शिक्षा

UP Samvida Shikshamitra: शिक्षामित्रों पर सरकार का बड़ा फैसला! संविदा खत्म, नौकरी पर संकट? जानें पूरा मामला

उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्रों पर गिरी गाज़! बिना स्कूल गए वेतन पाने वाले 270 शिक्षामित्रों की संविदा खत्म करने के आदेश जारी। क्या आपका नाम भी लिस्ट में है? जानिए किन जिलों में हुई सबसे बड़ी कार्रवाई और आगे क्या होगा…

By Saloni uniyal
Published on
UP Samvida Shikshamitra: शिक्षामित्रों पर सरकार का बड़ा फैसला! संविदा खत्म, नौकरी पर संकट? जानें पूरा मामला
UP Samvida Shikshamitra: शिक्षामित्रों पर सरकार का बड़ा फैसला! संविदा खत्म, नौकरी पर संकट? जानें पूरा मामला

उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्रों (Shikshamitra) के खिलाफ सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए 270 शिक्षामित्रों की संविदा समाप्त करने का आदेश जारी कर दिया है। यह कार्रवाई उन शिक्षामित्रों पर की गई है, जो स्कूल में अपनी ड्यूटी निभाने के बजाय अन्य कार्यों में संलिप्त पाए गए। रिपोर्ट के अनुसार, इन शिक्षामित्रों ने अवैतनिक अवकाश (Leave Without Pay) लेकर अपने पद को बनाए रखा था, लेकिन वास्तव में वे स्कूल में उपस्थित नहीं हो रहे थे।

यह भी देखें: NEET UG 2025 Registration: NTA का जरूरी नोटिस जारी! हेल्पलाइन नंबर जारी, देखें

राज्य के महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए थे, जिसमें इन शिक्षामित्रों की गैर-हाजिरी और अनुशासनहीनता सामने आई। जांच के बाद संबंधित अधिकारियों को इन शिक्षामित्रों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए और अब उनकी संविदा समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

शिक्षामित्रों की लापरवाही पर सरकार का सख्त रुख

यह मामला जनवरी 2024 में संज्ञान में आया था, जब राज्य सरकार को यह सूचना मिली कि कई शिक्षामित्र बिना स्कूल गए वेतन प्राप्त कर रहे हैं और अन्य कार्यों में व्यस्त हैं। इसके बाद मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक, लखनऊ मंडल को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई। जब जांच हुई, तो इस मामले का पूरा सच सामने आया।

यह भी देखें: Varun Chakravarthy Net Worth: कितनी संपत्ति के मालिक हैं स्टार स्पिनर? वनडे करियर में पहली बार झटके 5 विकेट

सूत्रों के अनुसार, उत्तर प्रदेश के 6 जिलों— रायबरेली, सीतापुर, उन्नाव, लखनऊ, लखीमपुर-खीरी और हरदोई में 270 शिक्षामित्रों की संविदा समाप्त की जाएगी। इन सभी शिक्षामित्रों ने अवैतनिक अवकाश के माध्यम से नौकरी जारी रखी थी, लेकिन वे स्कूल में पढ़ाने नहीं जा रहे थे।

जांच रिपोर्ट के बाद आदेश जारी

जांच के नतीजे आने के बाद महानिदेशक कंचन वर्मा ने आदेश जारी करते हुए सभी जिलों के शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया कि जो भी शिक्षामित्र अनधिकृत रूप से अनुपस्थित हैं, उनकी पहचान कर तुरंत नोटिस जारी किया जाए।

उन्होंने कहा कि अगर जांच में यह साबित हो जाता है कि शिक्षामित्र स्कूल में अपनी ड्यूटी नहीं कर रहे थे, तो 5 दिनों के भीतर उनकी संविदा समाप्त कर दी जाएगी।

यह भी देखें: PM Kisan 20th Installment: किसान भाई ध्यान दें! इस दिन खाते में आएगी 20वीं किश्त, यहां देखें लेटेस्ट अपडेट

यह आदेश शिक्षा विभाग में अनुशासन बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है, ताकि भविष्य में कोई भी शिक्षामित्र अपनी ड्यूटी में लापरवाही न करे।

संविदा समाप्त करने के पीछे मुख्य कारण

सरकार ने शिक्षामित्रों की संविदा समाप्त करने के पीछे कई कारण बताए हैं, जिनमें शामिल हैं:

  1. अनधिकृत अनुपस्थिति – शिक्षामित्र बिना किसी सूचना के स्कूल से गायब रहते थे।
  2. अवैतनिक अवकाश का दुरुपयोग – वेतन बचाने के लिए अवैतनिक अवकाश लेकर अन्य कार्यों में व्यस्त रहते थे।
  3. शिक्षा व्यवस्था पर असर – शिक्षकों की कमी से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही थी।
  4. कड़े प्रशासनिक नियमों का पालन – सरकारी आदेशों के बावजूद शिक्षामित्रों ने स्कूल जाने में रुचि नहीं दिखाई।

यह भी देखें: Ladki Bahin Yojana: खुशखबरी! 8 मार्च को एक साथ मिलेगा डबल पैसा, जल्दी चेक करें अपना नाम

सरकार का कड़ा संदेश

इस कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि उत्तर प्रदेश सरकार शिक्षा क्षेत्र में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं करेगी। सरकार की ओर से यह भी कहा गया कि यदि भविष्य में कोई शिक्षामित्र अनधिकृत रूप से अनुपस्थित पाया गया, तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

आगे की प्रक्रिया

राज्य के शिक्षा विभाग ने इस कार्रवाई के तहत सभी संबंधित जिलों के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों (BSA) को आदेश दिया है कि वे अनुपस्थित शिक्षामित्रों की लिस्ट तैयार करें और उनके खिलाफ नोटिस जारी करें।

यह भी देखें: 1 April 2025 New Bank Rules: 1 अप्रैल से बैंकों को मानने होंगे नए नियम, NPCI ने जारी किए नए नियम

अगर शिक्षामित्र अपने बचाव में कोई ठोस प्रमाण नहीं दे पाते हैं, तो अगले 5 दिनों के भीतर उनकी संविदा समाप्त कर दी जाएगी।

यह निर्णय शिक्षण संस्थानों में अनुशासन लाने के लिए बेहद अहम माना जा रहा है।

Leave a Comment