मीरा बाई के पद (दोहे) अर्थ सहित – Meera Bai Ke Pad with Meaning in Hindi
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1498 में राजस्थान के कुड़की गांव में जन्मीं मीरा बाई, कृष्ण की भक्ति में लीन एक प्रसिद्ध संत-कवियित्री थीं। बचपन से ही भक्ति में रुचि रखने वाली मीरा का विवाह 1516 में मेवाड़ के राजा भोजराज से हुआ। दांपत्य जीवन में सास-बहू के मतभेद और राज-परिवार का विरोध सहन करने के बाद, मीरा ने द्वारका में कृष्ण की मूर्ति को अपना पति मानकर जीवन भक्ति में समर्पित कर दिया।
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