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E-KYC में अंगूठा नहीं लग रहा? अब टेंशन खत्म, नया तरीका करेगा तुरंत समाधान

अगर आपका अंगूठा बायोमेट्रिक में फेल हो रहा है, तो चिंता की बात नहीं! अब राशन कार्ड धारकों की E-KYC आंख के रेटिना स्कैन से होगी। जानिए कैसे यह नया नियम आपके लिए फायदेमंद साबित होगा

By Saloni uniyal
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E-KYC में अंगूठा नहीं लग रहा? अब टेंशन खत्म, नया तरीका करेगा तुरंत समाधान
E-KYC में अंगूठा नहीं लग रहा? अब टेंशन खत्म, नया तरीका करेगा तुरंत समाधान

मिर्जापुर: अगर आपका अंगूठे का निशान ई-केवाईसी (E-KYC) में काम नहीं कर रहा है, तो आपके लिए राहत भरी खबर है। अब सरकार ने नियमों में बदलाव करते हुए आंख के रेटिना स्कैन से ई-केवाईसी करने की सुविधा शुरू की है। इससे उन लोगों को बड़ी राहत मिलेगी जिनके अंगूठे के निशान मिट चुके हैं और उनकी ई-केवाईसी नहीं हो पा रही थी।

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क्यों किया गया नियमों में बदलाव?

अब तक राशन कार्ड धारकों की ई-केवाईसी सिर्फ अंगूठे के निशान (Thumb Impression) से होती थी। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरों और किसानों के अंगूठे की रेखाएं मिट जाने के कारण कई लोगों को समस्या हो रही थी। खेती और मेहनत के काम में लगे लोगों के हाथों की लकीरें घिस जाती हैं, जिससे बायोमेट्रिक पहचान संभव नहीं हो पाती। इस समस्या को देखते हुए सरकार ने अब आइरिश स्कैन (Iris Scan) के माध्यम से भी ई-केवाईसी कराने की सुविधा दे दी है।

राशन कार्ड धारकों की संख्या और ई-केवाईसी की स्थिति

मिर्जापुर जिले में चार लाख 53 हजार राशन कार्ड धारक हैं, जिनमें कुल 19 लाख 19 हजार सदस्य जुड़े हुए हैं। अब तक जिले में 77% राशन कार्ड धारकों की ई-केवाईसी पूरी हो चुकी है। बाकी बचे राशन कार्ड धारकों की ई-केवाईसी तेजी से कराई जा रही है।

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कोटेदारों के लिए नई सुविधा

सरकार द्वारा ई-पास मशीन (E-POS Machine) को नई प्रणाली से जोड़ा जाएगा, जिससे कोटेदार अब आसानी से आइरिश स्कैन के जरिए ई-केवाईसी कर सकेंगे। यह सुविधा लागू होने के बाद ई-केवाईसी प्रक्रिया और तेज हो जाएगी और राशन कार्ड धारकों को राशन लेने में किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी।

राशन आपूर्ति पर असर नहीं

जिला पूर्ति अधिकारी संजय कुमार ने बताया कि सरकार की प्राथमिकता है कि किसी भी पात्र लाभार्थी का राशन न रुके। इसीलिए ई-केवाईसी के नियमों को लचीला बनाया गया है और आइरिश स्कैनिंग को इसमें शामिल किया गया है।

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क्या है आइरिश स्कैन और यह कैसे काम करता है?

आइरिश स्कैन एक बायोमेट्रिक प्रक्रिया है, जिसमें व्यक्ति की आंखों की रेटिना और आइरिश (Iris) स्कैन की जाती है। यह तकनीक अंगूठे के निशान से अधिक सटीक और सुरक्षित मानी जाती है, क्योंकि आंखों का पैटर्न जीवनभर नहीं बदलता।

सरकार की नई पहल से लाभ

  • जिन लोगों के अंगूठे के निशान घिस चुके हैं, उन्हें अब आइरिश स्कैन से ई-केवाईसी की सुविधा मिलेगी।
  • ई-केवाईसी की प्रक्रिया तेज होगी और राशन वितरण में देरी नहीं होगी।
  • ई-पास मशीनों में नया अपडेट जोड़ा जाएगा, जिससे कोटेदार आसानी से आईरिश स्कैन कर सकेंगे।
  • गरीब और मजदूर वर्ग को राहत मिलेगी, जिन्हें अंगूठे के निशान के कारण दिक्कत हो रही थी।

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