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UP पेंशन लिस्ट से हटेंगे लाखों नाम! शुरू हुआ सत्यापन अभियान – 25 मई तक निपटाएं ये जरूरी काम

उत्तर प्रदेश में शुरू हुआ पेंशन सत्यापन अभियान, सरकार ने दिए सख्त आदेश अगर आप भी पेंशन लेते हैं तो जरूर पढ़ें ये खबर, कहीं आपकी पेंशन भी बंद न हो जाए!

By Saloni uniyal
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UP पेंशन लिस्ट से हटेंगे लाखों नाम! शुरू हुआ सत्यापन अभियान – 25 मई तक निपटाएं ये जरूरी काम
UP पेंशन लिस्ट से हटेंगे लाखों नाम! शुरू हुआ सत्यापन अभियान – 25 मई तक निपटाएं ये जरूरी काम

नए वित्तीय वर्ष 2025-26 की शुरुआत के साथ उत्तर प्रदेश सरकार ने यह सुनिश्चित करने की प्रक्रिया तेज कर दी है कि पेंशन योजना का लाभ केवल वास्तविक और पात्र व्यक्तियों को ही मिले। इसके लिए मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि वे 25 मई तक सभी लाभार्थियों का भौतिक सत्यापन कार्य पूरा कराएं। यह निर्देश विशेष रूप से पेंशन स्कीम के तहत आने वाले लाभार्थियों पर लागू होते हैं, जिनकी संख्या राज्य में लगभग 61 लाख है।

सत्यापन प्रक्रिया में तेजी, पेंशन सूची से हटेंगे मृतक और अपात्र

राज्य सरकार ने इस बात पर जोर दिया है कि सत्यापन के दौरान यदि कोई लाभार्थी मृतक या अपात्र पाया जाता है, तो उसका नाम लाभार्थियों की सूची से हटा दिया जाएगा। यह कदम योजना में पारदर्शिता और प्रभावशीलता लाने के उद्देश्य से उठाया गया है, जिससे सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग रोका जा सके।

इस अभियान के लिए सभी जिलों में विशेष टीमें गठित की गई हैं जो घर-घर जाकर लाभार्थियों की स्थिति की पुष्टि कर रही हैं। यह सत्यापन प्रक्रिया पंचायत स्तर से लेकर जिला मुख्यालय तक की जा रही है, ताकि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी से बचा जा सके।

सरकार की प्राथमिकता: योजनाओं का लाभ सही व्यक्ति तक पहुंचे

प्रदेश सरकार का यह कदम सरकार की Direct Benefit Transfer (DBT) नीति को मजबूती देने के लिए भी महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, अब तक हुई जांचों में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां मृत व्यक्ति के नाम पर अब भी पेंशन आ रही थी या फिर ऐसे व्यक्ति लाभ ले रहे थे जो आय सीमा या अन्य पात्रता मानकों को पूरा नहीं करते थे।

इसी के मद्देनज़र यह निर्णय लिया गया कि प्रत्येक वित्तीय वर्ष की शुरुआत में एक बार समग्र सत्यापन अभियान चलाया जाएगा, ताकि लाभार्थियों की सूची को अद्यतन और वास्तविक बनाया जा सके।

योजना में डिजिटलीकरण का भी सहारा

इस सत्यापन कार्य को सुचारु और सटीक बनाने के लिए डिजिटल टूल्स और बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन का भी उपयोग किया जा रहा है। सरकार द्वारा संचालित जन सेवा केंद्रों (CSC) को भी इस प्रक्रिया में जोड़ा गया है, ताकि लाभार्थी वहीं जाकर अपनी जानकारी सत्यापित करा सकें।

राज्य सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस बार कोई भी लाभार्थी बिना सत्यापन के योजना के अंतर्गत पेंशन राशि प्राप्त नहीं कर सकेगा। इससे योजना में शामिल लोगों की प्रामाणिकता बनी रहेगी और साथ ही योजनाओं में आने वाली धांधली पर भी अंकुश लगेगा।

25 मई की डेडलाइन, अधिकारियों को सख्त निर्देश

मुख्य सचिव द्वारा जारी किए गए निर्देशों के अनुसार, सत्यापन का कार्य किसी भी हाल में 25 मई 2025 तक पूरा कर लिया जाना चाहिए। सभी जिला अधिकारियों को नियमित रूप से रिपोर्ट भेजने के लिए कहा गया है, और इसमें लापरवाही बरतने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।

विशेष रूप से उन जिलों पर ध्यान केंद्रित किया गया है जहां पिछली बार सत्यापन में अनियमितताएं सामने आई थीं। इन जिलों को चिन्हित कर सरकार ने अतिरिक्त पर्यवेक्षण टीमें भेजी हैं, ताकि इस बार कोई चूक न हो।

पेंशन योजना की पारदर्शिता से बढ़ेगा भरोसा

सरकार का मानना है कि इस प्रकार के सत्यापन से सरकारी योजनाओं में जनता का भरोसा बढ़ेगा और असली जरूरतमंदों तक सहायता पहुँचेगी। पेंशन योजना का लाभ अब सिर्फ उन लोगों को मिलेगा जो वास्तव में इसके हकदार हैं, जिससे सामाजिक सुरक्षा की भावना और मजबूत होगी।

वित्तीय वर्ष 2025-26 में यह कदम एक मॉडल प्रैक्टिस के रूप में अन्य राज्यों के लिए भी उदाहरण बन सकता है, जहां अब भी कई योजनाएं अपात्र लाभार्थियों के द्वारा संचालित हो रही हैं।

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