
घर खरीदना या किराए के घर में रहना, यह फैसला आसान नहीं है। यह एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब हर व्यक्ति की स्थिति, वित्तीय क्षमता और भविष्य की योजनाओं पर निर्भर करता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि घर खरीदने का फैसला सोच-समझकर और लंबी अवधि के वित्तीय पहलुओं को ध्यान में रखते हुए लेना चाहिए। खासकर अगर आप लंबे समय तक EMI चुकाने की क्षमता को लेकर आश्वस्त नहीं हैं, तो होम लोन लेने से बचना चाहिए।
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होम लोन लेने से पहले इन बातों का रखें ध्यान
होम लोन का मतलब है लंबे समय तक हर महीने EMI का भुगतान। अगर आप यह सोच रहे हैं कि घर खरीदना सही रहेगा या किराए पर रहना, तो सबसे पहले यह देखें कि क्या आप नियमित रूप से EMI चुकाने में सक्षम हैं। अगर आपको अपनी आय को लेकर अनिश्चितता है, तो होम लोन लेना आपके लिए जोखिम भरा हो सकता है। इसके अलावा, घर खरीदने के साथ मेंटेनेंस, प्रॉपर्टी टैक्स और अन्य खर्च भी जुड़े होते हैं, जिनका अंदाजा पहले से लगा लेना चाहिए।
उम्र और लॉन्ग टर्म प्लानिंग का भी रखें ध्यान
घर खरीदने का फैसला उम्र और लॉन्ग टर्म प्लानिंग पर भी निर्भर करता है। अगर आप करियर की शुरुआत में हैं और शहर या नौकरी बदलने की संभावना अधिक है, तो किराए के घर में रहना बेहतर विकल्प हो सकता है। वहीं, अगर आप स्थिर नौकरी में हैं और शहर में लंबे समय तक रहना चाहते हैं, तो घर खरीदने पर विचार किया जा सकता है।
लोन लेने की क्षमता को कैसे आंके?
होम लोन लेने से पहले अपनी लोन चुकाने की क्षमता का आकलन करना बेहद जरूरी है। इसके लिए आप अपनी मासिक आय, खर्चे और बचत का विश्लेषण कर सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि आपकी EMI आपकी मासिक आय का 30-40% से ज्यादा नहीं होनी चाहिए, ताकि अन्य आवश्यक खर्चों में दिक्कत न हो।
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घर खरीदने के फायदे
- लॉन्ग टर्म निवेश: घर खरीदना एक लॉन्ग टर्म निवेश होता है। प्रॉपर्टी की कीमतें समय के साथ बढ़ती हैं, जिससे आपको भविष्य में अच्छा रिटर्न मिल सकता है।
- सेक्योरिटी और स्थायित्व: खुद का घर होने से आपको एक स्थायित्व और सुरक्षा का अहसास होता है। यह आपको भविष्य की अनिश्चितताओं से बचाता है।
- टैक्स बेनेफिट्स: होम लोन पर ब्याज और प्रिंसिपल अमाउंट पर टैक्स छूट मिलती है, जो आपकी टैक्स लायबिलिटी को कम कर सकती है।
किराए पर रहने के फायदे
- लचीलापन: किराए के घर में रहने से आपको शहर बदलने या नौकरी के अनुसार जगह बदलने की सुविधा मिलती है।
- कम वित्तीय दबाव: किराए पर रहने से आपको EMI की चिंता नहीं रहती और आप अपनी बचत को अन्य निवेश विकल्पों में लगा सकते हैं।
- मेंटेनेंस का झंझट नहीं: किराए के घर में मेंटेनेंस और रिपेयर की जिम्मेदारी मकान मालिक की होती है, जिससे आपका समय और पैसा बचता है।
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क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर आप स्थिर आय वाले हैं और लंबे समय तक एक ही शहर में रहना चाहते हैं, तो घर खरीदना एक अच्छा विकल्प हो सकता है। हालांकि, अगर आप करियर की शुरुआत में हैं या आपकी आय में उतार-चढ़ाव है, तो किराए पर रहना ही बेहतर रहेगा।
क्या आपको घर खरीदना चाहिए या किराए पर रहना चाहिए?
यह फैसला पूरी तरह आपकी वित्तीय स्थिति, जीवनशैली और भविष्य की योजनाओं पर निर्भर करता है। घर खरीदना जहां एक लॉन्ग टर्म निवेश है, वहीं किराए पर रहना लचीलापन और कम वित्तीय दबाव देता है। इसलिए, इस फैसले को लेने से पहले अपनी आर्थिक स्थिति, भविष्य की योजनाओं और लोन चुकाने की क्षमता का अच्छे से विश्लेषण कर लें।