
कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले के उल्लाल के कोटेकार में एक राष्ट्रीय बैंक के लॉकर में रखे गए 8 लाख रुपये दीमक के कारण बर्बाद हो गए। यह घटना न केवल हैरान करने वाली है, बल्कि यह सवाल भी खड़ा करती है कि ऐसे मामलों में जिम्मेदारी किसकी होती है—ग्राहक की या बैंक की? क्या बैंक को इस नुकसान का हर्जाना भरना पड़ेगा? इस मामले में आरबीआई (RBI) के नए नियम क्या कहते हैं? आइए जानते हैं विस्तार से।
यह भी देखें: बिना परीक्षा सीधी नौकरी! NHAI में करें फटाफट आवेदन – मिलेगी ₹2,30,000 तक सैलरी
बैंक लॉकर का उपयोग कीमती सामान और महत्वपूर्ण दस्तावेजों को सुरक्षित रखने के लिए किया जाता है, लेकिन इसके लिए नियमों और शर्तों को समझना बहुत जरूरी है। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि कैश को लॉकर में रखना जोखिम भरा हो सकता है और बैंक इसकी जिम्मेदारी नहीं लेगा। इसलिए, ग्राहकों को सतर्क रहकर लॉकर का उपयोग करना चाहिए और बैंक के नियमों का पालन करना चाहिए।
बैंक लॉकर में दीमक से बर्बादी का मामला
यह घटना उस समय सामने आई जब ग्राहक ने छह महीने बाद अपना लॉकर खोला। लॉकर में रखे 8 लाख रुपये काले-धूसरित हो चुके थे और ज्यादातर नोट दीमक की भेंट चढ़ गए थे। बैंक अधिकारियों ने दावा किया कि आरबीआई के नियमों के अनुसार, कैश (Cash) को बैंक लॉकर में रखना प्रतिबंधित है, और इसलिए बैंक इस नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं है। इस घटना के बाद ग्राहक ने बैंक के केंद्रीय कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई है।
यह भी देखें: Indian Oil में बड़ी भर्ती! ऑपरेटर, जूनियर अटेंडेंट समेत कई पदों पर मौका
क्या कहते हैं आरबीआई के नियम?
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2022 में सेफ डिपॉजिट लॉकर (Safe Deposit Locker) को लेकर नए नियम जारी किए थे। इन नियमों के अनुसार, बैंक को अपने परिसर और लॉकर की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी। इसमें आग, चोरी/डकैती, इमारत का गिरना या बैंक की लापरवाही के कारण होने वाले नुकसान के लिए बैंक को जिम्मेदार ठहराया गया है।
क्या बैंक को हर्जाना भरना पड़ेगा?
आरबीआई के नए नियमों के अनुसार, यदि बैंक की लापरवाही से लॉकर में रखे सामान को नुकसान पहुंचता है, तो बैंक को उस नुकसान की भरपाई करनी होगी। हालाँकि, यदि ग्राहक ने कैश या ऐसी वस्तुएं रखी हैं, जिन्हें लॉकर में रखना प्रतिबंधित है, तो बैंक हर्जाने के लिए उत्तरदायी नहीं होगा।
यह भी देखें: बड़ा ऐक्शन! इन BPL राशन कार्ड धारकों के कार्ड हो रहे हैं रद्द – तुरंत चेक करें लिस्ट
इस मामले में, क्योंकि कैश को लॉकर में रखना आरबीआई के नियमों के तहत नहीं आता, बैंक ने खुद को जिम्मेदारी से अलग कर लिया है। अब सवाल यह है कि क्या ग्राहक की शिकायत के बाद बैंक कोई राहत देगा या नहीं।
लॉकर में क्या रख सकते हैं और क्या नहीं?
लॉकर में रखी जा सकने वाली वस्तुएं:
- सोने, चांदी, हीरे और अन्य कीमती धातुओं से बने आभूषण
- कानूनी दस्तावेज़ जैसे वसीयत, पावर ऑफ अटॉर्नी, संपत्ति के कागजात
- म्यूचुअल फंड, बांड, शेयर प्रमाण पत्र, बीमा पॉलिसियों के दस्तावेज़
यह भी देखें: HAPPY Card Scheme: हरियाणा में 1000KM तक फ्री सफर! मिलेगा ये बड़ा फायदा
लॉकर में नहीं रखी जा सकने वाली वस्तुएं:
- कैश (Cash): नकदी को सुरक्षित या बीमा योग्य वस्तु नहीं माना जाता
- हथियार, विस्फोटक, ड्रग्स या किसी भी प्रकार की प्रतिबंधित वस्तु
- खाद्य पदार्थ और ऐसी वस्तुएं जो समय के साथ खराब हो सकती हैं
- संक्षारक, रेडियोधर्मी या हानिकारक वस्तुएं
बैंक की जिम्मेदारियाँ और ग्राहक के अधिकार
आरबीआई के संशोधित नियमों के अनुसार, बैंक यह सुनिश्चित करेगा कि:
- लॉकर एग्रीमेंट में कोई अनुचित शर्त न हो, जिससे नुकसान होने पर वह अपनी जिम्मेदारी से बच सके।
- बैंक परिसर की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं, जिसमें लॉकर भी शामिल है।
- ग्राहक को नुकसान होने पर, बैंक को नुकसान की भरपाई करनी होगी, बशर्ते नुकसान बैंक की लापरवाही के कारण हुआ हो।
यह भी देखें: Smart Meter पर सरकार का नया फैसला! इन इलाकों में नहीं होंगे इंस्टॉल – तुरंत चेक करें लिस्ट
क्या ग्राहक को मिलेगा मुआवजा?
इस विशेष मामले में, क्योंकि नोटों को दीमक लगी है और बैंक का दावा है कि कैश को लॉकर में रखना आरबीआई के नियमों का उल्लंघन है, मुआवजे की संभावना कम है। हालाँकि, ग्राहक की शिकायत पर बैंक ने आरबीआई गाइडलाइंस के तहत कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
यह भी देखें: सरकारी कर्मचारियों के लिए शादी का पंजीकरण अनिवार्य, CSC जल्द शुरू करेगा विशेष अभियान!
क्या सबक मिलते हैं इस घटना से?
- कैश को लॉकर में नहीं रखना चाहिए, क्योंकि यह न तो बीमा योग्य है और न ही आरबीआई के नियमों के तहत सुरक्षित माना गया है।
- लॉकर में रखी जाने वाली वस्तुओं की सूची और उनकी सुरक्षा के बारे में स्पष्ट जानकारी होनी चाहिए।
- लॉकर का नियमित रूप से निरीक्षण करना चाहिए ताकि समय पर किसी भी प्रकार की क्षति का पता चल सके।