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FASTag यूजर्स सावधान! आपकी टैग एक्सपायर हो सकती है – जानिए कब और क्या करना होगा?

क्या आपका FASTag एक्सपायर होने वाला है? 5 साल की वैलिडिटी के बाद क्या करना चाहिए? जानिए NHAI के नए नियम और वो खास ट्रिक जिससे टोल प्लाजा पर कभी नहीं लगेगा जाम! आगे पढ़ें और अपनी यात्रा को बनाएं आसान और परेशानी-मुक्त

By Saloni uniyal
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FASTag यूजर्स सावधान! आपकी टैग एक्सपायर हो सकती है – जानिए कब और क्या करना होगा?
FASTag यूजर्स सावधान! आपकी टैग एक्सपायर हो सकती है – जानिए कब और क्या करना होगा?

देश में 2014 में पहली बार फास्टैग (FASTag) को लागू किया गया था, ताकि टोल प्लाजा पर लगने वाले जाम से लोगों को राहत मिल सके। यह रेडियो-फ़्रीक्वेंसी आइडेंटिफ़िकेशन तकनीक (RFID) के जरिए काम करता है, जिससे व्हीकल बिना रुके टोल प्लाजा से गुजर सकते हैं। लेकिन कुछ समय बाद यह देखने को मिला कि फास्टैग के बावजूद टोल प्लाजा पर लंबी लाइनें लग रही हैं। इसका बड़ा कारण लोगों की लापरवाही और समय पर फास्टैग रिचार्ज न कराना है। इस समस्या को दूर करने के लिए NHAI ने नए नियम जारी किए हैं, जिससे टोल प्लाजा पर जाम नहीं लगेगा। इसके साथ ही यह जानना भी जरूरी है कि फास्टैग की भी एक निश्चित वैलिडिटी होती है।

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कितने साल तक वैलिड होता है FASTag?

NHAI (नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) की वेबसाइट के अनुसार, किसी भी वाहन का फास्टैग खरीदने के दिन से 5 साल तक के लिए वैलिड रहता है। इसका मतलब यह है कि फास्टैग को हर 5 साल के बाद रिन्यू (Renew) कराने की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन 5 साल के बाद नया फास्टैग खरीदना होगा। फास्टैग का बैलेंस खत्म होने पर उसे रिचार्ज कराना जरुरी होता है, जिससे टोल प्लाजा पर रुकावट न हो।

क्यों लगता है फास्टैग के बावजूद जाम?

फास्टैग को लागू करने का मुख्य उद्देश्य टोल प्लाजा पर लगने वाले जाम को कम करना था, लेकिन कुछ वजहों से यह उद्देश्य पूरी तरह से सफल नहीं हो पाया। इसके पीछे प्रमुख कारण इस प्रकार हैं:

  1. समय पर रिचार्ज न कराना: कई बार वाहन चालक टोल प्लाजा पर पहुंचने के बाद फास्टैग रिचार्ज करते हैं, जिससे लाइनें लंबी हो जाती हैं।
  2. तकनीकी समस्याएं: कभी-कभी RFID स्कैनर में तकनीकी खामियां आ जाती हैं, जिससे वाहनों की कतारें लग जाती हैं।
  3. डबल डिडक्शन (Double Deduction): कुछ मामलों में फास्टैग से दो बार पैसे कटने की शिकायतें आई हैं, जिससे विवाद उत्पन्न होते हैं और जाम लगता है।
  4. कैश लेन का इस्तेमाल: कुछ टोल प्लाजा पर कैश लेन भी चालू रहती हैं, जिनकी वजह से ट्रैफिक डाइवर्जन और जाम की स्थिति पैदा होती है।

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NHAI के नए नियम और समाधान

NHAI ने फास्टैग से संबंधित समस्याओं को दूर करने और टोल प्लाजा पर जाम को नियंत्रित करने के लिए कुछ नए नियम जारी किए हैं:

  • ऑटो रिचार्ज की सुविधा: अब फास्टैग को ऑटो रिचार्ज (Auto Recharge) करने का विकल्प दिया गया है, जिससे बैलेंस खत्म होने पर भी भुगतान में रुकावट नहीं होगी।
  • डिजिटल नोटिफिकेशन: वाहन मालिकों को बैलेंस खत्म होने से पहले SMS और ईमेल द्वारा सूचित किया जाएगा।
  • टोल प्लाजा पर अतिरिक्त स्कैनर: RFID स्कैनर की संख्या बढ़ाई गई है, जिससे एक साथ अधिक वाहनों की स्कैनिंग हो सके।
  • डिस्प्यूट रिजॉल्यूशन: डबल डिडक्शन और अन्य तकनीकी समस्याओं को सुलझाने के लिए हेल्पडेस्क और कस्टमर केयर को मजबूत बनाया गया है।

फास्टैग की वैलिडिटी खत्म होने पर क्या करें?

यदि आपका फास्टैग 5 साल की वैलिडिटी के बाद समाप्त हो गया है, तो आपको नया फास्टैग खरीदना होगा। इसके लिए आप अपने नजदीकी बैंक, पेट्रोल पंप या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर सकते हैं। फास्टैग खरीदने के लिए आपको निम्न दस्तावेजों की आवश्यकता होगी:

  • वाहन का पंजीकरण प्रमाणपत्र (RC)
  • वाहन मालिक का पहचान प्रमाण (आधार कार्ड, पैन कार्ड, आदि)
  • पासपोर्ट साइज फोटो

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फास्टैग रिचार्ज के तरीके

फास्टैग को रिचार्ज करने के लिए आप निम्नलिखित तरीकों का उपयोग कर सकते हैं:

  • UPI: Google Pay, PhonePe, Paytm आदि से सीधा रिचार्ज किया जा सकता है।
  • नेट बैंकिंग: अपने बैंक के नेट बैंकिंग विकल्प से फास्टैग अकाउंट में पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं।
  • मोबाइल ऐप्स: My FASTag App, Paytm और अन्य डिजिटल वॉलेट्स से भी रिचार्ज किया जा सकता है।
  • ऑटो रिचार्ज: बैंक खाते से ऑटो डेबिट की सुविधा भी उपलब्ध है।

फास्टैग से जुड़े फायदे

  • समय की बचत: टोल प्लाजा पर रुकने की आवश्यकता नहीं होती, जिससे यात्रा का समय कम हो जाता है।
  • ईंधन की बचत: बार-बार वाहन रोकने और स्टार्ट करने से ईंधन की बचत होती है।
  • डिजिटल पेमेंट: कैश लेन-देन की जरूरत नहीं होती, जिससे भुगतान में पारदर्शिता रहती है।
  • ऑनलाइन ट्रैकिंग: फास्टैग से होने वाले सभी ट्रांजेक्शन को ऑनलाइन ट्रैक किया जा सकता है।

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