![Bijli chori: बिजली चोरी करना पड़ गया भारी, कोर्ट ने दी दो साल की जेल और जुर्माना, कँटिया लगाने वालों की उड़ी रातों की नींद](https://newzoto.com/wp-content/uploads/2025/02/Strict-punishment-for-electricity-theft-1024x576.jpg)
मध्य प्रदेश के शिवपुरी संभाग-एक के अंतर्गत बिजली चोरी के एक पुराने मामले में जिला न्यायालय ने बड़ा फैसला सुनाया है। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (Madhya Pradesh Madhya Kshetra Vidyut Vitran Co Ltd) के वितरण केंद्र बड़ौदी अंतर्गत ग्राम रातौर निवासी राजेश रावत पुत्र सुरेश रावत को बिजली चोरी के मामले में दोषी ठहराते हुए दो साल के कठोर कारावास और 61 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा दी गई है।
बिजली चोरी को लेकर मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (MPMKVVCL) ने आम जनता से अपील की है कि वे केवल वैध कनेक्शन के माध्यम से ही बिजली का उपयोग करें। अनधिकृत या अवैध रूप से बिजली उपयोग करना दंडनीय अपराध है, जिसमें न केवल भारी जुर्माना बल्कि कारावास की भी सजा हो सकती है।
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कैसे हुआ खुलासा?
मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के उप महाप्रबंधक पराग धावर्डे के नेतृत्व में एक निरीक्षण टीम ने 11 जनवरी 2019 को ग्राम रातौर में बिजली चोरी का मामला पकड़ा। टीम ने पाया कि आरोपी राजेश रावत बिना किसी वैध कनेक्शन के सीधे बिजली लाइन से तार जोड़कर अवैध रूप से बिजली का उपयोग कर रहा था। यह मामला विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 के तहत दर्ज किया गया।
इसके बाद, कंपनी ने इस प्रकरण को जिला न्यायालय के विशेष न्यायाधीश (विद्युत अधिनियम) के समक्ष प्रस्तुत किया, जिसमें पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर आरोपी को दोषी ठहराया गया और सजा सुनाई गई।
बिजली चोरी के बढ़ते मामले और सख्त नियम
बिजली चोरी न केवल सरकारी संपत्ति का नुकसान करता है बल्कि इससे ईमानदार उपभोक्ताओं को भी आर्थिक हानि उठानी पड़ती है। सरकार और विद्युत वितरण कंपनियां इसे रोकने के लिए सख्त कदम उठा रही हैं।
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विद्युत अधिनियम 2003 के अनुसार, कोई भी व्यक्ति अनधिकृत रूप से बिजली का उपयोग करता है तो उसे भारी जुर्माना और जेल की सजा हो सकती है। यह कानून यह सुनिश्चित करता है कि बिजली आपूर्ति को सुरक्षित और निष्पक्ष रूप से वितरित किया जाए।
अब सेल्फी से दर्ज होगी उपस्थिति
मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने अपने अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए नई उपस्थिति प्रणाली लागू की है। अब सभी कर्मचारियों को अपनी उपस्थिति सेल्फी के माध्यम से दर्ज करानी होगी, अन्यथा उनका वेतन रोका जा सकता है।
कंपनी द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, प्रत्येक कर्मचारी को प्रतिदिन कार्यालय प्रारंभ होने के समय, यानी सुबह 10 बजे, अपनी उपस्थिति सेल्फी आधारित उपस्थिति प्रणाली 2.0 या बायोमैट्रिक प्रणाली के माध्यम से दर्ज करानी होगी। यदि कोई कर्मचारी ऐसा करने में असमर्थ होता है, तो उसे तुरंत स्थापना शाखा से संपर्क करना होगा।
इस नई प्रणाली का मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों की उपस्थिति को प्रभावी ढंग से मॉनिटर करना और कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाना है। सेल्फी प्रणाली के तहत कर्मचारी को ऐसी जगह से फोटो खींचनी होगी, जहां उसका कार्यस्थल साफ-साफ दिखाई दे।
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क्या कहती है बिजली कंपनी?
मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने अपने सभी कर्मचारियों और उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे ईमानदारी से बिजली का उपयोग करें और वैध कनेक्शन लें। यदि किसी को भी बिजली चोरी की जानकारी मिलती है, तो वे तुरंत इसकी सूचना कंपनी को दें।
कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया कि भविष्य में भी बिजली चोरी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी। किसी भी प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर कंपनी दोषियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाएगी और उन्हें न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा।