
उत्तर प्रदेश सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक अहम फैसला लेते हुए UPPCL के जरिए बिजली बिल भुगतान की प्रक्रिया को पहले से कहीं अधिक सरल बना दिया है। अब उपभोक्ताओं को ऑनलाइन माध्यम से बिजली बिल भरने में बार-बार तकनीकी अड़चनों और डिस्कॉम (DISCOM) के नाम की जानकारी देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सरकार की इस पहल से जहां उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी, वहीं ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में भी पारदर्शिता और सटीकता बढ़ेगी।
मोबाइल एप से बिजली बिल भुगतान में हुआ बड़ा बदलाव
अब तक अगर कोई उपभोक्ता BHIM App, Google Pay, Phone Pe, Paytm या Amazon Pay जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म से बिजली बिल भुगतान करना चाहता था, तो उसे अपने जिले के विद्युत वितरण कंपनी यानी DISCOM का चयन करना होता था। यह प्रक्रिया आम उपभोक्ताओं के लिए उलझन भरी होती थी क्योंकि सभी को अपने DISCOM की सटीक जानकारी नहीं होती। गलत कंपनी के चयन से भुगतान में देरी या असफलता की स्थिति बनती थी।
लेकिन अब, उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने इस व्यवस्था को पूरी तरह बदल दिया है। अब उपभोक्ता को सिर्फ दो चीजें ही चुननी होंगी — “UPPCL” और “अपना जिला”। इसके बाद खाता संख्या भरते ही बिल की जानकारी स्वतः सिस्टम में दिखने लगेगी। इससे गलतियों की संभावना काफी हद तक खत्म हो जाएगी और प्रक्रिया अधिक सहज हो जाएगी।
UPPCL की नई व्यवस्था से क्या मिलेगा लाभ?
UPPCL की इस नई डिजिटल पहल से सीधे तौर पर करोड़ों बिजली उपभोक्ताओं को लाभ होगा। सबसे पहला फायदा यह है कि अब उपभोक्ताओं को DISCOM की जानकारी ढूंढ़ने की आवश्यकता नहीं होगी। यह विशेष रूप से उन ग्रामीण और कम डिजिटल-शिक्षित उपभोक्ताओं के लिए लाभदायक है, जिन्हें तकनीकी जानकारी की कमी के कारण अब तक ऑनलाइन भुगतान से दूरी बनानी पड़ती थी।
इसके अलावा, यह सुविधा अब केवल UPPCL की वेबसाइट तक सीमित नहीं रही, बल्कि विभिन्न लोकप्रिय डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म जैसे BHIM, Google Pay, PhonePe, Paytm और Amazon Pay पर भी उपलब्ध है। इससे उपभोक्ता किसी भी प्लेटफॉर्म का चयन कर आसानी से और तेजी से बिल भुगतान कर सकते हैं।
गलत भुगतान की समस्या से मिलेगा छुटकारा
बिजली बिल भुगतान के दौरान अब तक सबसे बड़ी समस्या गलत DISCOM चुनने की होती थी। उदाहरण के लिए, अगर कोई उपभोक्ता लखनऊ का है और गलती से वाराणसी की विद्युत वितरण कंपनी को चुन लेता है, तो न केवल भुगतान फेल होता है, बल्कि वापस रिफंड की प्रक्रिया भी समय लेने वाली होती है। इससे उपभोक्ताओं को आर्थिक और मानसिक दोनों तरह की परेशानी उठानी पड़ती थी।
लेकिन अब नई व्यवस्था में उपभोक्ता का जिला चयन करने पर स्वतः उस क्षेत्र की जानकारी सिस्टम में आ जाएगी और केवल खाता संख्या डालते ही बिल की सही जानकारी सामने आ जाएगी। इस बदलाव से उपभोक्ताओं की गलती की संभावना लगभग समाप्त हो जाएगी।
राज्य सरकार की डिजिटल गवर्नेंस की दिशा में बड़ा कदम
उत्तर प्रदेश सरकार और UPPCL की यह पहल राज्य में डिजिटल गवर्नेंस को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया अभियान को आगे बढ़ाते हुए प्रदेश सरकार ने लगातार अपने विभागों में तकनीकी नवाचारों को प्राथमिकता दी है। बिजली विभाग का यह डिजिटल सुधार भी इसी क्रम का हिस्सा है।
इससे पहले यह सुविधा सिर्फ UPPCL की वेबसाइट पर ही उपलब्ध थी, जिससे केवल सीमित संख्या में तकनीकी रूप से दक्ष उपभोक्ता ही इसका लाभ उठा पा रहे थे। लेकिन अब जैसे-जैसे यह सुविधा मोबाइल ऐप्स और UPI बेस्ड पेमेंट प्लेटफॉर्म पर भी आ गई है, वैसे-वैसे इसका दायरा बढ़ता जा रहा है।
क्या वाकई आसान हो जाएगा बिजली बिल भरना?
देखा जाए तो यह बदलाव तकनीकी रूप से काफी सकारात्मक है और उपभोक्ताओं को सहूलियत देगा। लेकिन इसकी सफलता इस बात पर भी निर्भर करेगी कि उपभोक्ताओं को इस नई व्यवस्था की पूरी जानकारी मिल रही है या नहीं। यदि जागरूकता अभियान चलाए जाएं और सोशल मीडिया से लेकर लोकल स्तर तक जानकारी फैलाई जाए, तो यह योजना पूरी तरह सफल हो सकती है।
दूसरी ओर, तकनीकी गड़बड़ियों से इनकार नहीं किया जा सकता। यह देखा जाना अभी बाकी है कि क्या सभी जिलों और सभी पेमेंट प्लेटफॉर्म पर यह सुविधा पूरी तरह से एक जैसी काम कर रही है या नहीं। हालांकि, फिलहाल सरकार की ओर से दावा किया गया है कि यह सुविधा सभी बड़े UPI प्लेटफॉर्म पर लाइव है।
बिजली विभाग की भविष्य की योजनाएं
UPPCL की इस नई सुविधा के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में बिल भुगतान से संबंधित अन्य तकनीकी सुधार भी देखने को मिलेंगे। संभव है कि भविष्य में रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy के उपभोक्ताओं के लिए अलग से डिजिटल पोर्टल भी शुरू किए जाएं, ताकि उनके बिल और सब्सिडी की प्रक्रिया को भी पारदर्शी बनाया जा सके।
राज्य सरकार और UPPCL की संयुक्त कोशिश है कि बिजली उपभोक्ताओं को बेहतर, सरल और तेज सेवाएं मिलें ताकि डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा दिया जा सके और कागजी प्रक्रिया को खत्म किया जा सके।