
MP News: मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में हाल ही में मुख्यमंत्री मोहन यादव (CM Mohan Yadav) द्वारा राज्य कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते (Dearness Allowance – DA) में 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी की घोषणा की गई। इस फैसले से अब राज्य के कर्मचारियों को कुल 55% महंगाई भत्ता मिलेगा। हालांकि, पेंशनर्स (Pensioners) को अभी भी सिर्फ 50% ही DA मिल रहा है, जिससे उनमें असंतोष की लहर दौड़ गई है।
पेंशनर्स के साथ हो रहा है भेदभाव?
मध्यप्रदेश विद्युत कर्मचारी संघ फेडरेशन के प्रांतीय उपाध्यक्ष उमाशंकर मेहता ने इस घोषणा पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सरकार पर यह आरोप लगाया कि वह लगातार पेंशनर्स के साथ भेदभाव कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार हर बार पेंशनर्स को महंगाई राहत (Dearness Relief – DR) देने में पीछे क्यों हटती है, जबकि बुजुर्ग पेंशनर्स के लिए यही आय का मुख्य साधन है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार ने 1 जुलाई 2024 से 3% और 1 जनवरी 2025 से 2% की दर से DA व DR में वृद्धि की है। इसका लाभ न केवल केंद्र के कर्मचारियों को मिला है बल्कि केंद्र सरकार के पेंशनर्स को भी 55% महंगाई राहत मिल रही है। इसके विपरीत, मध्यप्रदेश सरकार ने सिर्फ अपने कर्मचारियों को 55% महंगाई भत्ता दिया है, जबकि पेंशनर्स अभी भी 50% की दर से ही लाभान्वित हो रहे हैं।
छत्तीसगढ़ की सहमति क्यों है जरूरी?
उमाशंकर मेहता ने राज्य सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की छठवीं अनुसूची की धारा 49 की गलत व्याख्या कर पेंशनर्स के साथ अन्याय किया जा रहा है। उनके अनुसार, मध्यप्रदेश सरकार पिछले 24 वर्षों से पेंशनर्स को महंगाई राहत देने से पहले छत्तीसगढ़ सरकार की सहमति की प्रतीक्षा करती है।
उन्होंने बताया कि पेंशन भुगतान का अनुपात छत्तीसगढ़ के लिए 24% और मध्यप्रदेश के लिए 76% तय किया गया है, और इस अनुपात का समायोजन वित्तीय वर्ष के अंत में होना चाहिए। परंतु, सरकार उसी तिथि से DR लागू करती है जिस तिथि को छत्तीसगढ़ की सहमति प्राप्त होती है।
उल्लेखनीय है कि उत्तरप्रदेश-उत्तराखंड और बिहार-झारखंड जैसे राज्यों में ऐसी कोई बाध्यता नहीं है। ऐसे में मध्यप्रदेश की यह नीति समझ से परे है और इससे पेंशनर्स को लगातार नुकसान उठाना पड़ रहा है।
कर्मचारियों को लाभ, पेंशनर्स को इंतजार
मुख्यमंत्री मोहन यादव की घोषणा के अनुसार, 5% DA बढ़ने के बाद राज्य कर्मचारियों को कुल 55% महंगाई भत्ता मिलेगा, जिससे उन्हें आर्थिक रूप से काफी राहत मिलेगी। अनुमान है कि राज्य के लगभग 7.5 लाख कर्मचारियों को इस बढ़ोतरी से सीधा लाभ पहुंचेगा।
लेकिन वहीं दूसरी ओर, लाखों पेंशनर्स के लिए यह घोषणा अधूरी राहत लेकर आई है। पेंशनर्स को अब भी इंतजार है कि कब उन्हें भी केंद्र सरकार की तर्ज पर पूरा 55% महंगाई राहत मिलेगा।
क्या सरकार देगी राहत?
अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या मध्यप्रदेश सरकार आने वाले समय में पेंशनर्स को भी 55% DR देने की घोषणा करेगी? क्या राज्य पुनर्गठन अधिनियम की व्याख्या पर पुनः विचार कर पेंशनर्स के साथ न्याय होगा?
इस मुद्दे को लेकर पेंशनर्स संगठन लगातार दबाव बना रहे हैं। वे चाहते हैं कि पेंशनर्स को भी समान हक दिया जाए और केंद्र के समान लाभ मिले। फिलहाल सरकार की ओर से इस विषय पर कोई स्पष्ट घोषणा नहीं की गई है।