फूलपुर के उपभोक्ताओं को आगामी तीन दिनों तक बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है। UPPCL (उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड) की ओर से सूचित किया गया है कि 30 मई से लेकर 1 जून तक फूलपुर के ग्रामीण इलाकों में बिजली आपूर्ति प्रभावित रहेगी। इस अवधि में प्रतिदिन सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक यानी 8 घंटे की विद्युत कटौती लागू की जाएगी।

यह निर्णय आर डी एस एस योजना (Revamped Distribution Sector Scheme) के अंतर्गत जर्जर तारों और खंभों को बदलने के कार्य के चलते लिया गया है। इस दौरान 33/11 केवी विद्युत उपकेंद्र फूलपुर ग्रामीण से जुड़े भूपतपुर फीडर, मैलहन फीडर एवं प्रतापपुर फीडर पूरी तरह से बंद रहेंगे।
फूलपुर में जर्जर हो चुके सिस्टम को दुरुस्त करने की तैयारी
फूलपुर क्षेत्र की बिजली व्यवस्था बीते कुछ वर्षों से चरमराई हुई थी। जर्जर तार और खंभे न सिर्फ बिजली आपूर्ति को बाधित कर रहे थे बल्कि उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए भी खतरा बनते जा रहे थे। इसी को ध्यान में रखते हुए UPPCL ने आर डी एस एस योजना के तहत इन संरचनाओं को बदलने का निर्णय लिया है।
इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में बिजली वितरण को आधुनिक और मजबूत बनाना है, ताकि Renewable Energy से जुड़ी आगामी परियोजनाओं को भी समुचित वितरण ढांचा मिल सके।
तीन दिन, आठ-आठ घंटे की कटौती: आम जनजीवन पर पड़ेगा असर
30 मई से 1 जून तक सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक बिजली कटौती का असर फूलपुर के हजारों उपभोक्ताओं पर पड़ने वाला है। यह कटौती स्कूलों, अस्पतालों, छोटे कारोबारियों, किसान वर्ग और घरेलू उपभोक्ताओं के लिए परेशानी का कारण बन सकती है।
विशेष रूप से गर्मी के मौसम में जब तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जा रहा है, तब लगातार 8 घंटे की बिजली कटौती आम जनजीवन को काफी प्रभावित कर सकती है। पंखे, कूलर, एसी और पानी की सप्लाई ठप होने से लोग असुविधा का सामना कर सकते हैं।
उपखंड अधिकारी की अपील: “थोड़ा सहयोग करें, दीर्घकालिक समाधान मिलेगा”
इस विद्युत कटौती के संदर्भ में विद्युत वितरण उपकेंद्र फूलपुर के उपखंड अधिकारी इंजीनियर अमन सिंह ने उपभोक्ताओं से सहयोग की अपील की है। उन्होंने बताया कि यह कार्य अत्यंत आवश्यक है और इसके बाद उपभोक्ताओं को अधिक सुरक्षित और लगातार बिजली आपूर्ति मिलेगी।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह अस्थायी असुविधा दीर्घकालिक समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। “हम उपभोक्ताओं से उम्मीद करते हैं कि वे इस कटौती के दौरान संयम बरतेंगे और हमारी टीम को सुचारू रूप से कार्य पूरा करने देंगे,” अमन सिंह ने कहा।
भविष्य की तैयारी: रिन्यूएबल एनर्जी और स्मार्ट ग्रिड की दिशा में कदम
UPPCL की यह पहल केवल जर्जर तार और खंभों को बदलने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य पूरे वितरण तंत्र को Smart Grid के अनुरूप बनाना है। आने वाले समय में जैसे-जैसे Solar Power और अन्य Renewable Energy स्रोतों का उपयोग बढ़ेगा, वैसे-वैसे वितरण प्रणाली को भी मजबूत और आधुनिक बनाना आवश्यक होगा।
आर डी एस एस योजना के तहत ऐसे क्षेत्रों में प्राथमिकता दी जा रही है जहां बिजली आपूर्ति में नियमित बाधाएं देखी गई हैं। फूलपुर जैसे क्षेत्र जो अर्ध-ग्रामीण और कृषि प्रधान हैं, वहां यह योजना विशेष रूप से प्रभावी मानी जा रही है।
स्थानीय जनता को जानकारी देने के प्रयास
विद्युत विभाग की ओर से पहले ही स्थानीय प्रशासन के माध्यम से लोगों को सूचित किया जा चुका है। स्थानीय समाचार पत्रों, सोशल मीडिया, सार्वजनिक घोषणाओं और पंचायत स्तर पर सूचना साझा की गई है ताकि उपभोक्ता पहले से ही आवश्यक तैयारी कर सकें।
इसके अलावा हेल्पलाइन नंबर और WhatsApp ग्रुप के माध्यम से भी फीडर स्तर पर जानकारी दी जा रही है ताकि आपात स्थिति में उपभोक्ता सहायता प्राप्त कर सकें।
अल्पकालिक असुविधा, दीर्घकालिक लाभ
यद्यपि तीन दिनों तक प्रतिदिन आठ घंटे बिजली कटौती एक बड़ी असुविधा है, लेकिन इसका उद्देश्य एक सुदृढ़ और स्थायी विद्युत आपूर्ति प्रणाली बनाना है। फूलपुर क्षेत्र के उपभोक्ताओं को इसके बाद और बेहतर, अधिक स्थिर बिजली सेवा मिलने की उम्मीद की जा रही है।
यदि यह योजना सफल रहती है तो भविष्य में ऐसे अन्य उपकेंद्रों में भी इसी तरह के कार्य किए जाएंगे। UPPCL के अधिकारी और तकनीकी टीम इस परियोजना को समय पर और गुणवत्ता के साथ पूरा करने में जुटे हुए हैं।