुपये किए जाने से छोटे करदाताओं और मकान मालिकों को सीधा फायदा होगा। इससे अनुपालन का बोझ भी कम होगा और किराये की आय अर्जित करने वालों को अधिक लाभ मिलेगा।”

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क्या होगा इस बदलाव का असर?

इस संशोधन से मकान मालिकों के लिए कर अनुपालन की प्रक्रिया सरल होगी। पहले जहां 2.4 लाख रुपये से अधिक की आय पर टीडीएस काटना अनिवार्य था, अब यह सीमा बढ़ने से छोटे और मध्यम श्रेणी के मकान मालिकों को अधिक राहत मिलेगी। इससे किराये की आय पर कर भुगतान का बोझ कम होगा और मकान मालिकों की आय में भी वृद्धि होगी।

इसके अलावा, यह कदम रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए भी एक सकारात्मक संकेत है। इससे अधिक लोग किराये पर संपत्ति देने के लिए प्रेरित होंगे, जिससे किराये के बाजार में भी उछाल आने की संभावना है।

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