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ट्रैफिक पुलिस उठा ले गई गाड़ी या बाइक? जानिए चालान की रकम और वापस पाने का आसान तरीका

अगर आपकी गाड़ी अचानक गायब हो गई है, तो हो सकता है ट्रैफिक पुलिस ने उसे नो पार्किंग से उठा लिया हो! कितने का चालान कटेगा, कहां ले जाया गया वाहन और कैसे मिलेगा वापस—इस रिपोर्ट में जानें पूरा प्रोसेस, जरूरी डॉक्यूमेंट्स और पैसे की डिटेल्स, जिससे बच सकें भारी नुकसान से।

By Saloni uniyal
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ट्रैफिक पुलिस उठा ले गई गाड़ी या बाइक? जानिए चालान की रकम और वापस पाने का आसान तरीका
ट्रैफिक पुलिस उठा ले गई गाड़ी या बाइक? जानिए चालान की रकम और वापस पाने का आसान तरीका

नो पार्किंग ज़ोन में गाड़ी या बाइक पार्क करने पर ट्रैफिक पुलिस एक्शन लेती है और वाहन को जब्त कर ले जाती है। इस प्रक्रिया को टेक्निकल टर्म में टोइंग-Towing कहा जाता है। दिल्ली जैसे मेट्रो शहरों में जहां पार्किंग की जगह की भारी कमी है, वहां ऐसे मामले आम होते जा रहे हैं। अगर आपकी भी कार या बाइक टो हो गई है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। इस रिपोर्ट में हम बताएंगे कि पुलिस वाहन को कहां ले जाती है, चालान कितने का बनता है और उसे वापस पाने का क्या तरीका है।

ट्रैफिक पुलिस कब करती है टोइंग-Towing?

दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में तेजी से बढ़ रही गाड़ियों की संख्या और सीमित पार्किंग स्पेस की वजह से नो पार्किंग ज़ोन की निगरानी बढ़ा दी गई है। कई बार लोग जल्दबाजी या जानकारी की कमी के कारण ऐसी जगह वाहन खड़ा कर देते हैं जहां पार्किंग की अनुमति नहीं होती। ट्रैफिक पुलिस इस पर तुरंत कार्रवाई करती है और वाहन को टो कर अपने कब्जे में ले लेती है। विशेषकर मेट्रो स्टेशनों, बाजारों, सरकारी दफ्तरों के पास या भीड़भाड़ वाले इलाकों में ये कार्रवाई तेज़ी से होती है।

नो पार्किंग में गाड़ी खड़ी करने पर कितना लगता है चालान?

नो पार्किंग ज़ोन में गाड़ी पार्क करने पर चालान की रकम शहर और ट्रैफिक नियमों के अनुसार बदल सकती है। उदाहरण के तौर पर, दिल्ली में नो पार्किंग में कार पार्क करने पर ₹500 से लेकर ₹2000 तक का चालान बन सकता है। टू-व्हीलर यानी बाइक या स्कूटर के लिए यह राशि थोड़ी कम हो सकती है, लेकिन टोइंग फीस-Towing Charges इसके अतिरिक्त लिए जाते हैं। इसका मतलब यह हुआ कि सिर्फ चालान की रकम ही नहीं, बल्कि टो करने की लागत भी चुकानी पड़ती है।

गाड़ी या बाइक जब्त होने पर कहां जाती है?

अगर आपकी गाड़ी ट्रैफिक पुलिस ने उठा ली है, तो सबसे पहला काम होता है यह जानना कि वाहन को ले जाया कहां गया है। आमतौर पर ट्रैफिक पुलिस वाहन को नजदीकी पुलिस स्टेशन या नगर निगम द्वारा निर्धारित किसी पार्किंग स्थल पर ले जाती है। दिल्ली में इसे ट्रैफिक पिट कहा जाता है। आप ट्रैफिक पुलिस हेल्पलाइन या पुलिस कंट्रोल रूम में कॉल करके अपनी गाड़ी की लोकेशन जान सकते हैं। इसके अलावा मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी से भी जानकारी ली जा सकती है।

कैसे जानें आपकी गाड़ी कहां है?

गाड़ी टो होने के बाद सबसे आसान तरीका है 112 या 103 नंबर पर कॉल करना। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की वेबसाइट या मोबाइल ऐप पर जाकर भी वाहन की जानकारी ली जा सकती है। वाहन नंबर डालते ही पता चल जाएगा कि गाड़ी को कहां ले जाया गया है और चालान कितना बना है। इसके अलावा, कुछ शहरों में SMS अलर्ट या ऑनलाइन ट्रैकिंग की सुविधा भी दी जाती है ताकि वाहन मालिक को परेशानी न हो।

टोइंग के बाद गाड़ी वापस कैसे पाएं?

गाड़ी को वापस लेने के लिए वाहन मालिक को कुछ जरूरी दस्तावेज लेकर ट्रैफिक पुलिस के उस ऑफिस में जाना होगा जहां गाड़ी रखी गई है। इनमें वाहन का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC), ड्राइविंग लाइसेंस, इंश्योरेंस पेपर्स और पहचान पत्र शामिल हैं। वहां आपको चालान और टोइंग फीस का भुगतान करना होगा। यह पेमेंट कई जगह अब ऑनलाइन भी संभव है। चालान भरने के बाद आपको गाड़ी रिलीज ऑर्डर दिया जाएगा, जिससे आप अपनी गाड़ी ले जा सकते हैं।

बार-बार नियम तोड़ने पर क्या होता है?

अगर कोई व्यक्ति बार-बार नो पार्किंग जैसे नियमों का उल्लंघन करता है, तो ट्रैफिक पुलिस उस व्यक्ति के ड्राइविंग लाइसेंस को निलंबित करने की सिफारिश कर सकती है। साथ ही गाड़ी की RC पर भी नेगेटिव रिपोर्ट दर्ज हो सकती है, जिससे आगे चलकर बीमा क्लेम और रजिस्ट्रेशन में दिक्कत आ सकती है। इसलिए जरूरी है कि ट्रैफिक नियमों का पालन किया जाए और केवल निर्धारित पार्किंग जोन में ही वाहन खड़ा किया जाए।

टेक्नोलॉजी से हो रही है निगरानी तेज

आजकल ट्रैफिक पुलिस आधुनिक टेक्नोलॉजी जैसे CCTV कैमरा, e-Challan सिस्टम और GPS ट्रैकिंग का इस्तेमाल कर रही है। इससे नियम तोड़ने वालों को तुरंत ट्रेस किया जा सकता है। कई जगहों पर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) सिस्टम भी लगाया गया है, जिससे गलत पार्किंग की तस्वीरें तुरंत सिस्टम में रिकॉर्ड हो जाती हैं। ऐसे में अब नियम तोड़कर बच निकलना लगभग नामुमकिन हो गया है।

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