मध्यप्रदेश

MP Schools में बड़ा बदलाव! अब शिक्षक बच्चों को नहीं मार सकेंगे, नियम तोड़ा तो होगी कड़ी कार्रवाई!

मध्यप्रदेश के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में छात्रों को शारीरिक दंड देने पर पूरी तरह बैन लगा दिया गया है। बाल अधिकार संरक्षण आयोग के आदेश के बाद सरकार ने कड़े निर्देश जारी किए हैं। अगर कोई शिक्षक छात्रों को सजा देता है, तो होगी सख्त कार्रवाई! जानिए पूरी डिटेल

By Saloni uniyal
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MP Schools में बड़ा बदलाव! अब शिक्षक बच्चों को नहीं मार सकेंगे, नियम तोड़ा तो होगी कड़ी कार्रवाई!
MP Schools में बड़ा बदलाव! अब शिक्षक बच्चों को नहीं मार सकेंगे, नियम तोड़ा तो होगी कड़ी कार्रवाई!

मध्यप्रदेश सरकार ने सरकारी और निजी स्कूलों में छात्रों को शारीरिक दंड (Corporal Punishment) देने पर सख्त प्रतिबंध लगा दिया है। राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग (School Education Department) ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी कर यह सुनिश्चित करने को कहा है कि किसी भी स्कूल में छात्रों को किसी भी प्रकार की शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना न दी जाए। यह आदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग (Child Rights Protection Commission) की चिट्ठी के बाद जारी किया गया है।

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मध्यप्रदेश सरकार का यह निर्णय छात्रों के अधिकारों की सुरक्षा और स्वस्थ शिक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम है। यह सुनिश्चित करना कि स्कूलों में छात्रों के साथ सम्मानजनक और न्यायपूर्ण व्यवहार हो, सरकार की प्राथमिकता है। इस नए आदेश के लागू होने से स्कूलों में अनुशासन के नाम पर हिंसा और शोषण पर पूरी तरह से रोक लगेगी और छात्रों को एक सुरक्षित एवं सकारात्मक शिक्षा का माहौल मिलेगा।

बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने लिया संज्ञान

हाल के दिनों में मध्यप्रदेश के विभिन्न स्कूलों में बच्चों के साथ क्रूरता की घटनाएं सामने आई थीं। कुछ मामलों में बच्चों ने डर के कारण स्कूल जाना भी बंद कर दिया था। इन घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने स्कूल शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की थी। आयोग की चिट्ठी के बाद राज्य सरकार ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं कि वे अपने क्षेत्र के स्कूलों में इस आदेश का सख्ती से पालन कराएं।

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मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा अधिनियम 2009 के तहत सख्त नियम

सरकार द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा अधिनियम 2009 (Right to Education Act 2009) की धारा 17 (1) के तहत शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना पूरी तरह से प्रतिबंधित है। इसके अलावा, धारा 17 (2) के तहत ऐसे मामलों को दंडनीय अपराध की श्रेणी में रखा गया है।

इसके अलावा, भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) की धारा 323 के तहत शारीरिक दंड देना एक अपराध है। स्कूल शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे ऐसी घटनाओं की त्वरित पहचान करें और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करें।

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छात्रों के हितों की रक्षा के लिए सख्त कदम

मध्यप्रदेश सरकार का यह फैसला छात्रों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य की रक्षा के लिए लिया गया है। आदेश में कहा गया है कि शिक्षकों और स्कूल कर्मचारियों द्वारा छात्रों को डराने-धमकाने, मारपीट करने या मानसिक प्रताड़ना देने जैसी घटनाओं पर तत्काल रोक लगाई जाए। किसी भी प्रकार की प्रताड़ना से छात्रों का आत्मविश्वास और मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है, जिससे उनकी शिक्षा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

जिला शिक्षा अधिकारियों को दिए गए निर्देश

सरकारी आदेश के अनुसार, सभी जिला शिक्षा अधिकारी (District Education Officers – DEO) अपने-अपने क्षेत्र के सरकारी और निजी स्कूलों में इस आदेश का सख्ती से पालन सुनिश्चित करेंगे। यदि कोई शिक्षक या स्कूल कर्मचारी इस नियम का उल्लंघन करता पाया जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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राज्य सरकार के आदेश का असर

इस आदेश के बाद मध्यप्रदेश के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में छात्रों को शारीरिक दंड से मुक्त रखने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। शिक्षा विभाग ने स्कूलों को भी निर्देश दिया है कि वे बच्चों को सकारात्मक और सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराएं, ताकि वे बिना किसी डर के पढ़ाई कर सकें।

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