
वेस्ट यूपी के किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) ने ग्रेटर नोएडा और अलीगढ़ के 41 गांवों से लगभग 13,300 एकड़ जमीन खरीदने की योजना बनाई है। यह कदम ना सिर्फ किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करेगा, बल्कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के विस्तार और अन्य औद्योगिक एवं इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए ज़रूरी भूमि उपलब्ध कराने में भी अहम भूमिका निभाएगा।
41 गांवों में फैली योजना, 13,300 एकड़ भूमि का अधिग्रहण होगा
इस महत्वाकांक्षी योजना में गौतमबुद्ध नगर जिले के 36 गांव और अलीगढ़ जिले के 5 गांव शामिल किए गए हैं। YEIDA इन गांवों से सीधे किसानों से भूमि का अधिग्रहण करेगा। इस अधिग्रहीत ज़मीन का उपयोग प्राधिकरण लैंड बैंक के रूप में करेगा, जिससे भविष्य में किसी भी बड़े प्रोजेक्ट के लिए भूमि की कमी न हो।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट और विकास परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण का उद्देश्य
इस अधिग्रहण का मुख्य उद्देश्य नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के विस्तार के लिए ज़मीन जुटाना है। इसके अतिरिक्त अन्य प्रमुख विकास परियोजनाओं जैसे लॉजिस्टिक हब, इंडस्ट्रियल टाउनशिप, और Renewable Energy हब के लिए भी इस भूमि का उपयोग किया जाएगा।
किसानों को मिलेगा मुआवज़ा और 7% आबादी भूखंड का लाभ
इस योजना के तहत जिन किसानों की ज़मीन अधिग्रहित की जाएगी, उन्हें उचित मुआवज़े के साथ-साथ 7% आबादी भूखंड भी दिए जाएंगे। खास बात यह है कि भूमि रजिस्ट्री के दिन ही किसानों को आबादी भूखंड आरक्षण पत्र प्रदान किया जाएगा। यह प्रक्रिया पारदर्शी और त्वरित रखने के लिए YEIDA ने विशेष रूप से तैयार की है।
तीन महीने के भीतर किसानों को उनके आवंटित भूखंड दिए जाएंगे और एक वर्ष के भीतर उस क्षेत्र में सभी मूलभूत सुविधाएं जैसे सड़क, पानी, बिजली और सीवरेज लाइन आदि विकसित कर दी जाएंगी। इससे किसान न केवल मुआवज़े से लाभान्वित होंगे, बल्कि भविष्य में भूखंड की कीमत बढ़ने से उन्हें और आर्थिक मजबूती भी मिलेगी।
टप्पल क्षेत्र में बनेगा लॉजिस्टिक हब, होगा बड़ा निवेश और रोजगार सृजन
अलीगढ़ जिले के टप्पल क्षेत्र में 250 एकड़ भूमि पर एक बड़ा लॉजिस्टिक हब विकसित किया जाएगा। इस हब में 12 वेयरहाउस और 6 से अधिक आधुनिक भंडारण केंद्र बनाए जाएंगे। इस प्रोजेक्ट पर लगभग 640 करोड़ रुपये का निवेश होने का अनुमान है।
इससे सीधे तौर पर लगभग 10,000 रोजगार के अवसर पैदा होंगे, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के नए विकल्प मिलेंगे। लॉजिस्टिक सेक्टर में यह परियोजना वेस्ट यूपी को एक प्रमुख केंद्र बना सकती है, जिससे राज्य की औद्योगिक छवि और मजबूत होगी।
YEIDA ने प्रस्तावित किया 9,200 करोड़ रुपये का बजट, भूमि अधिग्रहण पर होगा 5,000 करोड़ का खर्च
YEIDA की 84वीं बोर्ड बैठक 28 मार्च को आयोजित की गई थी, जिसमें कुल 9,200 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया गया। इस बजट में से 5,000 करोड़ रुपये भूमि अधिग्रहण के लिए विशेष रूप से आरक्षित किए गए हैं।
प्राधिकरण का मानना है कि भविष्य की जरूरतों को देखते हुए यह अधिग्रहण जरूरी है। इससे ना केवल विकास परियोजनाओं को समय पर ज़मीन मिल सकेगी, बल्कि किसानों को भी इसका सीधा लाभ मिलेगा।
भविष्य की दिशा तय करेगी यह योजना
YEIDA द्वारा शुरू की गई यह योजना वेस्ट यूपी के भविष्य को एक नई दिशा दे सकती है। इससे क्षेत्र में Infrastructure, Renewable Energy, लॉजिस्टिक्स और इंडस्ट्रियल ग्रोथ को पंख लगेंगे। दूसरी ओर, किसानों को भी केवल मुआवज़ा नहीं बल्कि लंबे समय तक लाभ पहुंचाने वाले भूखंड और सुविधाएं मिलेंगी।
यह मॉडल अन्य राज्यों के लिए भी एक उदाहरण बन सकता है कि कैसे भूमि अधिग्रहण को किसान हितैषी और विकासोन्मुखी दोनों बनाया जा सकता है।