उत्तर प्रदेश राज्य

वाराणसी में स्कूलों की छुट्टियां बढ़ीं! महाकुंभ के कारण नया शेड्यूल जारी – जानें अब कब खुलेंगे स्कूल?

महाकुंभ की बढ़ती भीड़ के चलते वाराणसी के सभी शहरी स्कूल 8 फरवरी तक रहेंगे बंद। रैन बसेरों में तब्दील स्कूलों और ऑनलाइन पढ़ाई के बीच छात्र-छात्राओं की वार्षिक परीक्षाएं भी प्रभावित! जानिए प्रशासन का अगला कदम...

By Saloni uniyal
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वाराणसी में महाकुंभ के चलते जनसैलाब का लगातार बढ़ता प्रभाव अब शिक्षा व्यवस्था पर भी दिखने लगा है। प्रशासन ने वाराणसी के सभी शहरी क्षेत्र के स्कूलों को 8 फरवरी तक बंद रखने का निर्णय लिया है। पहले यह आदेश 5 फरवरी तक लागू था, लेकिन श्रद्धालुओं की लगातार बढ़ती भीड़ और शहर में यातायात संबंधी असुविधाओं को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। प्रशासन का कहना है कि फिलहाल यह कदम छात्र-छात्राओं की सुरक्षा और आवागमन की कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

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शहर के स्कूल बने रैन बसेरे

शहर में महाकुंभ की भीड़ को नियंत्रित करने और बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए अस्थायी सुविधाएं प्रदान करने हेतु प्रशासन ने कई सरकारी और निजी स्कूलों को रैन बसेरे में तब्दील कर दिया है। पहले उम्मीद जताई जा रही थी कि 5 फरवरी के बाद भीड़ का दबाव कम हो जाएगा, लेकिन श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसे देखते हुए स्कूलों की बंदी की अवधि को बढ़ा दिया गया है।

स्कूलों के बंद होने के कारण छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं। हालांकि, इस स्थिति के चलते अभिभावकों और शिक्षकों में वार्षिक परीक्षाओं को लेकर चिंता बनी हुई है, क्योंकि फरवरी माह में अधिकांश स्कूलों में परीक्षाएं होनी हैं।

आधिकारिक आदेश में क्या कहा गया?

बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी आदेश के अनुसार, जिलाधिकारी के निर्देशों का पालन करते हुए कक्षा 1 से 5 तक के सभी सरकारी, सहायता प्राप्त और सीबीएसई, आईसीएसई समेत अन्य बोर्ड से मान्यता प्राप्त स्कूलों की कक्षाएं अब 8 फरवरी तक ऑनलाइन संचालित की जाएंगी।

ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालय पूर्व की भांति खुले रहेंगे और वहां कक्षाएं सामान्य रूप से संचालित की जाएंगी। वहीं, परिषदीय और सहायता प्राप्त विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को निर्देश दिया गया है कि वे शिक्षकों एवं अन्य स्टाफ के साथ विद्यालय में उपस्थित रहें और शैक्षणिक एवं प्रशासनिक कार्यों का संचालन सुनिश्चित करें। इनमें डीबीटी, आधार सीडिंग, विद्यालयों की रंगाई-पुताई, मरम्मत कार्य, ऑपरेशन कायाकल्प जैसी महत्वपूर्ण गतिविधियां शामिल रहेंगी।

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परीक्षा की तैयारियों पर असर

छात्रों और शिक्षकों के लिए यह स्थिति एक नई चुनौती बनकर आई है। वार्षिक परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों को अब ऑनलाइन माध्यम से अपनी पढ़ाई पूरी करनी होगी, जिससे उनके शैक्षणिक प्रदर्शन पर प्रभाव पड़ सकता है। साथ ही, स्कूल प्रशासन भी इस स्थिति में परीक्षाओं के संचालन को लेकर चिंतित है।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन महाकुंभ के चलते आगे और क्या निर्णय लेता है और छात्रों की परीक्षाएं कैसे संपन्न कराई जाएंगी।

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