
सैलरी कर्मचारियों के लिए प्रोविडेंट फंड (PF) योजना एक महत्वपूर्ण वित्तीय साधन है, जो उन्हें रिटायरमेंट के लिए एक सुरक्षित कॉर्पस बनाने का अवसर देता है। यह योजना कर्मचारियों को उनकी सैलरी से हर महीने एक निर्धारित राशि बचाने और इसे ब्याज सहित रिटायरमेंट के समय प्राप्त करने का मौका देती है। EPF यानी इंप्लॉई प्रॉविडेंट फंड और EPS यानी इंप्लॉई पेंशन स्कीम के रूप में यह फंड कर्मचारियों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है।
यह भी देखें: सिर्फ ₹10,000 महीना लगाकर बना सकते थे 5.80 करोड़! जानें इस स्कीम का राज, अब भी है मौका?
प्रोविडेंट फंड योजना कर्मचारियों के लिए एक सुरक्षित और लाभकारी निवेश है, जो उन्हें रिटायरमेंट के बाद वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है। यदि कोई कर्मचारी 30 साल तक पीएफ में नियमित योगदान करता है, तो वह करोड़पति बनने का सपना पूरा कर सकता है। इसके अलावा, टैक्स लाभ, पेंशन सुविधा और लोन जैसे अन्य फायदे भी इस योजना को आकर्षक बनाते हैं।
30 साल में करोड़पति बनने का मौका
अगर कोई कर्मचारी लगातार 30 वर्षों तक नौकरी करता है और हर महीने पीएफ में 7200 रुपये का योगदान करता है, तो यह राशि समय के साथ बढ़ती जाती है। मौजूदा 8.25% की ब्याज दर को ध्यान में रखते हुए, 30 वर्षों में कर्मचारी के पीएफ खाते में कुल 1,10,93,466.28 रुपये जमा हो सकते हैं। इस प्रकार, कर्मचारी अपने रिटायरमेंट के समय करोड़पति बन सकता है।
यह भी देखें: RTO New Rules: गाड़ी चलाते वक्त की ये गलती तो सीज होगी गाड़ी, लाइसेंस रद्द, और 5 साल की जेल!
पीएफ योजना के फायदे
प्रोविडेंट फंड न केवल कर्मचारियों को बचत करने का अवसर देता है, बल्कि उन्हें कई अन्य फायदे भी प्रदान करता है।
ब्याज दर पर आकर्षक रिटर्न
- पीएफ पर मिलने वाली ब्याज दर अन्य पारंपरिक निवेश योजनाओं की तुलना में अधिक होती है। वर्तमान में यह 8.25% के करीब है, जिससे कर्मचारियों का निवेश तेजी से बढ़ता है।
कर लाभ (Tax Benefits)
- पीएफ में किए गए निवेश पर धारा 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है। यह कर-मुक्त निवेश श्रेणी में आता है और कर्मचारियों को टैक्स बचाने में मदद करता है।
पेंशन का लाभ (EPS Scheme)
- पीएफ का पैसा दो भागों में विभाजित होता है: EPF और EPS। कंपनी द्वारा किए गए योगदान का एक हिस्सा EPS में जाता है, जिससे कर्मचारी को 58 वर्ष की आयु के बाद पेंशन मिलती है। पेंशन के लिए कम से कम 10 साल की नौकरी अनिवार्य होती है।
नॉमिनेशन की सुविधा
EPFO ने कर्मचारियों को अपने पीएफ अकाउंट में नॉमिनी जोड़ने की सलाह दी है। यदि पीएफ खाताधारक की मृत्यु हो जाती है, तो नॉमिनी को पीएफ राशि प्राप्त हो जाती है। यह सुविधा कर्मचारियों के परिवार के लिए वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करती है।
यह भी देखें: FD Holders के लिए बड़ी खुशखबरी! ₹50 लाख तक की फिक्स्ड डिपॉजिट पर नहीं देना होगा टैक्स? जानें
लोन और निकासी सुविधा
EPF खाते से कर्मचारी विभिन्न जरूरतों के लिए आंशिक निकासी कर सकते हैं। घर खरीदने, मेडिकल इमरजेंसी, बच्चों की पढ़ाई या शादी के लिए पीएफ अकाउंट से कुछ राशि निकाली जा सकती है। इसके अलावा, कर्मचारी अपने पीएफ बैलेंस के आधार पर लोन भी ले सकते हैं।
VPF: अधिक बचत का मौका
EPF के अतिरिक्त, कर्मचारी Voluntary Provident Fund (VPF) में भी निवेश कर सकते हैं। VPF के तहत कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी का 100% तक अतिरिक्त योगदान कर सकते हैं। VPF पर भी वही ब्याज दर लागू होती है, जो EPF पर मिलती है, जिससे यह एक आकर्षक निवेश विकल्प बन जाता है।