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कुकर में पकते ही ज़हर बन जाती हैं ये 5 चीज़ें! आपकी थाली में रोज़ परोसा जा रहा

प्रेशर कुकर में पकाना जितना सुविधाजनक है, उतना ही खतरनाक भी हो सकता है कुछ खास चीजों के लिए। जानिए कौन-सी 5 आम चीजें कुकर में पकते ही जहर बन जाती हैं, और क्यों इनका ऐसा इस्तेमाल सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। ये जानकारी आपके स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है!

By Saloni uniyal
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कुकर में पकते ही ज़हर बन जाती हैं ये 5 चीज़ें! आपकी थाली में रोज़ परोसा जा रहा
कुकर में पकते ही ज़हर बन जाती हैं ये 5 चीज़ें! आपकी थाली में रोज़ परोसा जा रहा

प्रेशर कुकर में खाना पकाना आज के दौर में समय की बचत का एक लोकप्रिय तरीका बन गया है। इससे भोजन तेजी से तैयार हो जाता है और गैस की खपत भी कम होती है। लेकिन कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे होते हैं जिन्हें प्रेशर कुकर (Pressure Cooker) में पकाना न सिर्फ उनके पोषक तत्वों को खत्म कर सकता है, बल्कि उन्हें शरीर के लिए हानिकारक भी बना सकता है। ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी हो जाता है कि कौन-सी चीजें हैं जिन्हें कुकर में पकाने से बचना चाहिए। खासकर जब बात स्वास्थ्य और पोषण की हो तो सतर्क रहना ही बुद्धिमानी है।

ब्राउन राइस और सफेद चावल: पोषक तत्वों का नुकसान और फाइटिक एसिड का खतरा

ब्राउन राइस, जो कि फाइबर और मिनरल्स का अच्छा स्रोत माना जाता है, उसमें फाइटिक एसिड (Phytic Acid) की मौजूदगी होती है। यह एंटी-न्यूट्रिएंट तत्व शरीर में आयरन, जिंक और कैल्शियम जैसे खनिजों के अवशोषण में बाधा उत्पन्न करता है। जब ब्राउन राइस को प्रेशर कुकर में पकाया जाता है तो तेज तापमान के कारण फाइटिक एसिड पूरी तरह टूट नहीं पाता, जिससे शरीर को नुकसान हो सकता है। सफेद चावल में भी अत्यधिक स्टार्च होता है, जो कुकर में पकाने पर और अधिक सक्रिय हो सकता है। इसलिए चावल को खुले बर्तन में पकाना अधिक लाभकारी माना जाता है।

आलू: एक्रिलामाइड नामक जहर का बनना

आलू एक ऐसी सब्जी है जो लगभग हर घर में रोजाना इस्तेमाल होती है। लेकिन जब इसे प्रेशर कुकर में बहुत तेज तापमान पर पकाया जाता है, तो इसमें एक्रिलामाइड (Acrylamide) नामक एक रसायन बन सकता है। यह पदार्थ विशेष रूप से तब बनता है जब आलू अत्यधिक पक जाए। वैज्ञानिक अध्ययनों में यह पाया गया है कि एक्रिलामाइड एक कैंसरजन्य तत्व हो सकता है। इसे शरीर में जाने से रोकने के लिए आलू को धीमी आंच पर या स्टीम में पकाना अधिक सुरक्षित होता है।

दालें: लेक्टिन की मात्रा में बढ़ोतरी

दालें (Pulses) प्रोटीन, फाइबर और मिनरल्स का भंडार होती हैं। लेकिन कुछ दालें जैसे कि अरहर और चना दाल में लेक्टिन (Lectin) नामक तत्व पाया जाता है, जो एक एंटी-पोषक तत्व है। जब दालों को तेज तापमान में प्रेशर कुकर में पकाया जाता है, तो लेक्टिन का स्तर घटने की बजाय बढ़ सकता है। यह तत्व पाचन क्रिया को प्रभावित कर सकता है और आंतों में जलन पैदा कर सकता है। इसलिए दालों को धीमी आंच पर, भरपूर पानी के साथ पकाना ज्यादा सुरक्षित होता है।

दूध और दूध से बने उत्पाद: पोषण की हानि और फटने का खतरा

दूध (Milk) और उससे बने उत्पाद जैसे पनीर या दही को कभी भी प्रेशर कुकर में नहीं पकाना चाहिए। कुकर की तेज गर्मी दूध के प्रोटीन और कैल्शियम जैसे जरूरी पोषक तत्वों को नष्ट कर सकती है। साथ ही दूध फट भी सकता है, जिससे उसके सेवन योग्य होने पर भी सवाल खड़ा हो जाता है। दूध को हमेशा धीमी आंच पर उबालना चाहिए और दूध से बने किसी भी उत्पाद को गर्म करते समय भी सावधानी बरतनी चाहिए।

अंडे: प्रोटीन की संरचना में बदलाव

अंडा (Egg) प्रोटीन का बेहतरीन स्रोत है, लेकिन जब इसे प्रेशर कुकर में पकाया जाता है तो उसमें मौजूद प्रोटीन की संरचना बदल जाती है। इससे न सिर्फ अंडे का पोषण स्तर घटता है, बल्कि यह शरीर के लिए भारी और पचाने में कठिन हो सकता है। सामान्य तौर पर अंडे को पानी में धीरे-धीरे उबालना एक बेहतर तरीका होता है, जिससे उसका पोषण बना रहता है और वह पचने में भी आसान होता है।

खाना पकाने की प्रक्रिया भी है स्वास्थ्य का हिस्सा

प्रेशर कुकर का इस्तेमाल हर भारतीय रसोई में आम है, लेकिन यह जरूरी है कि हम यह समझें कि हर चीज इसके लिए उपयुक्त नहीं होती। स्वस्थ जीवनशैली (Healthy Lifestyle) को बनाए रखने के लिए सिर्फ यह देखना काफी नहीं कि हम क्या खा रहे हैं, बल्कि यह भी महत्वपूर्ण है कि हम उसे कैसे पका रहे हैं।

कुकर में इन पांच चीजों को पकाने से न केवल उनका पोषण खत्म हो सकता है बल्कि वे शरीर के लिए नुकसानदेह भी बन सकती हैं। अगर आपको इन खाद्य पदार्थों को अपने डाइट में शामिल करना है, तो बेहतर होगा कि उन्हें धीमी आंच पर या खुले बर्तन में पकाया जाए। ऐसा करके आप उनके पोषण को बनाए रखते हुए अपने स्वास्थ्य की रक्षा कर सकते हैं।

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