हरियाणा राज्य

हरियाणा में प्रशासनिक बदलाव, नए जिले और तहसीलों की होगी घोषणा! 27 प्रस्तावों पर कैबिनेट की मुहर?

हरियाणा सरकार नए जिलों और तहसीलों के गठन पर विचार कर रही है। क्या आपके क्षेत्र को भी मिलेगा नया दर्जा? जानिए पूरी रिपोर्ट, किन गांवों और कस्बों को मिल सकता है नया प्रशासनिक स्वरूप!

By Saloni uniyal
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हरियाणा सरकार की कैबिनेट सब-कमेटी को राज्य में नए जिलों, तहसीलों और उप-तहसीलों के गठन को लेकर अब तक 27 प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं। हालांकि, इन प्रस्तावों पर फिलहाल कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। इनमें से कई प्रस्ताव अधूरे हैं या फिर नियमों के अनुरूप नहीं हैं। इस स्थिति को देखते हुए पंचायत एवं विकास मंत्री कृष्ण लाल पंवार, जो कैबिनेट सब-कमेटी के चेयरमैन भी हैं, ने राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि उपायुक्तों से लंबित प्रस्तावों की विस्तृत रिपोर्ट जल्द से जल्द मंगवाई जाए। इस रिपोर्ट में गांवों के नाम बदलने, नई तहसीलों, उप-मंडलों और जिलों के गठन संबंधी जानकारी शामिल होगी।

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कैबिनेट सब-कमेटी की अहम बैठक

हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक के बाद चंडीगढ़ में आयोजित कैबिनेट सब-कमेटी की बैठक में इन प्रस्तावों पर विस्तृत चर्चा की गई। इस दौरान सिरसा जिले के गांव रंगा, लहंगेवाला, मत्तड़ और अलीकां को कालांवाली तहसील से निकालकर सिरसा तहसील में शामिल करने की सिफारिश की गई। साथ ही, सोनीपत जिले के गांव ज्वारा को गोहाना से निकालकर जिला पानीपत में जोड़ने का प्रस्ताव भी रखा गया।

ये सभी सिफारिशें अंतिम स्वीकृति के लिए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को भेजी जाएंगी।

प्रमुख नेता और अधिकारी बैठक में रहे शामिल

इस बैठक में शहरी स्थानीय निकाय मंत्री विपुल गोयल और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने सदस्य के रूप में भाग लिया। हालांकि, शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा इस बैठक में उपस्थित नहीं हो सके। इसके अलावा, विकास एवं पंचायत विभाग के आयुक्त एवं सचिव डॉ. अमित अग्रवाल और राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के विशेष सचिव कमलेश भादू भी बैठक में शामिल हुए।

बैठक में यह भी बताया गया कि इससे पहले हुई कैबिनेट बैठक में जिन चार प्रस्तावों को मंजूरी दी गई थी, उन्हें अंतिम स्वीकृति के लिए मुख्यमंत्री के पास भेजा जा चुका है।

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हरियाणा वन्यजीव संरक्षण विधेयक को मिली स्वीकृति

इसी बैठक के दौरान मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने घोषणा की कि हरियाणा वन्यजीव संरक्षण विधेयक 2024 को मंजूरी दी जा चुकी है। इसके अलावा, किसानों और व्यापारियों के नुकसान की भरपाई के लिए आढ़तियों को 3 करोड़ 10 लाख रुपये की राशि वितरित की जाएगी।

इसके अतिरिक्त, रबी सीजन 2024-25 में नमी के कारण हुए नुकसान की भरपाई को लेकर ग्राम सामान्य भूमि विनियमन अधिनियम 1961 में संशोधन को मंजूरी दी गई है। इसी के साथ, मुख्यमंत्री ने विलेज कॉमन लैंड एक्ट 1961 में संशोधन की भी स्वीकृति दी है।

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