
नकद लेन-देन पर आयकर विभाग की सख्ती बढ़ गई है। अगर आप अपने बचत खाते (Savings Account) या चालू खाते (Current Account) में अधिक मात्रा में नकदी जमा या निकालते हैं, तो यह जानकारी सीधे आयकर विभाग को दी जाती है। इससे जुड़े नियमों को समझना बेहद जरूरी है ताकि आप किसी भी तरह की परेशानी से बच सकें।
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अगर आप नकद लेन-देन करते हैं, तो उपरोक्त नियमों को ध्यान में रखें। नियमों का पालन न करने पर आपको अनावश्यक कर दंड और जांच का सामना करना पड़ सकता है। डिजिटल भुगतान को प्राथमिकता देना न केवल सुविधाजनक है, बल्कि यह कर संबंधित समस्याओं से भी बचा सकता है।
बचत और चालू खातों में नकद जमा की सीमा
बचत खाता जमा सीमा: अगर आप एक वित्तीय वर्ष में 10 लाख रुपये या उससे अधिक की नकद राशि अपने बचत खाते में जमा करते हैं, तो बैंक को इसकी जानकारी आयकर विभाग को देनी होती है। यह निगरानी संदिग्ध वित्तीय गतिविधियों पर नजर रखने और मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) व कर चोरी (Tax Evasion) को रोकने के लिए की जाती है।
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चालू खाता जमा सीमा: चालू खातों के लिए यह सीमा अधिक होती है। अगर कोई व्यक्ति या व्यवसाय अपने चालू खाते में 50 लाख रुपये से अधिक जमा करता है, तो यह जानकारी भी आयकर विभाग को भेजी जाती है। यह व्यवसायों और उच्च-मूल्य के लेन-देन पर निगरानी बनाए रखने के लिए किया जाता है।
नकद निकासी पर लगे नए नियम
धारा 194A के तहत नकद निकासी नियम: अगर आप अपने बचत खाते से 1 करोड़ रुपये से अधिक की नकद निकासी करते हैं, तो इस पर 2% टीडीएस (TDS – Tax Deducted at Source) कटौती होगी।
अगर आपने पिछले तीन वर्षों में आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल नहीं किया है, तो टीडीएस दर और कड़ी हो जाएगी।
- 20 लाख रुपये से अधिक की नकद निकासी पर 2% टीडीएस लागू होगा।
- 1 करोड़ रुपये या उससे अधिक की निकासी पर 5% टीडीएस कटेगा।
ध्यान दें कि धारा 194एन (Section 194N) के तहत काटे गए टीडीएस को आपकी आय के रूप में नहीं गिना जाता। इसका मतलब यह है कि इसे आपके कुल कर देयता की गणना में नहीं जोड़ा जाएगा।
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बड़ी नकद जमाओं पर धारा 269ST के तहत जुर्माना
धारा 269ST के तहत प्रतिबंध: अगर आप एक वित्तीय वर्ष में 2 लाख रुपये या उससे अधिक की नकद राशि जमा करते हैं, तो आप पर भारी जुर्माना लग सकता है। हालांकि, यह नियम सिर्फ नकद जमा पर लागू होता है। नकद निकासी पर यह प्रतिबंध नहीं है, लेकिन टीडीएस की शर्तें लागू होती हैं।
आयकर विभाग को कैसे दी जाती है सूचना?
बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान SFT (Specified Financial Transactions) के तहत उच्च-मूल्य के नकद लेन-देन की रिपोर्ट आयकर विभाग को भेजते हैं।
अगर कोई व्यक्ति बार-बार सीमा से अधिक नकदी जमा या निकालता है, तो यह संदेह के घेरे में आ सकता है और विभाग द्वारा जांच की जा सकती है।
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डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा
सरकार नकद लेन-देन की बजाय UPI, नेट बैंकिंग और डिजिटल भुगतान (Digital Payments) को बढ़ावा दे रही है। अधिक नकद लेन-देन करने वालों को सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि बैंकों को उनके वित्तीय व्यवहार पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं।